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________________ राष्ट्रीयकरण राष्ट्रीयकरण - सं० (५०) राष्ट्रीय बनाना, राष्ट्र की संपत्ति के रूप में ले लेना राष्ट्रीकृत - सं० (वि०) राष्ट्र का बनाया हुआ राष्ट्रीय-सं० (वि०) राष्ट्र का (जैसे- राष्ट्रीय झंडा) । ~करण (पु०) = राष्ट्रीकरण; ~कृत (वि०) = राष्ट्रीकृत; ता (स्त्री०) राष्ट्रीय होने का भाव; ~ता वाद (स्त्री०) राष्ट्रवाद ~ता वादी (वि०) = राष्ट्रवादी; ता विरोधी (वि०) राष्ट्रीय भावना का विरोध करनेवाला; राष्ट्रीयत्व - सं० ( पु० ) राष्ट्रीयता राष्ट्रोत्थान-सं० (पु०) राष्ट्र का उत्थान, राष्ट्र की उन्नति = = राष्ट्रोन्माद - सं० ( पु० ) अपने राष्ट्र को बड़ा मानने का पागलपन रास - I सं० (स्त्री०) आनंदमय क्रीड़ा, विलास । क्रीड़ा (स्त्री०) विलास क्रीड़ा; धारी (पु०) रासलीला करनेवालों का समूह; ~ यात्रा (स्त्री०) शरत् पूर्णिमा के दिन मनाया जानेवाला उत्सव रंग (पु० ) = रास क्रीड़ा; ~लीला (स्त्री०) कृष्ण और गोपियों की प्रेममयी लीलाएँ; ~ विलास (पु० ) = रास क्रीड़ा रास-II(स्त्री०) समूह, ढेर राशि (जैसे- गेहूँ की रास) रास - III (स्त्री०) 1 रस्सी 2 लगाम रास - IV (स्त्री०) (ज्योतिष की ) राशि चक्र (पु० ) राशियाँ दिखाने की कुंडली रास - V अं० (वि०) 1 उचित, ठीक 2 अनुकूल रासक-सं० (पु० ) हास्यरस प्रधान उपरूपक रासन - [सं० (वि०) स्वादिष्ट रासन - II अं० (पु० ) = राशन रासभ सं० (पु०) गधा रासा - ( पु० ) 1 लड़ाई झगड़ा 2 रासो काव्य रासायनिक-सं० (वि०) = रसायनिक रासी - (वि०) 1 ख़राब, नकली 2 मिलावटवाला रासेरस - सं० ( पु० ) 1 गोष्ठी 2 रास क्रीड़ा 3 सजावट 4 हँसी ठठ्ठा 5 उत्सव रासो - (पु० ) राजा का पद्यमय जीवन चरित्र (जैसे- पृथ्वीराज रासो, रासो काव्य) रास्त - फ़ा० (वि०) 1 दाहिना 2 सीधा, सरल। ~गो (वि०) सत्य बोलनेवाला; -बाज़ (वि०) सच्चा, ईमानदार; ~बाज़ी (स्त्री०) सच्चाई, ईमानदारी रास्ता - फ़ा० (पु० ) 1 मार्ग, राह 2 प्रथा, रीति 3 उपाय, तरक़ीब (जैसे- बचाव का एक ही रास्ता है) । ~काटना रास्ता तय होना, मंजिल पर आ पहुँचना; काटना चलते राही के सामने से निकल जाना (जैसे-बिल्ली का रास्ता काटना); ~देखना प्रतीक्षा करना; बताना टालना, हटाना; रास्ते पर लाना 1 उचित मार्ग पर लाना 2 ठीक करना राह-फ़ा० (स्त्री०) 1 रास्ता, पथ 2 उचित ढंग 3 प्रथा, रीति (जैसे- किस राह काम किया जाए) । ~खर्च (पु०) मार्ग व्यय; ~ गीर ( पु० ) 1 पथिक 2 यात्री; चलता हिं० (पु० ) 1 रास्ता चलनेवाला 2 पथिक 3 साधारण आदमी 4 अजनबी चौरंगी + हिं० बो० चौरस्ता, चौमुहानी; जन (पु०) लुटेरा, डाकू ज़नी (स्त्री०) लूट, डकैती; ~दार (पु० ) 1 रास्ते की रक्षा करनेवाला 2 यात्रियों से कर रिज़र्व वसूलनेवाला; दारी (स्त्री०) 1 राह का कर 2 चुंगी; ~नुमा (पु० ) (वि०) पथ प्रदर्शक नुमाई (स्त्री०) पथ प्रदर्शन; ~ रस्म + अं०, रीति + सं० (स्त्री०) 1 मेल जोल, व्यवहार 2 चाल, प्रथा (मु०) ताकना, देखना प्रतीक्षा करना; पड़ना डाका पड़ना; ~ लगाना काम देखना राहत अं० (स्त्री०) 1 आराम, चैन 2 सुख करार राहना - (स० क्रि०) बो० 1 खुरदुरा करना (जैसे- चक्की का पाटा राहना, रेती आदि को खुरदरा बनाना) शहर-बो० (पु०) अरहर (अन्न) राहा-बो० (पु०) चक्की के नीचे का पाट बैठाने के लिए मिट्टी का बना चबूतरा राहित्य-सं० (पु० ) अभाव, न होना राहिन - I सं० (पु० ) रेहन रखनेवाला व्यक्ति II (वि०) बंधक रखनेवाला 701 राही - फ़ा० ( पु० ) मुसाफ़िर, राहगीर, पथिक राहु-सं० (पु० ) 1 नौ ग्रहों में एक ग्रह 2 कष्टदायक व्यक्ति या पदार्थ (जैसे- क्या आज तुम्हें राह ने बाँध रखा है)। प्रसन = (पु० ) ग्रहण; ~ ग्रस्त (पु० ) राहु ग्रसन - शत्रु ( पु० ) चंद्रमा, राहे रास्त - फ़ा० (पु० ) सीधा रास्ता, सन्मार्ग रिंग-अं० (स्त्री०) 1 छल्ला 2 अँगूठी 3 चूड़ी 4 वलय घेरा (वि०) ग्रहण लगा हुआ; प्रौ दशा (स्त्री०) राहु की स्थिति; स्पर्श ( पु० ) ग्रहण रिंगण - सं० ( पु० ) 1 रेंगना 2 फिसलना 3 खिसकना, सरकना 4 डिगना रिंगाना - (स० क्रि०) = रेंगाना रिंच-अं० ( पु० ) नट बोल्ट खोलने का एक उपकरण रिंद - फ़ा० (पु० ) धार्मिक बंधनों को न माननेवाला, स्वच्छंद, मनमौजी व्यक्ति रिआयत - अ० (स्त्री०) 1 रहम, नरमी 2 मेहरबानी 3 ख़याल 4 कृपापूर्ण बर्ताव करना 5 लिहाज़ 6 तरफ़दारी (जैसे-रिआयत करना) रिआयती - अ० + फ़ा० (वि०) रिआयत किया हुआ रिआया- अ० (स्त्री०) प्रजा, जनता रिएक्टर -अं० (५०) नाभिकीय भट्टी रिकशा - अं० (पु०) की छोटी गाड़ी। चलानेवाला आदमी द्वारा खींची जानेवाली एक तरह चालक + सं० (पु० ) रिकशा रकाबी रिकाब - अ० (स्त्री० ) रिकाबी - फ़ा० (स्त्री०) रिकार्ड - अं० (पु० ) 1 अभिलेख 2 कीर्तिमान । कीपर (पु० ) अभिलेख पाल; ~ होल्डर (पु०) कीर्तिमानधारी रिकार्डिंग -अं० (स्त्री०) अभिलेखन रिक्त-सं० (वि०) खाली, शून्य (जैसे- रिक्त स्थान, रिक्त घड़ा) । ~ता (स्त्री०) रिक्त होने का भाव; ~ हस्त (वि०) 1 निर्धन 2 खाली हाथ = रक़ाब रिक्ति-सं० (स्त्री०) = रिक्तता रिक्थ-सं० ( पु० ) उत्तराधिकार में प्राप्त धन रिक्थी-सं० रिक्थ पानेवाला रिक्षा-सं० (स्त्री०) 1 जूँ का अंडा, लीख 2 त्रसरेणु रिज़र्व - अं० (वि०) 1 रक्षित (जैसे-रिजर्व सेना, रिजर्व फ़ौज )
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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