SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 70
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अद्धांग 56 अलग लेनेवाला य, व) आधी देह ? (वि०) आधा बेहोश; रात्रि (स्त्री०) आधी रात; अर्श-अ० (पु०) 1 तख्न 2 छत 3 आकाश 4 सर्वोच्च स्वर्ग वयस्क (वि०) जो अल्पव्यस्क हो; वर्ष (पु०) साल ..(इस्लाम धर्म) बहिश्त पर चढ़ाना बहुत श्रेष्ठ ठहराना; का आधा भाग; ~वार्विक (वि०) छह माह वाली, छमाही; ~पर होना अपनी शक्ति एवं सामर्थ्य पर इतराना 2 अपने को -विक्षिप्त (वि०) आधा पागल, ~वृत (पु०) आधा बहुत बड़ा समझना; ~से फर्श तक आकाश से धरती तक: गोल या वृत्त; ~वृत्ताकार (वि०) आधे गोले के आकार दिमाग या मिजाज अर्श पर होना अत्यधिक अभिमान का; ~वृद्ध (वि०) अधेड़ उम्र का; व्यास (पु.) वृत्त के करना; ~से गिरा खजूर पर अटका पुनः संकट में आकर केंद्र से परिधि तक दूरी; ~शताब्दी (स्त्री०) पचास वर्ष; फैसना शताब्दी समारोह (पु०) स्वर्ण जयन्ती; ~शती आधी अर्श-सं० (पु०) बवासीर । हर (पु०) अर्श या बवासीर शताब्दी, पचास वर्ष; ~शब्द (वि०) धीमी आवाज़वाला; मर्ज़ में लाभ करनेवाली वस्तु शासकीय (वि०) अर्ध सरकारी; शिक्षित (वि०) अर्शी-सं० (वि०) बवासीर का रोगी अधूरा पढ़ा-लिखा; शेष (वि०) जिसका आधा ही बचा अहत-I सं० (पु०) 1 बौद्ध पुरोहित 2 जैन II (वि०) सुयोग्य हो; ~सम (वि०) आधे के बराबर; ~साक्षर (वि०) अर्ह-I सं० (वि०) 1 पूजनीय 2 सम्मान्य 3 योग्य 4 उपयुक्त अधूरा पढ़ा हुआ; साप्ताहिक सप्ताह में दो बार निकलने __II (पु०) औचित्य, उपयुक्तता। या होनेवाला; ~सीरी (पु०) परिश्रम के बदले आधी फसल अर्हण-सं० (पु०) 1 पूजा 2 सम्मान लेनेवाला कृषक; स्वर (पु०) (ध्वनि) आधा स्वर आधा अर्हणीय-सं० (वि०) पूजा या सम्मान के योग्य व्यंजन (जैसे-य, व) अर्हता-सं० (स्त्री०) योग्यता, उपयुक्ता अद्धांग-सं० (वि०) 1 आधी देह 2 पक्षाघात रोग 3 शिव। अद्य-सं० (वि०) 1पूजनीय 2 प्रशंसनीय 3 योग्य यात (पु०) अंगघात रोग, अधरंग 4 अधिकारी अद्धांगिनी सं० (स्त्री०) पत्नी अलंकरण-सं० (पु०) 1सजाना 2 सजावट 3 आभूषण अद्धांगी-सं० (पु०) 1शिव 2 पक्षघात का रोगी अलंकार-सं० (पु०) 1सजावट 2 आभूषण 3 रचनागत अद्धाशी-सं० (वि०) आधे हिस्से का अधिकारी विशिष्ट शब्द योजना या अर्थ चमत्कार (जैसे-उपमा, रूपक, अद्धि-सं० (वि०) 1आधे-आधे 2 आधे का आधा, चौथाई अनुप्रास आदि)। ~मय (वि०) अलंकारयुक्त, अलंकृत; अोली-सं० (स्त्री०) आधी चौपाई ~वाद (पु०) यह मत कि साहित्य में अलंकार अनिवार्य है। अर्धाकृत-सं० (वि०) 1 आधा ढका हुआ 2 आधा घिरा हुआ ~शास्त्र (पु०) वह शास्त्र जिसमें अलंकारों का वर्णन हो अशिन-सं० (पु०) आधा भोजन अलंकृत-सं० (वि०) जिसे सजाया गया हो अर्द्धिक-I सं० (वि०) 1माप में आधा 2 आधे का अधिकारी अलंकृति-सं० (स्त्री०) 1 अलंकार 2 सजावट II (प०) ब्राह्मण पिता और वैश्य माता से उत्पन्न संतान अलैंग-(पु०) और, तरफ़ अछेद-सं० (पु०) आधा (अष्टमी का) चांद अलंघनीय, अलंध्य-सं० (वि०) 1 जो लाँघा या पार न किया अोत्तोलित-सं० (वि०) आधा उठाया गया जा सके 2 अटल अद्धोत्थित-सं० (वि०) आधा उठा हुआ अलक-सं० (पु०) 1 माथे पर लटकते बाल 2 जुल्फ़ अद्धोन्मीलित-सं० (वि०) आधा खिला/खुला हुआ 3 धुंघराले बाल 4 महावर अर्ध-I सं० (वि०) आधा II 1आधा भाग 2 भाग (देखें | अलकतरा-अ० (पु०) एक गाढ़ा तरल पदार्थ जो पत्थर के अर्द्ध) कोयले की विशेष रासायनिक क्रिया द्वारा गलाने से बनता है अर्पक-सं० (वि०) अर्पण करनेवाला। पत्र (पु०) वह पत्र अलकली-अं० (स्त्री०) क्षार, खार जिसमें यह लिखा हो कि अमुक संपत्ति अमुक व्यक्ति को अलका-सं० (स्त्री०) 1 कुबेरपुरी 2 आठ दस वर्ष की बालिका अर्पण कर दी गयी अलकावलि-सं० (स्त्री०) 1 सँवारे हुए बालों की पंक्तियां अर्पण-सं० (पु०) 1 सौंपना 2 मेंट करना 2 धुंघराले बाल अर्पित-सं० (वि०) अर्पण किया हआ अलकोहल-अं० (पु०) सुरासार, स्पिरिट अर्बुद-सं० (पु०) 1 अरब, सौ करोड़ की संख्या 2 आबू पर्वत अलक्त, अलक्तक-सं० (पु०) 1 लाख 2 महावर 3 गाँठ का फोड़ा अलक्षण-I सं० (वि०) 1चिह्नरहित 2 अशुभ 3 II (पु०) अर्भ-सं० (पु०) 1शिशु 2 छात्र 3 कुशा 1 अपशकुन 2 बुरा चिह्न 3 अनुपयुक्त परिभाषा अर्भक-I सं० (पु.) 1 बच्चा 2 बैना 3 मूर्ख II (वि०) अलक्षित-सं० (वि०) 1न देखा हुआ 2 अज्ञात 3 अदृश्य 1 थोड़ा 2 दुबला 3 मूर्ख 4 बच्चों जैसा 4 गुप्त 5 अचर्चित अर्य-सं० (वि०) 1 श्रेष्ठ 2 पूज्य 3 सच्चा 4 प्रिय 5 दयालु अलक्ष्य-सं० (वि०) 1 अदृश्य 2 अज्ञेय 3 चिह्नरहित अर्या-सं० (स्त्री०) 1 वैश्य जाति की स्त्री 2 रखेली 4जिसका लक्षण न किया जा सके। गति (वि०) अदृश्य अर्राना-(अ० क्रि०) 1चिल्लाना 2 ज़ोर से पुकारना 3 व्यर्थ रूप से गमन करनेवाला; -लिंग (वि०) 1जो वेश बदले की बात करना हुए हो 2 नाम पता छिपा रखा हो अर्ल-अं० (पु०) सम्मानित उपाधि (इंग्लैंड का सामंत) | अलख-I (वि०) जो देखा न जा सके 2 अलक्ष्य 3 अगोचर अर्वट-सं० (पु०) भस्म या राख II (पु०) परमेश्वर निरंजन (पु०) ईश्वर अर्वाचीन-सं० (वि०) 1 आधुनिक 2 नया अलग-(क्रि० वि०) 1 पृथक्, भिन्न 2 दूर 3 तटस्थ 4 सुरक्षित
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy