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________________ मुँहामुँह होना, कलंक का टीका लगना; में खून लगना चसका लगना में गुड़ घी या घी शक्कर तुम्हारा मुँह मीठा हो; - ज़बान न रखना गूँगा होना; में थूकना बेइज़्ज़त करना; में दाँत न पेट में आंत अत्यंत वृद्ध होना; में पानी भर आना राल टपकना, ललचाना; में लगाम न होना ज़बान पर अंकुश न होना; मोड़ना 1 बेरुखी करना, ध्यान न देना 2 अलग हो जाना 3 इनकार करना; लगना 1 उलझना 2 ढिठाई करना 3 चस्का लगना; लगाना ढीठ बनाना; लटकाना 1 मुँह फुलाना 2 उदास होना 3 निराश होना; लाल होना अत्यंत क्रुद्ध होना; ~लेकर रह जाना लज्जित होकर चुप रहना, खिसियाकर रह जाना; सँभालना सोच समझकर बोलना; सीना चुप लगा लेना; सूखना 1 घबरा जाना 2 ज़ोर की प्यास लगना; ~से ऊपरी मन से, दिखावे के रूप में (जैसे- मुँह से हाल पूछ लेना); -से 'दूध टपकना नादान होना, नासमझ होना; ~से निकलना अचानक कहा जाना; से फूल झड़ना बोली में कोमलताहोना; ~ से बात न निकलना भय से आवाज़ न निकलना; ~से लार टपकना अत्यंत लोभ होना; ~स्याह होना दे० मुँह काला होना; ही में चुपके चुपके मुँहामुँह - ( क्रि० वि०) बिल्कुल ऊपर तक मुँहामुँही - ( क्रि० वि०) भरपूर लबालब मुँहासा - (पु० ) युवावस्था में चेहरे पर निकलनेवाले दाने मुअज्जन- अ० (पु० ) 1 मस्जिद में अज़ान देनेवाला व्यक्ति 2 नमाज़ का बुलावा मुअत्तल - अ० (वि० ) 1 खाली 2 अलग किया हुआ, पदच्युत (जैसे- नौकरी से मुअत्तल करना) मुअत्तली - अ० (स्त्री०) निलंबन मुअम्मा-अ० (पु० ) 1 रहस्य की बात, भेद 2 बुझौवल, पहेली 3 घुमाव फिराव की बात मुअल्ला - अ० (वि०) प्रतिष्ठित सम्मानित मुअल्लिम - अ० (पु० ) 1 शिक्षक 2 अध्यापक 3 इल्म देनेवाला व्यक्ति मुआ - (वि०) 1 मरा हुआ, मृत 2 निगोड़ा, नाकारा (जैसे- मुआ कहीं का) मुआफ़िक - अ० (वि०) 1 अनुकूल 2 तुल्य, समान 3 इच्छानुसार (जैसे-मन मुआफ़िक़) मुआफ़िक़त - अ० (स्त्री०) 1 अनुकूलता 2 मेल जोल मुआफ़ी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) माफ़ी मुआयना - अ० (पु० ) निरीक्षण मुआवज़ा - अ० (पु० ) 1 हर्जाना 2 वस्तु आदि का मूल्य ( जैसे - मकान का मुआवज़ा देना) मुआहिदा - अ० (पु० ) पक्का करार, इक़रारनामा मुकटा - बो० (पु०) पूजा के वक़्त पहनी जानेवाली एक प्रकार की रेशमी धोती 660 मुक़दमा - अ० (पु० ) 1 दावा, नालिश 2 अदालत में पेश किया गया मामला, अभियोग (जैसे- मुक़दमा करना, मुक़दमा की सुनवाई)। बाज़ + फ़ा० (पु०) = मुक़दमेबाज़; बाज़ी + फ़ा० (स्त्री०) मुक़दमेबाज़ी मुक़दमेबाज़ - अ० मुक़दमेबाज़ी - अ० + = + फ़ा० (पु० ) मुक़दमा लड़नेवाला फ़ा० (स्त्री०) मुक़दमा लड़ना मुक्त मुक़द्दम - I अ० (वि०) 1 पुरानी, प्राचीन 2 सबसे अच्छा 3 प्रधान, मुख्य II (पु०) गाँव का मुखिया, चौधरी मुक़द्दमा-अ० (पु०) मुक़दमा मुक़द्दर - अ० (पु० ) भाग्य, किस्मत (जैसे- मुक़द्दर आज़माना, मुक़द्दर की बात ) मुक़द्दस - अ० (वि०) परम पवित्र और पूज्य मुक़म्मल - अ० (वि० ) 1 संपूर्ण 2 समाप्त मुक़रना - ( अ० क्रि०) 1 हटना 2 इनकार करना (जैसे- वादे से मुकरी - (स्त्री०) एक पद्य जिसमें पहले हाँ कहा जाए फिर उसका खंडन किया जाए (जैसे- बात से मुकरना) मुकरना) मुकर्रम - अ० (वि०) 1 सम्मानित 2 पूज्य मुकर्रर - 1 अ० (वि०) 1 निश्चित 2 नियुक्त किया गया II ( क्रि० वि०) फिर से, दोबारा मुक़र्रर - अ० I (वि०) तै किया हुआ, नियुक्त II ( क्रि० वि०) अवश्य, निश्चय मुक़र्ररी - अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 नियुक्ति 2 निश्चित किया गया वेतन मुक़ाबला - अ० (पु० ) 1 बराबरी करना 2 बराबरी, समानता 3 आमना सामना 4 मिलान 5 विरोध (जैसे-शत्रु से मुक़ाबला करना) मुक़ाबिल - 1 अ० (वि०) 1 सामनेवाला 2 तुल्य, समान II (पु० ) 1 विरोधी 2 प्रतिद्वंद्वी 3 दुश्मन, शत्रु III ( क्रि० वि०) सम्मुख, सामने मुक़ाबिला - अ० (वि०) मुक़ाबला मुक़ाम - अ० (पु० ) 1 पड़ाव 2 ज़गह, स्थान 3 ठहराव, विराम 4 घर मुक़ामी-अ० + फ़ा० (वि०) मुक़ाम संबंधी मुकियाना - (स० क्रि०) मुक्कों से मारना मुकुंद - सं० ( पु० ) विष्णु मुकुट -सं० (पु० ) ताज (जैसे- मुकुट धारण करना) । ~धारी (वि०) मुकुट धारण करनेवाला (राजा) मुकुर-सं० ( पु० ) शीशा, दर्पण मुकुल -सं० (पु० ) कली मुकुलित-सं० (वि०) 1 खिला हुआ (जैसे - मुकुलित यौवन) 2 अधखुला (जैसे- मुकुलित नयन) 3 कलियों से युक्त मुक्का - (पु० ) 1 घूँसा (जैसे-मुक्का मारना) 2 घूँसे का आघात (जैसे-ज़ोर का मुक्का) + मुक्की - ( स्त्री०) 1 घूँसेबाज़ी 2 धरि-र्धरि मुक्के लगाना मुक्केबाज़ - हिं० फ़ा० (पु०) मुक्का चलानेवाला मुक्कैशी - (वि०) 1 बादले का बना हुआ 2 ज़रदोजी या ज़री काम का बना हुआ (जैसे- मुक्कैशी रूमाल) मुक्खी - (पु० ) एक तरह का क़बूतर जिसका सारा शरीर काला, हरा या लाल हो मुक्त - सं० (वि०) 1 स्वतंत्र, आज़ाद 2 छूटा हुआ (जैसे- कर मुक्त, कैद मुक्त) 3 खुला हुआ (जैसे-मुक्त वेणी) (जैसे - मुक्त कंठ, मुक्त हस्त) 4 मुक्ति प्राप्त (जैसे-भव सागर से मुक्त ) । कंठ (वि०) 1 ज़ोर से बोलनेवाला 2 निडर होकर बोलनेवाला 3 सीमा को न माननेवाला (जैसे - मुक्त कंठ से प्रशंसा करना); छंद (पु०) चरणों,
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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