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फरफराना
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फरफराना-I (अ० क्रि०) फर-फर शब्द उत्पन्न करना II ( क्रि० वि०) फर-फर शब्द करते हुए हिलना (जैसे-पतंग का
फरफराना)
फ़रमाँ - फ़ा० (पु० ) 1 अधिकारिक आदेश 2 आदेश लिखा हुआ पत्र, आदेश पत्र । गुज़ार (वि०) आज्ञाकारी; ~ गुज़ारी (स्त्री०) आज्ञाकारिता; देह (वि०) फ़रमाँगुज़ार; ~देही (स्त्री०) फ़रमागुज़ारी फ़रमाँबरदार - फ़ा० (वि०) आज्ञाकारी फ़रमाँबरदारी-फ़ा० (स्त्री०) आज्ञाकारिता फ़रमौरवा-फ़ा० (वि०) फ़रमाँगुज़ार फ़रमाँरवाई - फा० (स्त्री०) फरमाँगुज़ारी फ़रमा - अं० ( पु० ) 1 डौल, साँचा 2 कालबूत 3 काग़ज़ का पूरा तख़्ता जो एक बार में प्रेस में जाता है 4 एक बार में छपनेवाला पुस्तक आदि का निश्चित अंश 5 छापेखाने में ढाँचे में कसी हुई छपनेवाली सामग्री फ़रमाइश - फ़ा० (स्त्री०) 1 आज्ञा, आदेश 2 ऐसी वस्तु जिसके लिए अनुरोध किया गया हो (जैसे फ़रमाइश क़बूल करना) फ़रमान - फ़ा० (पु० ) 1 राजकीय आज्ञा, आज्ञापत्र 2 अस्थायी राजकीय आज्ञा फ़रमाना-फ़ा० + हिं० (स० क्रि०) कहना, आज्ञा करना फरराना - (अ० क्रि० स० क्रि०) बो० = फहराना फ़रलांग-अं० (पु०) दूरी की 220 गज की एक नाप फ़रलो -अं० (स्त्री०) आधी तनख्वाह पर दी गई लंबी छुट्टी फ़रवरी - अं० (पु० ) ईसवी सन् का दूसरा महीना फरवार - बो० (पु० ) खलिहान
फरवारी - बो० (स्त्री०) बढ़ई, नाई, ब्राह्मण आदि को दिया जानेवाला फ़सल का भाग
फरवी - (स्त्री०) भूना हुआ चावल, लाई
फ़रश - अ० (पु० ) फ़र्श फ़रशी-अ० +
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फ़ा० (वि०) फ़र्शी
फ़रसंग - फ़ा० (पु० ) 18000 फुट की फासले की एक नाप
फरसा - ( पु० ) 1 परशु 2 फावड़ा
फ़रसूदा - फ़ा० (वि०) घिसा हुआ, जीर्ण
फ़रहंग - फ़ा० ( पु० ) 1 कोश 2 टीका, व्याख्या 3 कुंजी
फ़रहत - अ० (स्त्री०) प्रसन्नता, खुशी।
बख़्श + फ़ा०
(वि०) फ़रहत देनेवाला
फरहर-बों० (वि०) तेज़, चालाक
फरहरा - I ( पु० ) पताका फरहरा - II ( वि०) फरहर
फरही-बो० (स्त्री०) ठेठेर का लकड़ी काटने का चौड़ा भाग फरा-बो० (पु०) खौलते पानी में पकाया गया एक व्यंजन फ़राऊन अ० (पु० ) = फ़रअन
फ़राख़ - फा० (वि०) चौड़ा, विस्तृत । ~ दिल (वि०) उदार हृदयवाला; ~दिली (स्त्री०) उदारता, उदार हृदयता फ़राखी - फ़ा० (स्त्री०) 1 फ़राख़ होना, फैलाव 2 खुशहाली 3 बहुलता
फ़राग़त - अ० (स्त्री०) 1 छुटकारा 2 बेफिक्री; खाना + फ़ा० (पु०) शौचालय, पाखाना फ़राज़ - I फ़ा० (वि०) ऊँचा II (पु० ) ऊँचाई, बुलंदी फ़रामोश - फ़ा० (वि०) भूला हुआ, विस्मृत । कार (वि०)
विस्मरणशील
फ़रामोशी - फ़ा० (स्त्री०) भूल-चूक, विस्मृति
फ़रार - अ० (वि०) भागा हुआ, पलायित (जैसे- फ़रार व्यक्ति) फ़रारी - I अ० + फ़ा (वि०) भाग गया II (पु० ) भागा हुआ अपराधी
फ़र्टिलाइज़र
फ़राहम - फ़ा० (वि०) इकट्ठा किया हुआ फ़राहमी - फ़ा० (स्त्री०) इकट्ठा करना, जुटाना
फरिया - (स्त्री०) 1 लहँगा 2 ओढ़नी
फ़रियाद - फ़ा० (स्त्री०) 1 शिकायत 2 दुहाई 3 नालिश (जैसे- अदालत में फ़रियाद करना)
फ़रियादी - I फ़ा० (वि०) नालिश करनेवाला II ( पु० ) अभियोक्ता
फरियाना - I (अ० क्रि०) बो० 1 साफ़ होना 2 निर्णीत होना II (स० क्रि०) 1 निर्णय करना 2 साफ़ करना फ़रिश्ता - फ़ा० (पु० ) 1 देवदूत 2 देवता 3 लोकोपकारी तथा सात्विक वृत्तिवाला व्यक्ति
फरी-बो० (स्त्री०) चमड़े की ढाल
फ़रीक़ - अ० ( पु० ) 1 जुदा करनेवाला 2 वादी-प्रतिवादी पक्ष का कोई व्यक्ति 3 जमात। ~ औवल (पु० ) मुद्दई; ~सानी (पु०) मुद्दालेह; बंदी फ़ा० (स्त्री०) गुटबंदी, तरफ़दारी; ~ सालिस (पु० ) तीसरा पक्ष फ़रीक़े अव्वल - अ० + फ़ा० + अ० (पु०) = फ़रीक़ अव्वल फ़रीके सानी-अ० + फ़ा० + अ० ( पु० ) फ़रीक़ सानी फ़रीक़ैन- अ० (पु०) उभय पक्ष
=
फ़रीज़ा - अ० ( पु० ) खुदा का हुक्म, ईश्वरीय आदेश फरुआ-बो० (पु०) फावड़ा फरुई - (स्त्री०) फरुही
फरुहा - बो० (पु०) फावड़ा
फरुही - I बो० (स्त्री०) छोटा फावड़ा II भूना हुआ चावल, लाई फ़रफ़्ता - फ़ा० (वि०) 1 मोहित, मुग्ध 2 प्रेमी, आशिक फ़रेब - I फ़ा० (पु० ) छल, धोखा II (वि०) (समास के अंत में) लुभानेवाला, ठगनेवाला (जैसे-दिल फ़रेब, नज़र फ़रेब) । ~ कार (वि०) धोखेबाज़, ठगनेवाला फ़रेबी-फ़ा० (वि०) फ़रेब करनेवाला फरेरा-बो० (पु०) झंडा, पताका
+
फ़रोख्त - फ़ा० (स्त्री०) बिक्री, विक्रय (जैसे-खरीद फरोख़्त) फ़रोख़्ता - फ़ा० (वि०) बिका हुआ
फ़रोश - फ़ा० (वि०) (समास के अंत में) बेचनेवाला (जैसे- दवाफ़रोश, हुस्नफ़रोश )
= फ़रक़
फ़रोशी-फ़ा० (स्त्री०) 1 बेचना 2 बेचने से प्राप्त धन, बिक्री फ़र्क़ - अ० ( पु० ) फ़र्ज़द - फ़ा० (पु० ) = फ़रज़ंद फ़र्ज़ - अ० (पु० )
1 कर्तव्य, कर्म 2 शास्त्र विहित कर्म
3 ज़िम्मेदारी 4 कल्पना
फ़र्जी-अ० (वि०) 1 फ़र्ज़ किया हुआ, काल्पनिक 2 आवश्यक कर्तव्य
=
फ़र्ज़ी - फ़ा० (पु०) फ़रज़ी फ़र्ज़े मुहाल - अ० + फ़ा० + अ० (पु०) असंभव को संभव मान लेना
फर्टिलाइज़र-अं० (पु० ) उर्वरक (खाद )