SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 530
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पूर्वक 516 पूर्वक-सं० (अ०) सहित् या साथ जैसे-ध्यानपूर्वक, | पूर्वोत्तरीय-सं० (वि०) पूरब-उत्तर से संबंधित नम्रतापूर्वक पूर्वोदाहरण-सं० (पु०) = पूर्विका पूर्वतः-सं० (अ०) 1 पहले 2 सामने पूर्वोदित-सं० (वि०) = पूर्वोक्त पूर्वा-सं० (स्त्री०) 1 पूर्व दिशा, पूरब 2 राजाओं आदि के महान पूर्वोपाय-सं० (पु०) पहले से किया जानेवाला उपाय कार्यों का उल्लेख, प्रशास्ति पूर्वोपायी-सं० (वि०) पहले से उपाय करनेवाला पूर्वाकलन-सं० (पु०) पूर्व की गणना पूला-(पु०) घास-फूस आदि का बँधा गटठर पूर्वागम-सं० (पु०) भाषा विज्ञान में शब्द के आदि में रहनेवाले | पूली-(स्त्री०) = छोटा पूला व्यंजन के साथ स्वाभाविक रूप से 'इ', 'उ' स्वर का लगना | पूष-सं० (पु०) पौष का महीना (जैसे-'स्त्री' का उच्चारण ‘इस्त्री' के रूप में पूर्वागम का प्रयोग | पूस-(पु०) विक्रमी संवत् का दसवाँ महीना, पौष पृक्का -सं० (स्त्री०) असवरग नाम का गंधद्रव्य पूर्वाग्रह-सं० (पु०) पहले से निश्चित कर रखा गया मत पृक्त-सं० (वि०) 1 मिला हुआ, मिश्रित 2 संबंद्ध, भरा हुआ पूर्वाग्रही-सं० (वि०) पहले से मत निश्चित कर रखनेवाला पृक्ति-सं० (स्त्री०) 1 संबंध, लगाव 2 स्पर्श 3 मिलन पूर्वदिश-सं० (पु०) 1 पहले से दिया हआ आदेश 2 पहले से | पृक्थ-सं० (पु०) धन, संपत्ति बतलाई हुई कार्यप्रणाली पृच्छक-सं० (वि०) 1 प्रश्न करनेवाला 2 जिज्ञास पूर्वाधिकारी-सं० (पु०) जो व्यक्ति पहले से अधिकारी के रूप पृच्छन-सं० (पु०) पूछना में रह चुका हो पृच्छय-सं० (वि०) पूछने योग्य पूर्वानिल-सं० (पु०) पूरब से आनेवाली हवा, पुरवा पृच्छा-सं० (पु०) सवाल, प्रश्न पूर्वानुमान-सं० (पु०) पहले से की जानेवाली कल्पना, पृथक्-सं० (वि०) 1 अलग, भित्र 2 हटाया हुआ (जैसे-उसे पूर्वकल्पना (जैसे-घटना का पूर्वानुमान) उच्च श्रेणी से पृथक् कर दिया गया)। ~ता (स्त्री०) पूर्वानुराग-सं० (पु०) - पूर्व-राग पार्थक्य; ता वाद (पु०) अलगाववाद; ता वादी पूर्वापर-1 सं० (अ०) आगे-पीछे II (वि०) आगे का और (वि०) अलगाववादी पीछे का III (पु०) आगा-पीछा, ऊँच-नीच बात | पृथक्करण-सं० (पु०) 1 अलग करने की क्रिया 2 काटकर (जैसे-पूर्वापर तथ्यों पर विचार करना) अंग अलग करना 3 पद से हटाना पूर्वापक्षया-सं० (क्रि० वि०) पहले की तुलना में पृथक्कारी-सं० (वि०) अलग करनेवाला पूर्वाभास-सं० (पु०) पूर्वज्ञान पृथक्तव-सं० (पु०) अलगाव, पार्थक्य पूर्वाभिनय-सं० (पु०) नियत समय से किया जानेवाला पृथगात्मा-सं० (वि०) भिन्न, विशिष्ट यथा-तथ्य अभ्यास, रिहर्सल पृथगात्मिका-सं० (स्त्री०) व्यक्तिगत सत्ता पूर्वाभिमुख-1 सं० (वि०) जिसका मुँह, रुख पूरब की ओर हो पृथग्भाव-सं० (पु०) 1 भिन्न अवस्था 2 अंतर, भित्रता II (अ०) पूरब की ओर मुंह करके पृथगवासन-सं० (पु०) अलग-अलग बसाने का काम पूर्वाभ्यास-[ सं० (पु०) किसी कार्य आदि को दर्शकों के पृथग्विध-सं० (वि०) अनेक प्रकार का समक्ष प्रस्तुत करने के पहले उसका किया जानेवाला अभ्यास, | पृथिवी-सं० (स्त्री०) = पृथ्वी रिहर्सल || (वि०) दे० पूर्वाभिनय पृथु, पृथुल-सं० (वि०) 1 अधिक विस्तारवाला, विस्तीर्ण पूर्वार्जित-सं० (वि०) पहले का अर्जित किया हुआ, पहले का 2 बड़ा, महान् 3 अगणित, अत्यधिक 4 चतुर, होशियार 5 कमाया हुआ महत्वपूर्ण। ~दर्शी (वि०) दूरदर्शी; ~लोचन (वि०) पूर्वार्द्ध-सं० (पु०) शुरु का आधा हिस्सा (जैसे-मैच के पूर्वार्द्ध | बड़ी-बड़ी आँखोंवाला में गोल नहीं हुआ) पृथूदर-सं० (वि०) बड़े पेटवाला पूर्वावश्यक-सं० (वि०) जो पहले ज़रूरी हो। ता (स्त्री०) पृथ्वी-सं० (स्त्री०) 1 धरती, ज़मीन, स्थल 2 सौर्य मंडल का पहले की ज़रूरत प्रसिद्ध ग्रह जिसपर मर्त्यलोक स्थित है 3 स्वर्ग और नरक से पूर्वावस्था-सं० (स्त्री०) = पूर्व स्थिति भिन्न हमारा विश्व जिसमें हम लोगों की सत्ता है। तल पूर्वाह्न -सं० (पु०) सबेरे से दोपहर तक का समय, दिन का (पु०) 1 जमीन का ऊपरी धरातल जिसपर सभी चर, अचर पहला भाग (जैसे-वह पूर्वाह्न में ही आगरा प्रस्थान कर गए) जीवधारिओं एवं वस्तुओं का अस्तित्व है 2 दुनिया, संसार; पूर्विका-सं० (स्त्री०) नजीर रूप में पहले की घटना नाथ (पु०) राजा; परिक्रमा (स्त्री०) पृथ्वी का चक्कर पूर्वी-सं० (वि०) पूरब का, पूरबी (जैसे-पूर्वी देश उन्नति प्रधान पृश्नि-सं० (वि०) 1 दुबला-पतला, कृश 2 चितकबरा देश हैं) ___3 साधारण, मामूली पूर्वीण-सं० (वि०) 1 पुराना 2 पैतृक पृषोदर-सं० (वि०) छोटे पेटवाला पूर्वीय-सं० (वि०) = पूर्वी पृष्ट-सं० (वि०) 1 पूछा हुआ 2 जिससे पूछा गया हो पूर्वोक्त-सं० (वि०) जो पहले कहा जा चुका हो पृष्ठ-सं० (पु०) 1 पत्रा (जैसे-किताब का अंतिम पृष्ठ फटा है) पूर्वोत्तर-सं० (वि०) पूर्व और उत्तर के बीच का (जैसे-पूर्वोत्तर | 2 वस्तु, पदार्थ आदि के पीछे का भाग, पीठ (जैसे-आलमारी रेलवे) का पृष्ठ भाग टूट गया है) 3 पदार्थ का ऊपरी तल पूर्वोत्तरा-सं० (स्त्री०) पूर्व और उत्तर के मध्य की दिशा | (जैसे-पलंग का पृष्ठ भाग बहुत चिकना है)। करण ती
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy