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पुनर्भाव
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पुरा
यात्रा
पुनर्भाव-सं० (पु०) पुनर्जन्म
है (जैसे-अनुगमन में 'अनु' पूर्व प्रत्यय है); ~~सर I (वि०) पुनर्भू-सं० (स्त्री०) पति के मरने पर पुनः विवाह करनेवाली स्त्री 1 मिला हुआ, युक्त 2 साथ होनेवाला II (पू०) आगे-आगे पुनभोग-सं० पूर्व कर्मों का प्राप्त होनेवाला फल, भोग चलनेवाला, अगुआ; ~स्थ (वि०) आगे रखा हुआ; पुनर्मिलन-सं० (पु०) फिर से मिलना, पुनः मिलाप होना ~स्थापन (पु०) आगे रखना पुनर्मुद्रण-सं० (पु०) फिर से छापना 2 पुनः प्रकाशन पुरंदर-सं० (पु०) इंद्र पुनर्मुद्रणाधिकार-सं० (पु०) फिर छापने का अधिकार पुर-[सं० (वि०) भरा हुआ, पूर्ण II (पु०) 1 बस्ती 2 घर पुनर्मुद्रित-सं० (वि०) पुनः छापा हुआ।
3 नगर 4 अटारी, कोठा। द्वार (पु०) 1 नगर का फाटक पुनर्मूल्यन-सं० (पु०) फिर से दाम लगाना
2 पुर का मुख्य दरवाज़ा; ~वासी (पू०) नगर का रहनेवाला, पुनर्मूल्यांकन सं० (पु०) फिर से मूल्य आँकना
नागरिक पुनर्रचना-सं० (पु०) : पुनः रचना
पुर-(पु०) कुएँ से पानी खींचने का मोट, चरसा। लेना पानी पुनर्वचन-सं० (पु०) - पुनरुक्ति
भरा पुरवट खींचकर उसका पानी गिराना पुनर्वरण-सं० (पु०) फिर से चुनना
पुर-फ़ा० (वि०) भरा हुआ, पूर्ण। ~अमन +अ० (वि०) पुनर्वर्गीकरण-सं० (पु०) फिर से वर्गों में बाँटना
शांतिमय, शांतिपूर्णः ~असर +अ (वि०) प्रभावपूर्ण; पुनर्वाद-सं० (पु०) पुनः कोई बात उसी रूप में कहना ~ज़ोर (वि०) 1 जोरदार 2 ओजपूर्णः -जोश (वि०) पुनर्वादी-सं० (वि०) 1 फिर से कहनेवाला 2 फिर से विचार | जोश में भरा हुआ, जोशपूर्ण; ~मज़ाक +अ० (वि०) हेतु प्रार्थना करनेवाला
हास्यपूर्ण; ~शोर (वि०) शोरगुलवाला, कोलाहलपूर्ण पुनर्वास-सं० (पु०) 1 फिर से बसना 2 फिर से बसाना, पुरखा-(पु०) 1 पूर्वज 2 सयाना और वृद्ध व्यक्ति (स्त्री० आबाद करना; --मंत्री (पु.)
पुरखिन) । पुरखे तर जाना पूर्वजों को उत्तम गति प्राप्त होना, पुनर्वासन-सं० (पु०) फिर से बसाने की क्रिया
कृत्य-कृत्य होना पुनर्विचार-सं० (पु०) फिर से विचार करना (जैसे-मुकदमे पर पुरचक-(सतरी०) 1चुमकार, पुचकार 2 बढ़ावा, प्रेरणा,
पुनर्विचार की अनुमति दी जानी चाहिये)। न्यायालय __ उकसाना 3 पृष्टपोषण (पु०) वह अदालत जहाँ पुनर्विचार किया जाय; ~प्रार्थना पुरज़ा-फा० (पु०) 1 टुकड़ा, खंड 2 काटकर निकाला हआ (स्त्री०) पुनर्विचार हेतु की गई विनती, निवेदन; ~प्रार्थी टुकड़ा, कतरन 3 काग़ज़ के टुकड़े पर लिखी सूचना 4 हाथ से (वि०) पुनर्विचार की प्रार्थना करनेवाला
भेजी हुई चिट्ठी 5 यंत्र का कोई अंग, अंश (जैसे-घड़ी का पुनर्वितरण-सं० (पु०) फिर से बाँटना
पुरजा खराब हो गया)। पुरज़े-पुरज़े उड़ाना टुकड़े-टुकड़े पुनर्विधान-सं० (पु०) फिर से बनाना
करना, खंड-खंड कर देना पुनर्विधायन-सं०(पु०)विधान को नए सिरे से पुनःनया रूप देना | पुरतः-सं० (अ०) आगे, सामने पुनर्विनियोजन-सं० (पु०) 1फिर से भाग करना 2 फिर से | पुरबला-(वि०) बो० 1 पूर्व का, पहले का 2 पूर्व जन्म का अर्पण करना
पुरबिया-11 पूरब का, पूर्व देश का 2 पूर्व दिशा से आनेवाला पुनर्विभाजन-सं० (पु०) विभाजित की गई वस्तु का पुनः .. II (पु०) पूर्वी देश का निवासी विभाजन करना
पुरवट-बो० (पु०) चरसा, मोट पुनर्विलोकन-सं० (पु०) फिर से देखना, दुबारा देखना पुरवा-I (पु०) छोटा गाँव पुनर्विवाह-सं० (पु०) दूसरा ब्याह ।
पुरवा-II (स्त्री०) पूरब की ओर से बहनेवाली हवा पुनर्विहित-सं० (वि०) 1 जिसका फिर से विधान हुआ हो | पुरवा-III (पु०) प्याले के आकार का मिट्टी का बर्तन, कुल्हड़ 2 नए विधान के रूप में लाया हुआ
पुरवाई, पुरवैया-(स्त्री०) = पुरवा II पुनश्च-I सं० (अ०) 1 इसके बाद, फिर 2 दूसरी बार, दोबारा पुरश्चरण-सं० (पु०) काम की पहले से की जानेवाली तैयारी 3जो कुछ कहा जा चुका है उसके बाद II (पु०) कह चुकने पुरसाँ-फा० (वि०) खोज-खबर लेनेवाला। के बाद कही गई बात
पुरसा-(पु०) उँचाई, गहराई नापने की नाप जो हाथ उठाकर पुनश्चर्या-सं० (स्त्री०) काम को दोहराना
खड़े आदमी के या लगभग पाँच हाथ के बराबर होती पुनश्चित्रण-सं० (पु०) दोबारा चित्रित करना
है। से-यह कूआँ पाँच पुरसा गहरा है) पुनश्शस्त्रीकरण-सं० (पु०) = पुनः शस्त्रीकरण पुरस्कार-सं० (पु०) 1 इनाम 2 उपहार, भेंट । विजेता पुनस्संघटन, पुनस्संस्थापन-सं० (पु०) = पुनः संगठन (पु०) पुरस्कार प्राप्त करनेवाला व्यक्ति; वितरण (पु०) पुनीत-सं० (वि०) 1 पवित्र 2 उत्तम (जैसे-दान करना पुनीत | इनाम देना कर्तव्य है)
पुरस्कारणीय-सं० (वि०) पुरस्कार पाने योग्य पुपली-सं० (स्त्री०) बो० 1 आम की गुठली को घिसकर | पुरस्कारार्थ-सं० (वि०) इनाम के लिए
बनाया गया बाजा, सीटी 2 बाँस की पतली एवं पोली नली पुरस्कृत-सं० (वि०) जिसने पुरस्कार प्राप्त किया हो पुरः-सं० (अ०) 1 समक्ष, सामने 2 पहले, पूर्वी 3 पूर्व दिशा पुरस्सर-सं० (वि०) = पुरः सर, अगुआ, साथी
का, पूर्वी। दत्तः (वि०) पहले से दिया हुआ; दान पुरा-I (स्त्री०) छोटी बस्ती, गाँव (पु०) नियत समय से पहले देना; प्रत्यय (पु०) व्या० | पुरा-II सं० (अ०) 1 पुराने समय में 2 थोड़े समय में प्रत्यय जो शब्द के पहले लगकर अर्थ में नवीनता उत्पन्न करता । 3 अब-तक। -कथा (स्त्री०) 1 इतिहास 2 पुरानी कहानी;