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________________ न्यायतः 461 पंखनुचा (स्त्री०) = न्यायालय; सभ्य (पु०) दौरा जज की सहायता | 2 कम-अधिक होनेवाला, मार्जिनल हेतु नियुक्त सभ्य गण, जूरी न्यूनाधिक्य-सं० (पु०) कमीबेशी न्यायत:-सं० (क्रि० वि०) न्याय के अनुसार, न्याय से न्यूनीकरण-सं० (पु०) - न्यूनन न्यायपर-सं० (वि०) न्यायपूर्ण न्यूनोन्नत-सं० (वि०) थोड़ा ऊपर उठा हुआ न्यायवान्-सं० (वि०) न्यायप्रिय न्यूमोनिया-अं० (पु०) - निमोनिया न्यायांग-सं० (पु०) न्याय के अंग न्योछावर-(स्त्री०) = निछावर न्यायाधिकरण-सं० (पु०) विवाद-ग्रस्त विषय पर निर्णय न्योतना-(स० क्रि०) निमंत्रण देना करनेवाला न्यायालय एवं उसका अधिकारी, ट्रिब्यूनल न्योतनी-(स्त्री०) निमंत्रण, भोज, दावत न्यायाधिकारी सं० (पु०) जज न्योतहरी-(पु०) निमंत्रण पर आया अतिथि न्यायाधिपति-सं० (पु०) - न्याय-मूर्ति न्यौता-(पु०) 1 निमंत्रण, दावत 2 न्योता आने पर दिया न्यायाधिवक्ता-सं० (पु०) एडवोकेट जानेवाला धन न्यायाधीश, न्यायाध्यक्ष-सं० (३०) विवाद-ग्रस्त मामलों पर अपना फैसला देनेवाला अदालत का अधिकारी, न्यायकर्ता, जज न्यायानुमोदित-सं० (वि०) = न्यायपूर्ण न्यायालय-सं० (पु०) अदालत, कोर्ट (जैसे-सर्वोच्च न्यायालय)। अपमान (प०) न्यायालय की मान हानि कक्ष (पु०) न्यायालय का कमरा न्यायासन-सं० (प०) जज का आसन न्यायिक-सं० (वि०) न्याय संबंधी पंक-सं० (पु०) 1 कीचड़ 2 दलदल 3 पोतने योग्य गीला न्यायी-1 सं० (पु०) निष्पक्ष निर्णय करनेवाला II (वि०) । पदार्थ 4 लेप। -किट्ट (प०) कीचड़ का कीड़ा ~ग्राह न्यायशील (पु०) मगर; चर कीचड़ का जीव; ज I (वि०) न्यायोचित-सं० (वि०) = न्याय संगत कीचड़ में उत्पन्न होनेवाला II (पु०) कमल न्याय्य-सं० (वि०) न्याय युक्त पंकजासन-सं० (पु०) ब्रह्मा । न्यारा-(वि०) 1 पास न होनेवाला, दूरस्थ 2 अलग, जुदा पंकार-सं० (पु०) 1 कीचड़ में होनेवाली वनस्पति जो कुकरमत्ते 3 अन्य, भिन्न, दूसरा (जैसे-न्यारी बात) 4 निराला (जैसे-तीन की जाति की होती है 2 सिंघाड़ा 3 जल कुब्जक 4 सिवार लोक से न्यारी प्रयाग नगरी) 5 सेतु 6 बाँध न्यारे-(क्रि० वि०) 1 अलग, पृथक 2 दूर पंकिल-(वि०) 1 कीचड़ से युक्त (जैसे-पंकिल जल, पंकिल न्याव-(पु०) 1 न्याय, इंसाफ़ 2 उचित एवं कर्तव्य का पक्ष | ताल) 2 गंदा, मैला। ~ता (स्त्री०) गंदगी 3 विवेक पंकेज-सं० (पु०) कमल न्यास-सं० (पु०) 1 स्थापित करना 2 यथास्थान रखना | पंक्ति-सं० (स्त्री०) 1 कतार (जैसे-पहली पंक्ति में बैठना) 3 निशान, चिह्न (जैसे-शस्त्र-न्यास, नख-न्यास) 4 अमानत, 2 किसी ग्रंथ, पुस्तक आदि में लिखने का क्रम (जैसे-कविता थाती, धरोहर 5 सौंपना, अर्पण, भेंट 6 छोड़ना, त्यागना की पहली पंक्ति पढ़ो) 3 पाँत, पंगत (जैसे-पहली पंक्ति में 7 विश्वासपूर्वक विशेष कार्य हेतु सौंपी गई संपत्ति, ट्रस्ट । भोजन कर लेना) 4 समूह (जैसे-पशुओं का पंक्ति में खड़ा ~धारी (वि०) 1 धरोहर रखनेवाला 2 जिसे विश्वासपूर्वक होना)। ~करण (पु०) पंक्तियों में लगाना, पंक्ति बनाना; संपत्ति सौंपी जाए, ट्रस्टी; ~भंग (पु०) न्यास का कुप्रबंध ~कृत (वि०) श्रेणीबद्ध; च्युत (वि०) पंक्ति से एवं दुरुपयोग, ब्रीच आफ ट्रस्ट बहिष्कृत; दूषक (वि०) नीच, जाति च्युतः पावन न्यासी-सं० (पु०) न्यास-धारी (पु०) जिसे श्रेष्ठ माना गया हो ऐसा व्यक्ति; ~बद्ध (वि०) न्युरालोजिस्ट-अं० (पु०) तंत्रिका विज्ञानी 1 कतार में लगाया हुआ 2 कतार में लगा हुआ; बाह्य न्यूक्लियर-अं० (वि०) नाभिकीय (वि०) बिरादरी से निकाला हुआ; मध्य (वि०) कतार के न्यूज़प्रिंट-अं० (पु०) अख़बारी काग़ज़ बीच न्यूज़रील-अं० (स्त्री०) समाचार दर्शन पंख-(पु०) पर, डैना, (जैसे-चिड़िया का पंख कट गया)। न्यूट्रान-अं० (पु०) अणु का एक सूक्ष्म भाग ~कटा (वि०) जिसका पंख कट गया हो; -जमना, न्यून-सं० (वि०) 1 कम, थोड़ा 2 घटकर, हल्का 3 नीच, निकलना 1 बुरे रास्ते पर जाने, बहकने का लक्षण प्रकट क्षद्र। ता (स्त्री०) 1 अल्पता 2 हल्कापन 3 नीचता होना (जैसे-लगता है अब तुम्हें पंख निकल आए हैं) 2 अंत, 4 हीनता 5 सदोषता; ता-बोधक (वि०) न्यूनता का बोध मृत्यु के लक्षण ज़ाहिर होना (जैसे-अब चींटी के पंख निकल करानेवाला आए हैं); लगना वेगपूर्वक दौड़ना न्यूनतम-सं० (वि०) सबसे कम, अल्पतम पंखड़ी-(स्त्री०) फूल की पत्ती (जैसे-कमल की पंखडी, गलाब न्यूनन-सं० (पु०) कम करना, घटाना की पंखडी) न्यूनाधिक-सं० (वि०) 1कुछ कम और कुछ अधिक पंखनुचा-(वि०) जिसके पंख तोड़ दिए गए हों
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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