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स
क्रि०)
1 दबा-दबाकर
भरना
रह जानेवाली अरहर, ज्वार, बाजरे आदि की खूँटी, डंठल ठूंस ठूंस-ठाँस- (स्त्री०) अत्यधिक (भरना) ठूंसना, ठूसना - (स० 2 ज़बरदस्ती डालना, भरना 3 खूब पेट भरकर खाना ठेंगना- बो० (वि०) ठिंगना ठेंगा - (पु० ) 1 हाथ का अंगूठा 2 डंडा, सोंटा। ~दिखाना 1 साफ़ इनकार करना 2 निराश करना; बजना लज्जाजनक विफलता होना; ठेंगे से बला से ठेंगुर - (पु०) उच्छृंखल पशुओं के गले में बाँधी जानेवाली लकड़ी ठेघा- (पु० ) टेक
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ठेंठा - (पु०) सूखा डंठल
ठेंठी- (स्त्री०) 1 कान की मैल 2 कान के छेद पर लगाई जानेवाली रूई 3 बोतल या शीशी का काग, डाट ठेंपी- बो० (स्त्री०) ਰੇਂਤੀ ठेक- (स्त्री०) 1 टेक, चाँड़ 2 सहारा 3 तल, पेंदा ठेकना - (स० क्रि०) 1 सहारा लेना 2 सहारा लगाना ठेका - I (पु० ) 1 ठहरने ठहराने की जगह 2 ठेकनेवाली वस्तु 3 हल्का आघात, थपेड़ा 4 डुग्गी 5 तबला बजाने की वह रीति जिसमें केवल ताल दी जाए
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ठेका - II ( पु० ) दे० ठीका। पत्र + सं० (पु० )
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पत्र
ठेकाई - (स्त्री०) 1 ठेकना-ठेकाने की क्रिया 2 ठेकना- ठेकाने का पारिश्रमिक
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ठेकी - (स्त्री०) 1 टेक, सहारा 2 धूनी
ठेकेदार हिं० + फ़ा० (पु० ) ठीकेदार ठेगनी - (स्त्री०)
टेकनी
ठेठ - (वि०) 1 जो बिल्कुल मूल रूप में हो (जैसे-ठेठ बनारसी) 3 निर्विकार । ~पन (पु० ) 1 अकृत्रिमता 2 विशुद्धता, निरा शुद्ध 3 निर्विकारता
ठेपी- (स्त्री०) 1 ठेंठी, डाट, काग 2 छोटा ढक्कन ठेलना - 1 (स० क्रि०) 1 ढकेलना (जैसे-गाड़ी ठेलना ) 2 अपना दायित्व दूसरे पर डालना II (अ० क्रि०) बल प्रयोग करना, ज़बरदस्ती करना
ठेलमठेल - I (स्त्री०) धक्कम धक्का II ( क्रि० वि०) एक-दूसरे को ढेलते हुए
ठेला - ( पु० ) 1 ठेलकर चलाई जानेवाली गाड़ी 2 धक्का 3 भीड़-भाड़। ठेल (स्त्री०) ठेलमठेल ठेस- (स्त्री०) 1 हलकी चोट 2 हलका मानसिक कष्ट 3 धर्म पर होनेवाला आघात (जैसे- मान-मर्यादा को ठेस पहुँचाना) 4 आश्रय, सहारा (जैसे-तकिए पर ठेस लगाकर बैठना ) ठेसना - I बो० (स० क्रि०) = ठूसना ठेसना - II (अ० क्रि०) सहारा लेना ठैरना- बो० (अ० क्रि०) = ठहरना ठैराना- बो० (स० क्रि०) = ठहराना ठैल-पैल - (स्त्री०) = ठेल-पेल ठोंक - (स्त्री०) = ठोक
ठोंकना - (स० क्रि०) ठोकना बजाना (स० क्रि० ) अच्छी तरह परखना
ठोंग - (स्त्री०) 1 चोंच 2 चोंच की मार 3 मुड़ी हुई उँगली से
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=
= ठीका
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डंक
किया गया आघात
ठोंगना - (स० क्रि०) 1 चोंच मारना 2 मुड़ी हुए उँगली से चोट
करना
ठोंगा - ( पु० ) काग़ज़ की थैली
ठोंठी - (स्त्री०) 1 चने के दाने का खोल 2 पोस्ते की ढेढ़ी ठो- (अ०) संख्यावाचक शब्दों के साथ लगनेवाला एक अव्यय (जैसे-एक ठो किताब, बीस ठो रुपया)
ठोक - (स्त्री०) प्रहार, आघात
ठोकना - (स० क्रि०) 1 आघात करना 2 धँसाना 3 प्रहार करना 4 मारना 5 पीटना 6 ताड़न करना 7 जड़ना 8 जकड़ना ठोकर - ( स्त्री०) 1 चलते हुए कंकड़, पत्थर आदि से टकराने से लगी चोट 2 ऐसी वस्तु जिससे चोट लगने की संभावना हो 3 पैर से किया गया आघात 4 धक्का (जैसे भीड़-भाड़ में ठोकर भी सहनी पड़ेगी)। उठाना 1 घाटा सहना 2 तकलीफ उठाना खाते फिरना 1 मारा-मारा फिरना 2 असफल होते रहना; खाना असावधानी का कुपरिणाम भोगना; ठोकरों पर पड़ा रहना अपमान सहकर रहना ठोकवा- बो० (पु० ) गुना नामक मीठा पकवान ठोट - (वि०) 1 तत्त्वहीन 2 मूर्ख
ठोड़ी, ठोढ़ी - (स्त्री०) ठुड्डी, चिबुक। ~तारा (पु० ) ठुड्डी पर का गोदना; पकड़ना मिन्नत के लिए किसी की ठोढ़ी छूना ; ~पर हाथ धरकर बैठना कुछ सोचना-विचारना ठोप- बो० (पु०) पानी की बूँद, जलकण ठोर - ( पु० ) पूरी जैसा चीनी में पका हुआ पकवान ठोस - (वि०) 1 ठस और पक्का (जैसे-ठोस पत्थर, ठोस
धातु) 2 जो पोला न हो (जैसे- ठोस प्रतिमा, सोने का ठोस कंगन) 3 जो पुष्ट एवं सारगर्भित हो (जैसे- ठोस विचारों से भरी पुस्तक) 4 जो दृश्य एवं मूर्तरूप में सामने हो (जैसे- ठोस प्रस्ताव ) 5 जो दृढ़ एवं तत्त्वप्रधान हो (जैसे- ठोस आदमी, ठोस महाजन)
ठोसा - (पु० ) 1 व्यंग्य 2 ठेंगा 3 धक्का देते हुए किया जानेवाला
आघात
ठोहर - (पु० ) 1 अकाल 2 महंगी
ठौका - (पु० ) वह स्थान जहाँ मोट का पानी गिराया जाता है,
चवना
कुठौर
ठौर - (पु० ) 1 जगह स्थान 2 अवसर, मौक़ा (पु०) जा-बेजा, जगह- बेजगह; ~ठिकाना (पु०) आश्रय
ड
डंक - ( पु० ) 1 बिच्छू. मधुमक्खी, भिड़ आदि छोटे जंतुओं का ज़हरीला काँटा, दंश 2 डंक द्वारा किया गया भेदन 3 चुभनेवाली द्वेषपूर्ण बात (जैसे- तुम तो हमेशा डंक मारा करते हो) 4 कलम का निब । दार डंकवाला (जैसे-डंकदार जंतु)
फ़ार (वि०)
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