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________________ जागीरी 298 जात्याभिमान जागीरी-I फ़ा० (स्त्री०) 1 जागीरदार होने की अवस्था जातक-सं० (पु०) 1 नवजात शिशु 2 बच्चा, बालक 3 फलित 2 अमीरी, रईसपन II (वि०) जागीर संबंधी, जागीर का ज्योतिष का वह अंग जिससे नवजात शिशु का शुभाशुभ फल जागृत-सं० (वि०) - जाग्रत कहा जाता है 4 बुद्ध के जन्मों की कहानी जागृति-सं० (स्त्री०) जागरण जातना-(स्त्री०) बो० पातना। जाग्रत-सं० (वि०) 1 जागता हआ 2 सचेत, सावधान 3 जो जाता-सं० (स्त्री०) कन्या, बेटी, पत्री अपने को दूषित वातावरण के प्रति सतर्क रखने एवं उन्नति हेतु जाति-सं० (स्त्री०) 1 वंश, कुल 2 जन्म, उत्पत्ति 3 वर्ण 4 वर्ग जागरूक हो (जैसे-पशु जाति) 5 जात (जैसे-परिगणित जाति)। जाप्रति-सं० (स्त्री०) 1 जागते रहने की क्रिया जागरण -कोश (पु०) जायफल; -कोशी (स्त्री०) जावित्री; 2 जाग्रतावस्था ~गत (वि०) जाति संबंधी; गौरव (पु०) = जाघनी-सं० (स्त्री०) जंघा, जाँघ जात्याभिमान; च्युत (वि०) जिसे बिरादरी से निकाल दिया जाजम-फ़ा० (स्त्री०) दे० जाज़िम गया हो, जिसके साथ व्यवहार न किया जाता हो; ~ च्यति जाजरा-(वि०) 1 बहुत पुराना, जर्जर 2 जिसमें कई छेद हों | (स्त्री०) जाति से गिर जाना; ~~द्रोह (पू०) जाति के प्रति बैर जाजरी-(पु०) चिडिमार, बहेलिया विरोध; ~धर्म (पु०) 1 किसी जाति में समान रूप से जाज़रूर-फ़ा० + अ० (पु०) मल त्याग करने का स्थान, होनेवाले गुण, धर्म, कार्य आदि 2 जातगत विशिष्ट कर्म; पाखाना -नियम (पु०) जात संबंधी विशिष्ट आचार, व्यवहार आदि जाज़िब-अ० (वि०) 1सोखनेवाला 2 अपनी ओर नियमः --नीति (स्त्री०) जात से संबंध रखनेवाले व्यवहार खींचनेवाला, आकर्षक संबंधी नीति; पत्री (स्त्री०) जावित्री; ~~पाँति - हिं. जाज़िम-फा० (स्त्री०) 1 फर्श आदि पर बिछाई जानेवाली छपी (स्त्री०) = जात-पाँत; ~प्रथा (स्त्री०) जाति-पात का हई चादर 2 कालीन 3 बिछाने की चादर रिवाज़; प्रेम (पु०) स्वजाति प्रेम; ~फल (पु०) जाज्वलित-सं० (वि०) प्रकाशमान जायफल; -बिरादरी + फ़ा० (स्त्री०). अपनी जाति और जाज्वल्य, जाज्वल्यमान्-सं० (वि०) 1 चमकता हुआ, भाई-चारे के लोग; ब्राह्मण (पु०) वह ब्राह्मण जो केवल प्रकाशमान् 2 प्रज्वलित तेजपूर्ण, तेजोमंडित ब्राह्मण कुल में उत्पन्न हुआ हो परंतु स्वजाति धर्म का पालन न (जैसे-जाज्वल्यमान् नक्षत्र) । करता हो; ~भाई + हिं० (पु०) स्वजाति का होने के कारण जाट-I (पु०) 1 भारत में खेती -बारी करनेवाली प्रसिद्ध जाति भाई; ~भेद (पु०) जातियों का अलगपन; मिश्रण जो पंजाब, पश्चिमी उत्तर-प्रदेश आदि क्षेत्रों में रहती है। (पु०) जातियों का घोल मेल होना; ~लक्षण (पु०) जाति 2 कृषक II (वि०) गँवार, उजड्ड में विशेष रूप से पाया जानेवाला लक्षण; ~वाचक (वि०) जाटू-(स्त्री०) करनाल, रोहतक, हिसार आदि के जाटों की 1 जाति बतानेवाला 2 जाति के प्रत्येक सदस्य का समान रूप बोली, बाँगड़, हरियाणवी से सूचक; ~वाद (पु०) अपनी जाति को सर्वश्रेष्ठ मानने का जाठ-(पु०) कोल्हू की फॅडी में रहनेवाला लकड़ी का गोल सिद्धांत; ~वादी (वि०) जातिवाद को माननेवाला; विद्वेष चिकना बल्ला 2 तालाब आदि के बीच में गड़ा हुआ लट्ठा (पु०) = जाति वैर; ~वैर (पू.) एक जाति का दूसरी जाति जाठर-I सं० (वि०) पेट संबंधी, जठर का II (पु०) 1 जठर के प्रति होनेवाला प्राकृतिक वैर; ~शास्त्र (पु०) वह शास्त्र पेट 2 भोजन पकानेवाली पेट की अग्नि 3 क्षुधा, भूख जिसमें मानव की जातियों के विभागों, उनके पारस्परिक संबंधों जाठराग्नि-सं० (स्त्री०) = जठराग्नि एवं जातिगत गुणों आदि का विवेचन होता है; ~शास्त्री जाड़ा-(पु०) 1 शीतकाल 2 शीत, सरदी। ~खाना जाड़े का (पु०) जाति शास्त्र का विशेषज्ञ; ~संकर (पु०) वर्णसंकर, कष्ट सहन करना; जाड़े की चांदनी बेकार चीज़ दोगला जाड्य-सं० (पु०) जड़ता, निश्चेष्टा, मूर्खता जाती-सं० (स्त्री०) 1 चमेली 2 मालती जात-I सं० (वि०) 1जिसने जन्म लिया हो, उत्पन्न | ज़ाती-अ० (वि०) 1 वस्तुगत, असली 2 व्यक्तिगत, अपना, (जैसे-नवजात, जल जात) 2 जिसे कुछ उत्पन्न हुआ हो 3 जो | किसी से उत्पन्न हआ हो (जैसे-जन्मजात दाग, जन्मजात जातीय-सं० (वि०) 1 जाति संबंधी, जाति का 2 जाति में लक्षण) II (पु०) 1 पुत्र, बेटा 2 जीव, प्राणी। -रूप I होनेवाला। ता (स्त्री०) 1 जाति के गुण, कौमीयत (वि०) रूपवान, सुंदर II (पु०) 1 स्वर्ण, सोना 2 धतूरा; 2 जातिगत अभिमान; ~वाद (पु०) = जातिवाद; ~वादी ~वेश्म (पु०) सौरी (वि०) = जातिवादी जात-(स्त्री०) बो० = जाति। -निकाला (पु०) अपनी | जातु-सं० (अ०) कदाचित् बिरादरी से अलग किया हुआ व्यक्ति; ~पाँत, -पाँति | जातुज-सं० (पु०) गर्भिणी की इच्छा (स्त्री०) जाति एवं उपजाति से संबंध रखनेवाला विभाग जातुधान-सं० (पु०) राक्षस, असुर (जैसे-जात-पाँत की व्यवस्था); बाहर (क्रि० वि०) जात जातेष्टि-सं० (स्त्री०) जातकर्म । से अलग जात्यंध-सं० (वि०) जो जन्म से ही अंधा हो, जन्मांध जात-अ० (स्त्री०) 1 वस्तु का स्वरूप, व्यक्तित्व 2 स्वभाव | जात्य-सं० (वि०) 1 सजातीय, नातेदार 2 कुलीन 3 उत्तम, श्रेष्ठ उदेह 4 व्यक्ति। परस्त + फा० (पु०) जातिवाद सुंदर, सुरूप 5 समकोण परस्ती + फ्रा० (स्त्री०) जातिवादिता जात्याभिमान-सं० (पु०) जाति के प्रति गौरव की भावना " माणका
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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