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________________ चबर-चबर बर-चबर- I (स्त्री०) बकवास II ( क्रि० वि०) चब-चब ध्वनि करते हुए बवाना - (स० क्रि०) किसी को चबवाने में प्रवृत्त करना बाई - (पु० ) चुगलखोर बखाना- (स० क्रि०) दाँतों से कुचलना, चूर करना । चबा-चबाकर बातें करना धीरे-धीरे रुक-रुककर बातें करना; चबे को चखा जाना किए गए काम को बार-बार करना, पिष्ट-पेपण करना चबूतरा - (पु० ) खुली हुई चौकोर और चौरस जगह, चौतरा चबेना-(पु० ) 1 चबाकर खाने योग्य सूखा भूना हुआ चना 2 चबाकर खाने योग्य भूना हुआ पदार्थ, भूना हुआ अन चबेनी - (स्त्री०) 1 जलपान सामग्री 2 जलपान हेतु दिया गया धन, जलपान की रकम चबैना - (पु० ) = चबेना चब्बू - (वि०) बहुत अधिक खानेवाला चमक - (स्त्री०) 1 पानी में वस्तु आदि के डूबने का शब्द 2 डंक चमड़-चभड़ - (स्त्री०) कुत्ते-बिल्ली आदि के खाते-पीते समय मुँह से निकलनेवाली आवाज़ चभाना - (स० क्रि०) 1 किसी से चाभने, खाने का काम कराना 2 अच्छी तरह भोजन कराना + फ़ाο चोरना - (स० क्रि०) तरल पदार्थ में कोई वस्तु अच्छी तरह डुबाना, डुबोकर तर करना (जैसे-घी में रोटी चभोरना) चमक - (स्त्री०) 1 चमकने की क्रिया 2 प्रकाश, रोशनी 3 आभा, कांति 4 झटका लगने से होनेवाला दर्द 5 चौकने की क्रिया। चाँदनी (स्त्री०) हमेशा बन-ठनकर रहनेवाली स्त्री, हर समय सज-संवर कर रहनेवाली नारी; दमक (स्त्री०) 1 कांति-दीप्ति 2 तड़क-भड़क, ठाट-बाट; दार (वि०) चमकवाला, चमकीला चमकना-I (अ० क्रि०) 1 जगमगाना 2 प्रकाश देना 3 उज्ज्वल एवं प्रकाश पूर्ण होना (जैसे- धूप में शीशा चमकना) 4 चौंधियाना (जैसे धूप में आँखों का चमकना) 5 उन्नति एवं वृद्धि होना (जैसे-ईश्वर की कृपा से मेरा रोजगार बहुत चमका) 6 कीर्ति, वैभव से युक्त होना (जैसे- अथक परिश्रम से मेरा भाग्य चमक गया) 7 नाराज होना, बिगड़ना (जैसे-बिना गलती के आप क्यों चमक पड़े) 8 नाज़ नखरे दिखाना (जैसेस्त्रियों का स्वभाव ही ऐसा है कि वे बात-बात पर चमक जाती हैं) II (वि०) 1 खूब चमकनेवाला 2 ज़रा सी बात में बिगड़नेवाला, चिढ़ जानेवाला 3 नाज़-नखरा दिखलानेवाला चमकवाना (स० क्रि०) 1 चमकने का काम करवाना 2 चमक उत्पन्न कराना चमकाना - (स० क्रि०) 1 कांति युक्त करना, चमक लाना 2 उज्ज्वल करना 3 चौंकाना 4 भड़काना 5 खिझाना, चिढ़ाना 6 मटकाना, जल्दी-जल्दी हिलाना (जैसे- आँखें चमकाना) 7 उन्नति कराना, वृद्धि कराना (जैसे-उन्होंने आकर मेरा रोज़गार चमका दिया ) 247 चमकारा, चमकाव - I ( पु० ) चकाचौंध उत्पन्न करनेवाला प्रकाश II (वि०) चमकनेवाला, चमकता हुआ चमकी - (स्त्री०) सुनहले तारों के छोटे-छोटे गोल टुकड़े, सुनहले तारों के चौकोर छोटे टुकड़े, सितारे चमरौट = चमकाव चमकीला - (वि०) = चमकदार। न (पु० ) चमकौक्ल- (स्त्री०) चमकाने मटकाने की क्रिया चमक्को - ( स्त्री०) 1 बहुत अधिक चमकने-मटकनेवाली स्त्री, चंचल और निर्लज्ज स्त्री 2 झगड़ालू स्त्री चमगादड़ - (पु० ) एक छोटा जंतु जो रात के समय उड़ता है, जिसके पैर झिल्लीदार होते हैं तथा जो दिन में वृक्ष की डालों आदि में लटका रहता है, इस जंतु को दिन में दिखाई नहीं देता चम चम - I (वि०) चमकता हुआ, चमकीला II ( क्रि० वि०) खूब चमक-दमक से II (स्त्री०) एक लंबोतरी बंगला मिठाई चमचमाना - I (अ० क्रि०) खूब चम चम करना, चमकना, प्रकाशयुक्त होना II (स० क्रि०) क्रिया से चमक पैदा करना (जैसे- पालिश करने से जूता चमचमाने लगा ) चमचमाहट - (स्त्री०) चमक चमचा - फा० (पु० ) 1 छिछली कलछी 2 चम्मच 3 चिमटा चमचञ्चड़ - (वि०) 1 जो किलनी की तरह चिपटा रहे 2 पीछा न छोड़नेवाला चमची-फ़ा० + हिं० (स्त्री०) 1 छोटा चम्मच 2 आचमनी 3 चौड़ी एवं चिपटी मुँहवाली मलाई (जैसे-पान में चूना लगाने की चमची कहाँ रख दी है) चमटा - ( पु० ) चिमटा चमड़ा - (पु० ) 1 पशु एवं मानव शरीर का ऊपरी आवरण, त्वचा 2 मृत पशुओं की उतारी गई खाल (जैसे- चमड़े का जूता अधिक मज़बूत और टिकाऊ होता है) 3 छाल, छिलका चमड़ी - ( स्त्री०) 1 चर्म, खाल 2 त्वचा। उधेड़ना इतना अधिक मारना जिससे शरीर की त्वचा उधड़कर रक्त बहने लगे चमत्करण-सं० (पु० ) चमत्कार करना चमत्कार - सं० (पु० ) 1 आनंदरूप विस्मय 2 विलक्षण बात, करामात 3 विलक्षण शक्ति। पूर्ण (वि०) जो चमत्कार से भरा हो, आश्चर्यमय चमत्कारक-सं० (वि०) चमत्कार उत्पन्न करनेवाला चमत्कारी -सं० (वि०) 1 जिसमें कुछ चमत्कार हो, अद्भुत 2 करामाती = चमत्कृत - सं० (वि०) अचम्भे में आया हुआ, विस्मित, चकित (जैसे- इतनी न चमत्कृत हो, बाले) चमत्कृति-सं० (स्त्री०) 1 चमत्कृत होने की अवस्था 2 चमत्कार चमन - फ़ा० (पु० ) छोटा बग़ीचा, फुलवारी। बंदी (स्त्री०) बाग लगाना चमर - सं० (पु० ) 1 सुरा गाय 2 सुरा गाय की पूँछ का बना हुआ चँवर, चामर 3 किसी प्रकार का चैवर चमर चलाक - हिं० + फ़ा० (वि०) बहुत तुच्छ चमर - जुलाहा - (पु० ) हिंदू जुलाहा, कोरी चमर-बगली - (स्त्री०) बगले की जाति की काले रंग की चिड़िया चमरस - (पु० ) चमड़े के जूते की रगड़ से पैर में होनेवाला घाव चमरावत - (स्त्री०) मोट आदि बनाने की मजदूरी, चमरौट चमरिक - सं० ( पु० ) कचनार का पेड़ चमरी-सं० (स्त्री०) 1 सुरा गाय 2 चंवर 3 पौधों की मंजरी चमरौट - ( स्त्री०) चमारों को उनके काम के बदले में मिलनेवाला फ़सल आदि का भाग
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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