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________________ घरोप घरोप - (पु० ) घनिष्ठ संबंधी घरौंदा, घरौना - (पु० ) 1 छोटा घर 2 मिट्टी का छोटा घर घर्घर - सं० (पु०) घर-घर की आवाज़ धर्म-सं० (पु० ) 1 गरमी 2 धूप। बिंदु (पु० ) पसीना धर्माक्त-सं० (वि०) पसीने से तर-बतर घर - घर - ( स्त्री०) ज़ोर की रगड़ की आवाज़ घर्रा - (पु० ) 1 कफ की घरघराहट 2 आँखों में लगाया जानेवाला अंजन 3 कोल्हू पेरने का दंड घर्राटा - ( पु० ) घर्र-घर्र शब्द । मारना गहरी नींद में सोना घर्रामी - (पु० ) छप्पर छाने का काम करनेवाला मिस्त्री, छपरबंद घर्ष -सं० ( पु० ) 1 रगड़, घर्षण 2 संघर्ष 3 टक्कर घर्षण - सं० ( पु० ) 1 रगड़ने की क्रिया, घिस्सा, रगड़ 2 पारस्परिक विचारधाराओं में होनेवाला संघर्ष घर्षित - सं० (वि०) रगड़ा हुआ घर्षी सं० (वि०) रगड़ता हुआ घलना - (अ० क्रि०) 1 घाला जाना 2 चलाया जाना घलाघल, घलाघली - (स्त्री०) 1 गहरी आघात-प्रतिघात 2 मार-पीट घलुआ - I बो० (पु० ) तौल के अतिरिक्त दिया जानेवाला पदार्थ II (वि०) घालनेवाला 234 घसखुदा - (वि०) घास खोदनेवाला, घसियारा घसिटना - (अ० क्रि०) घसीटा जाना घसियारा - ( पु० ) घास खोदने एवं बेचनेवाला व्यक्ति घासियारिन घसियारी- (स्त्री०) घास खोदने एवं बेचनेवाली स्त्री घसीट - (स्त्री०) 1 घसीटने की क्रिया 2 जल्दी-जल्दी लिखने की क्रिया 3 घसीट कर लिखी हुई लिखावट घसीटना - (स० क्रि०) 1 वस्तु को इस प्रकार खींचना कि वह रगड़ खाती हुई खींचनेवाले की तरफ बढ़ती जाये (जैसे-पत्थर घसीटना ) 2 शामिल करना (जैसे- कृपया, मुझे इस काम में मत घसीटिए) 3 बहुत जल्दी-जल्दी तथा अस्पष्ट लिखना घस्सा-बो० (पु० ) = घिस्सा घहनाना - I बो० (अ० क्रि०) 1 घंटा बजने का शब्द होना, घंटे आदि से ध्वनि निकलना 2 तीव्र ध्वनि होना, गरजना II (स० क्रि०) जोर की आवाज उत्पन्न करना घहर - घहर - ( स्त्री०) घर्र-घहर घहराना - I (अ० क्रि०) 1 भीषण आवाज़ होना 2 सहसा गिरना, आ पहुँचना 3 चारों ओर से आकर घिरना II (स० क्रि०) 1 भीषण शब्द करना 2 घेरना, छाना घाँघरा - (पु० ) लहँगा घाई - I (स्त्री०) 1 ओर, तरफ़ 2 बार, दफ़ा घाई - II ( स्त्री०) दो उँगलियों के बीच की जगह, अंटी घाऊघप - (वि०) 1 गुप्त रूप से माल हजम करनेवाला 2 सब कुछ नष्ट करनेवाला 3 चालाक एवं धूर्त घाग, घाघ - (पु० ) 1 चालाक एवं धूर्त व्यक्ति 2 एक अनुभवी कवि जिनकी कहावतें बहुत प्रसिद्ध हैं घाघरा - I ( पु० ) = घाघरा II (स्त्री०) घाघरा नदी घाघी- (स्त्री०) बड़ा जाल घान के आस पास का सीढ़ीदार स्थान 3 ठिकाना II (स्त्री०) घटने की अवस्था III (वि०) 1 कम, थोड़ा 2 घटिया IV ( क्रि० वि०) घटकर । कप्तान + अं० (पु०) बंदरगाह का उच्च अधिकारी; बंदी + फ़ा० (स्त्री०) 1 घाट, बंदरगाह पर माल चढ़ाने एवं उतारने का निषेध, रुकावट 2 घाट बनाने की क्रिया; मार (पु०) घाट पर चुंगी मारनेवाला: घर का न ~ का दो किशतियों में कहीं का नहीं: ~~ का पानी पीना तरह तरह के अनुभव पाना; बहाना शव का क्रियाकर्म; ~मारना नाव की उतराई या चुंगी न देना; लगना 1 किनारे लगना 2 सुरक्षित पहुंचना घाट पहल - ( पु० ) तराशकर बनी वस्तु में बनावट का उतार-चढ़ाव घाट - I (पु० ) 1 जलाशय या नदी का नाव से पार उतरने का किनारा, तट (जैसे-गंगा नदी का किनारा, सरयू घाट ) 2 तट घाटवाल - ( पु० ) घाट का अधिकारी, घाट का पंडा घाटा - (पु० ) 1 नुकसान, हानि 2 घटना 3 कमी घाटिका-सं० (स्त्री०) गले का पिछला भाग, गरदन घाटिया - ( पु० ) 1 नहानेवालों से दान-दक्षिणा लेनेवाला ब्राह्मण । 2 घाट का मालिक घाटी - ( स्त्री०) 1 दो पर्वतों के बीच का सँकरा मार्ग 2 पर्वतीय प्रदेशों के मध्य का मैदान (जैसे- कश्मीर की घाटी) 3 पहाड़ की ढाल । मार्ग + सं० (पु० ) 1 पर्वतों के बीच में नदी की धारा आदि से बना तंग रास्ता 2 दर्रा घात - ( स्त्री०) 1 अनुकूल अवसर 2 दाँव पेच 3 विश्वासघात 4 घात या छल करने का स्थान (जैसे घात लगाए बैठना ) । ~ ताकना हमला करने का अवसर देखना; पर चढ़ना, ~में आना वश में आना, दाँव पर चढ़ना; में फिरना ताक में घूमना; में बैठना दांव के लिए छिपकर बैठना; ~लगना उपयुक्त अवसर मिलना घात - सं० (पु०) 1 चोट, प्रहार 2 जान से मार डालना, वध, हत्या (जैसे-गो घात) 3 धोखे में रखकर की जानेवाली बुराई 4 ग० किसी संख्या को उसी संख्या से गुणा करने पर प्राप्त होनेवाला गुणनफल (जैसे- 42 = 16 ) | ~ तिथि (स्त्री०) अशुभ तिथि, प्रतिघात (पु० ) 1 चोट और उसके बदले में की गई चोट 2 संघर्ष घातक - I सं० (वि०) 1 प्रहार करनेवाला 2 मार डालनेवाला, वधिक 3 हानि, कष्ट पहुँचानेवाला (जैसे घातक विचार, घातक भाव) 4 जिसके कारण कोई मर जाये (जैसे- घातक रोग) II ( पु० ) हिंसक, हत्यारा घातन- (पु०) वध करना घाता - ( पु० ) ग्राहक को तौल या गिनती में निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त दिया जानेवाला पदार्थ, घाल घातिया - (वि०) घाती घाती-सं० (वि०) 1 प्रहार करनेवाला 2 वध करनेवाला 3 नाश करनेवाला घातुकसं० (वि०) 1 घातक 2 हानि करनेवाला 3 क्रूर, निर्दय घात्य-सं० (वि०) 1 मारा जाने योग्य 2 नष्ट किया जानेवाला घान - I (पु० ) 1 एक बार में पीसने के लिए डाला गया अनाज 2 एक बार में पेरने के लिए डाला, उँडेला गया पदार्थ 3 एक बार में पकाया गया पदार्थ 4 एक निश्चित मात्रा का बार-बार डालना, उड़ेलना, पीसना उतरना ठीक उतरना, पूरा होना; ~ डालना धान रूप में कार्य कार्य शुरू करना; पड़ना,
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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