________________
कँगनी
135
कंदील
कैंगनी-(स्त्री०) 1 छोटा कंगन 2 एक मोटा अनाज कैंटीला-(वि०) काँटेदार कंगला-(वि०) = कंगाल, दरिद्र
कंट्रैक्ट-अं० (पु०) ठेका कंगारू-अं० (पु०) आस्ट्रेलिया में पाया जानेवाला एक पशु कंट्रैक्टर-अं० (पु०) ठेकेदार, ठेका लेनेवाला कंगाल-(वि०)1 अत्यंत दरिद्र 2 मुहताज। ~पन (पु०) घोर कंट्रोल-अं० (पु०) 1नियंत्रण 2 लगाम दरिद्रता
कंठ-सं० (पु०) 1गला 2 गले से निकला स्वर। ~गत कंगाली-(स्त्री०) = कंगालपन, ग़रीबी, निर्धनता
(वि०) गले तक आया हुआ; तालव्य (वि०) कंठ और कंगु-सं० (पु०) कंगनी धान्य
तालु से जिसका उच्चारण हो (जैसे-ए. ऐ); ~मणि (स्त्री०) कैंगुरी-(स्त्री०) कानी उँगली
टेंटुआ; ~~माला (स्त्री०) चि० गले का रोग, गलगंड; ~स्थ कैंगूरा-फा० (पु०) 1 चोटी, शिखर 2 गुंबद, बुर्ज । कँगूरेदार | (वि०) 1 कंठ में रुका हुआ 2 ज़बानी याद किया हुआ (वि०) गुंबदवाला
(जैसे-पाठ कठस्थ करना); खुलना आवाज़ निकलना; कंघा-(पु०) 1 बड़ी कंघी 2 जुलाहों का एक औज़ार ~फूटना आवाज़ बदलना; बैठना 1 गला बैठना 2 बेसरा कंघी-(स्त्री०) बाल संवारने का एक दाँतदार उपकरण । होना; होना मौखिक याद होना, ज़बानी याद होना
चोटी (स्त्री०) बनाव-सिंगार; ~ साज फा० (पु०) कंठा-(पु०) 1 गले का एक ज़ेवर 2 तोते के गले की रंगीन कंघियाँ बनानेवाला; ~करना बाल सँवारना
रेखा कँघेरा-(पु०) = घीसाज़
कंठाग्र-सं० (वि०) = कंठस्थ, बरज़बान कंचन-I (पु०) 1 स्वर्ण, सोना 2 चन, संपत्ति। II (वि०) कंठावरोध-सं० (पु०) गला भर आना निर्मल। बरसना अत्यधिक संपत्ति होना
कंठी-सं० (स्त्री०) छोटी गुरियों की माला। देना शिष्य कंचनी-सं० (स्त्री०) वेश्या
बनाना; लेना वैष्णव धर्म में आना कंचुआ-(पु०) कचुक
कंठोष्ठय-सं० (वि०) व्या० कंठ एवं ओठ से एक साथ कंचुक-I (पु०) 1 अचकन, लबादा 2 कपड़ा 3 कवच | जिसका उच्चारण हो 4 केंचुल 5 बख्तर
कंठ्य-सं० (वि०) 1 गले का 2 कंठ से बोला जानेवाला कंचुकी-I सं० (स्त्री०) 1 चोली, अँगिया 2 साँप की केंचुली (अक्षर) (जैसे-अ,क,ख,ग,घ,ह)
II (पु०) 1 रक्षक 2 द्वारपाल 3 अंतःपुर का अध्यक्ष कंडक्टर-अं० (पु०) संचालक, संवाहक (जैसे-बस~) कचेरा-(पु०) काँच की वस्तुएँ बनानेवाला
कंडरा-(स्त्री०) 1 मोटी नस 2 माँस-तंतुओं का बंधन, पेशी कंज-सं० (पु०) कमल
बंधनी कंजई-I (वि०) कंजे की फली के रंग का, हल्का नीलापन कंडा-(पु०) 1 सूखा गोबर 2 उपला
लिए हुए II (पु०) कंजे रंग की आँखोंवाला घोड़ा कंडारी-(पु०) जहाज़ का मांझी कंजवा-(स्त्री०) अविवाहित कन्या
कंडाल-(पु०) लोहे आदि का बड़ा एवं गहरा बर्तन कंजड़, कंजर-(पु०) एक यायावर जाति, घुमक्कड़ लोग, कंडिका- (स्त्री०) परिच्छेद, पैरा खानाबदोश
कंडी-(स्त्री०) = कंडा, उपला कंजर्वेटिव-अं० (पु०/नि०) रूढ़िवादी (व्यक्ति या दल), कंडील-अं० (स्त्री०) 1 मोमबत्ती 2 दीपों का हंडा अनुदार (व्यक्ति या दल)
कंडीलिया-अं० + हिं० (स्त्री०) प्रकाश स्तंभ कंजा-I (पु०) एक कटीली झाड़ी जिसकी फली औषध के रूप | कंडीशंड-अं० (वि०) अनुकूलित। एयर ~वातानुकूल में प्रयोग होती है II (वि०) 1 भूरे रंग का 2 कंजी कंडु, कंडू-सं० (स्त्री०) खाज, खुजली आँखोंवाला
कंडूल-सं० (वि०) खुजली पैदा करनेवाला कंजाभ-सं० (वि०) कमल जैसी कांतिवाला
कंडोरा-(पु०) 1 उपले पाथने का स्थान 2 उपलों का ढेर कजियाना-(अ० क्रि०) 1काला-सा पड़ना 2 मुरझाना कंत-(पु०) कांत, पति 3 झैवाना
कंथा-सं० (स्त्री०) 1 गुदड़ी 2 कथरी कंजूस-(पु०) कृपण, सूम
कंथी-सं० (पु०) गुदड़ी पहननेवाला कंजूसी-(स्त्री०) कृपणता
| कंद-सं० (पु०) 1 गाँठदार जड़ 2 शकरकंद कंटक-सं० (पु०) 1 काँटा 2 बाधा 3 कष्ट पहुँचानेवाला व्यक्ति | कंद-अ० (पु०) 1 एफ़ेद चीनी 2 मिसरी एवं वस्तु। फल (पु०) कटहल, ~मय (वि०) कँटीला; | कंदन-सं० (पु०) नाश, क्षय
~शोधन (पु०) 1 काँटे निकालना 2 बाधा दूर करना | कंदर-सं० (पु०), कंदरा-सं० (स्त्री०) 1 गुफा 2 घाटी कंटकाकीर्ण, केटकित-सं० (वि०) 1 काँटों से भरा हुआ, कंदर्प-सं० (पु०) 1 कामदेव 2 संगीत की एक ताल कटिदार 2 जिसे रोमांच हुआ हो 3 बाधायुक्त
कंदला-(पु०) 1 सोने, चाँदी आदि का पतला तार 2 एक तरह कंटकी-सं० (वि०) 1 काँटेदार 2 कष्टदायक, बाधायुक्त का कचनार। -कश + फ़ा० (पु०) तारकशी का काम कटर-अं० (पु०) शीशे की सुराही
करनेवाला कंटाइन-(स्त्री०) 1 चुडैल 2 भूतनी 3 कर्कशा नारी कंदा-(पु०) 1कंद 2 शकरकंद 3 अरुई कटिका-सं० (स्त्री०) 1 सूई की तरह छोटी कील 2 आलपीन | कंदिल-सं० (वि०) कंद (मूल) का कैटिया-(स्त्री०) 1 मछली फंसाने की बंसी 2 हुक | कंदील-अ० (खी०) 1कंडील 2 दीप, हंडा