SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 131
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उपपत्नी 117 उपरि उपपत्नी-सं०। स्त्री०) रखैल उपमा-सं० (स्त्री०) 1 समता, तुलना 2 अर्थालंकार का एक उपपद-सं० (पु०) 1 समास का पहला पद 2 उपाधि 3 पहले | भेद जिसमें दो वस्तुओं में भेद होते हए भी धर्मगत समता आया हुआ शब्द। समास (पु०) (व्या०) कृदंत के साथ | दिखाई जाए आया हआ नाम (संज्ञा) का समास (जैसे-प्रसंग, संदेश) उपमान-सं० (पु०) वह वस्तु या व्यक्ति जिससे उपमा दी जाए उपपन्न-सं० (वि०) 1 सिद्ध किया हुआ 2 योग्य 3 उपयुक्त उपमित-I सं० (वि०) जिसकी उपमा दी गई हो II (पु०) 4 प्राप्त 5 संभव उपमा वाचक कर्मधारय समास का एक भेद जिसमें उपपात-सं० (पु०) 1 आपदा 2 विनाश 3 अचानक घटित उपमावाचक शब्द लुप्त रहता है होनेवाली घटना उपमिति-सं० (स्त्री०) = उपमा उपणदक-सं० (वि०) 1 प्रकट करनेवाला 2 घटित करनेवाला उपमित्र-सं० (पु०) साधारण मित्र, सामान्य दोस्त 3 सिद्ध करनेवाला उपमुख्यमंत्री-सं० (पु०) मुख्यमंत्री का सहायक मंत्री उपपादन-सं० (पु०) 1 प्रमाण द्वारा सिद्ध करना 2 प्रतिपादन उपमेय-I सं० (वि०) उपमा दिए जाने योग्य II (पु०) 3 संपादन 4 युक्ति जिसकी किसी वस्तु से उपमा दी गई हो उपपादित-सं० (वि०) सिद्ध किया हुआ उपयुक्त-सं० (वि०) 1 ठीक 2 उपयोग में लाया हुआ उपपीड़न-सं० (पु०) 1 कष्ट देना 2 विनाश करना 3 दबाना 3 उचित 4 अनुकूल 4 कष्ट, पीड़ा उपयोग-सं० (पु०) 1 व्यवहार में लाना, इस्तेमाल 2 लाभ उपपुर-सं० (पु०) =उपनगर 3 सदाचरण 4 संबंध 5 तैयार करना। सामग्री (स्त्री०) उपपुराण-सं० (पु०) 1 छोटा पुराण 2 व्यास के अलावा अन्य प्रयोग में आनेवाली वस्तुएँ मुनियों द्वारा रचित पुराण उपयोगिता-सं० (स्त्री०) उपयोगी होना, उपयुक्तता । ~वाद उपपौरिक-सं० (पु०, वि०) उपनगर में रहनेवाला (पु०) अधिक से अधिक लोगों का अधिकाधिक हित करने उपप्रदान-सं० (पु०) 1 देना 2 भेंट 3 रिश्वत, घूस का सिद्धांत, वस्तु की केवल उपयोगिता पर ध्यान देकर उसका उपप्रमेय-सं० (पु०) प्रमेय के साथ लगी प्रमेय जो प्रमेय की मूल्यांकन करने का सिद्धांत; ~वादी (वि०) उपयोगितावाद सिद्धि के साथ-साथ स्वयं सिद्ध हो जाए का समर्थक उपप्लव-सं० (पु०) 1 नदी की बाढ़ 2 प्राकृतिक उपद्रव उपयोगी-सं० (वि०) 1 काम में आनेवाला 2 लाभजनक (आँधी, भूकंप) 3 सशस्त्र विद्रोह 4 अराजकता 5 भय 3 सही, उचित अप्लवी-सं० (पु०) सशस्त्र बगावत करनेवाला, सरकश उपयोजन-सं० (पु०) = 1 उपयोग 2 विनियोग उपप्लुत- (वि०) 1 पीड़ित 2 आक्रांत उपयोज्य-सं० (वि०) उपयोग में लाया जानेवाला . उपबंध-सं० (पु०) 1संबंध 2 संयोग। उपरंजन-सं० (पु०) 1 रँगना 2 पास की वस्तु पर अपना असर उपबोधक-सं० (पु०) सलाहकार और सहायक व्यक्ति उपबोधन-सं० (पु०) सलाह और सहायता देना उपरक्त-सं० (वि०) 1 विपद्ग्रस्त 2 पीड़ित 3 विषयासक्त उपबोली सं+ हिं० (स्त्री०), उपभाषा-सं० भाषा के साथ उपरक्षक-सं० (पु०) पहरा देनेवाला,चौकीदार प्रयुक्त होनेवाली सहायक भाषा एवं बोली जैसे-अवधी उपरक्षण-सं० (पु०) पहरा, चौकी भोजपुरी आदि) । ~गत (वि०) छोटी बोली का उपरत-सं० (वि०) 1 विरक्त 2 मरा हुआ उपभाषण-सं० (स्त्री०) बोली उपरति-सं० (स्त्री०) 1 उदासीनता, विराग 2 मृत्यु उपमुक्त-सं० (वि०) 1 काम में लाया हुआ 2 जूठा 3 भोग | उपरना-I (पु०) दुपट्टा II (अ० क्रि०) उखड़ना हुआ उपरपट, उपरफट्ट-(वि०) 1 बाहरी 2 बेकार, फालत अभेद-सं० (पु०) गौण भेद, उपविभाग उपरम-(पु०) 1विषय से विराग 2 निवृत्ति 3 मृत्यु उपभोक्ता-सं० (वि०) (दैनिक वस्तुओं का) उपभोग उपरला-(वि०) ऊपरवाला, ऊपरी करनेवाला । ~सहकारिता (स्त्री०) उपभोक्ता का सहयोग; उपरावर-I(स्त्री०) ऊँची जमीन II (वि०) ऊपरी सामग्री (स्त्री०) उपभोग की वस्तुएँ उपरांकित-सं० (वि०) ऊपर अंकित किया हुआ उपभोग-सं० (पु.) 1 भोगना 2 विषय सुख 3 वस्तुओं का उपरांत-सं० (क्रि० वि०) बाद में, अनंतर, तत्पश्चात् उपराग-सं० (पु०) 1रंग 2 लालरंग 3 लाली 4 दुर्व्यवहार उपभोज्य-सं० (वि०) उपभोग करने योग्य 5 निंदा 6 आस पास की वस्तु पर पड़नेवाली छाया उपभोज्य-[सं० (वि०) खाने योग्य II (पु०) भोजन, आहार उपराचढ़ी-(स्त्री०)लाग-डाट, प्रतिस्पर्धा, एक दूसरे से बढ़ जाने उपमंत्रण-सं० (पु०) 1आमंत्रण, न्यौता 2 अनुरोध करना की लालसा ज्यमंत्री-सं० (पु०) सहायक मंत्री उपराज-सं० (पु०) राजा का नायब, राज प्रतिनिधि उपमन्यु-सं० (वि.) 1 परिश्रमी 2 प्रतिभाशाली उपराज्यपाल-सं० (पु०) लेफ्टिनेंट गवर्नर, छोटे प्रदेश का उपमर्दन-सं० (पु.) 1बुरी तरह से कुचल देना, मसल देना सर्वोच्च पदाधिकारी 2 तिरस्कार करना 3 नष्ट करना उपराम-सं० (पु०) 1 विरक्ति 2 विश्राम उपमहाद्वीप-सं० (पु०) महाद्वीप का बड़ा अंग (जैसे-भारत) उपरारूपति-सं० (पु०) राष्ट्र के उपाध्यक्ष उपमहापौर-सं० (पु०) डिटी मेयर परि-सं० (अ०) ऊपर। -निर्दिष्ट (वि०) ऊपर संकेतित डालना उपयोग
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy