SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 378
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ महाभारत ] ( ३६७ ) [महाभारत च्यवन, मांधाता आदि की कथा, हनुमान-भीम मिलन, सपंरूपी नहुष से संवाद एवं उसकी मुक्ति, द्रौपदी-सत्यभामा संवाद, दुर्योधन का गन्धवों से युद्ध एवं उसकी पराजय, पाण्डवों द्वारा उसकी रक्षा एवं दुर्योधन की आत्मग्लानि, सावित्री-उपाख्यान, इन्द्र का कणं से कवच कुण्डल का दान रूप में ग्रहण तथा दिव्यशक्ति देना, यक्ष-युधिष्ठिरसंवाद । ४-विराटपर्व-अज्ञातवास के लिए पाण्डवों का विराटनगर में प्रस्थान, कीचक का द्रौपदी को अपमानित करना तथा भीम द्वारा उसका वध, सुशर्मा से पाण्डवों का राजा विराट की रक्षा करना, कौरवों का विराट् पर आक्रमण तथा पाण्डवों की सहायता से विराट् की विजय । विराट् की पुत्री उत्तरा के साथ अभिमन्यु का विवाह। ५-उद्योगपर्व-विराटनगर में श्रीकृष्ण के परामर्श से द्रुपद-पुरोहित का हस्तिनापुर जाना, अर्जुन तथा दुर्योधन दोनों की सहायता करने का श्रीकृष्ण का आश्वासन, पाण्डवों की सैनिक तैयारी, संजय का दूत बनकर आना और पाण्डवों का कौरवों को सन्देश, धृतराष्ट्र का चिन्तित होना, पाण्डवों का दूत बन कर श्रीकृष्ण का दुर्योधन की सभा में जाना और उनकी वार्ता का विफल होना, कुरुक्षेत्र में दोनों दलों की सैन्य-योजना एवं व्यूह की रचना। ६-भीष्मपर्व-व्यास जी द्वारा संजय को दिव्य सृष्टि की प्राप्ति, धृतराष्ट्र के पूछने पर संजय का युद्ध का विवरण देना, दस दिनों तक भीष्म द्वारा घनघोर युद्ध तथा शिखण्डी की सहायता से भीष्म का पतन, भीष्म की शरशय्या तथा प्राणत्याग के लिए उनकी उत्तरायण की प्रतीक्षा। - ७-द्रोणपर्व-अभिमन्यु का युद्ध, द्रोण द्वारा चक्रव्यूह का निर्माण एवं अभिमन्यु की मृत्यु, अर्जुन द्वारा जयद्रथ का मारा जाना, कर्ण की शक्ति से घटोत्कच की मृत्यु, द्रोणाचार्य का घोर युद्ध तथा धृष्टद्युम्न द्वारा उनका वध, अश्वत्थामा का क्रोध कर उसका नारायणास्त्र का प्रयोग, श्रीकृष्ण द्वारा पाण्डव सेना एवं भीम की रक्षा। -कर्णपर्व-कणं का सेनापति बनना, कर्ण द्वारा युधिष्ठिर की पराजय तथा पलायन, अश्वत्थामा को पराजित कर अर्जुन का युधिष्ठिर का समाचार लेने के लिए आना, युधिष्ठिर द्वारा अर्जुन का तिरस्कार तथा अर्जुन का युधिष्ठिर को मारने के लिए उचत होना। कृष्ण की शिक्षा से दोनों का प्रसन्नतापूर्वक मिलन, कर्णवध तथा युधिष्ठिर द्वारा शल्य का मारा जाना, दुर्योधन का सरोवर में प्रवेश। ९-गदापर्व-भीमसेन की ललकार सुनकर दुर्योधन का सरोवर से निकल तथा भीमसेन के साथ गदा-युद्ध, भीम का. दुर्योधन की जांच तोड़ देना, बलराम .. माना और क्रोध प्रकट करना, दुर्योधन की दशा देखकर अश्वत्थामा का शोक करना तथा उसका सेनापतित्व ग्रहण करना । १०-सौप्तिकपर्व-अश्वत्थामा द्वारा द्रौपदी के पांच पुत्रों तथा अन्य वीरों का वध, अजुन का अश्वत्थामा को दण्ड देना तथा मणि देकर अश्वस्थामा का पलायन । ११-स्त्रीपर्व-जल प्रदानादि कर्म, धृतराष्ट्र का विलाप, संजय एवं विदुर का
SR No.016140
Book TitleSanskrit Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajvansh Sahay
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year2002
Total Pages728
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy