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पवनंजय
343
पाण्डु
330
330/
343
343
344 344 344 344 345
345 346
334
346 346 346
884
346
347
पात्रकेशरी (आचाय) पादलिप्त (आचाय) पारसनाथ पाराशर पार्श्वनाथ (तीर्थंकर) (क) पालक (ख) पालक (राजा) पाहिनी पाहिल श्रेष्ठी पिंगल निर्ग्रन्थ पितृसेनकृष्णा (क) पुंडरीक (ख) पुंडरीक (गणधर) पुणिया श्रावक पुण्यभद्र पुण्यपाल पुण्यमित्र पुण्यवती पुण्यसार पुण्याय राजा पुद्गल परिव्राजक (क) पुरन्दर (ख) पुरन्दर (ग) पुरन्दर पुष्पवती (आया) पूर्णा (आया) प्रभंकरा (आया) पुरन्दरयशा पुरुषपुण्डरीक (वासुदेव ) (क) पुरुषसिंह (ख) पुरुषसिंह (वासुदेव) पुरुषसेन पुरुषोत्तम (वासुदेव) पुष्पवती (आय)
330 | (क) पुष्पचूल
(ख) पुष्पचूल (क) पुष्पचूला (ख) पुष्पचूला (क) पुष्पदंत
(ख) पुष्पदंत 392 (ग) पुष्पदंत (अणगार) 333 | (घ) पुष्पदंत (आचाय) 333 | | (ङ) पुष्पदंत (कवि) 333 पुष्पभूति (आचाय) -
(क) पुष्पवती 334 (ख) पुष्पवती 334 (ग) पुष्पवती 334 पुष्पसाल सुत
पुष्यमित्र (सामुद्रिक वेत्ता)
| पूर्ण कुमार 335 | (क) पूर्णभद्र 335 | (ख) पूर्णभद्र (गाथापति) 336 ] (ग) पूर्णभद्र (सेठ) 336 | पूर्णमित्रा 336 | पूर्णा (आया)
| पूषा
| (क) पृथ्वी 338 | (ख) पृथ्वी 339 | (ग) पृथ्वी 339 | पृथ्वी श्री 340 पेथडशाह 340 पोइणी आर्या 340 पोक्खली
पोटिलदेव
| पोटिल्ला 341 प्रचण्डा
प्रजापति 342 प्रजापाल 342
प्रतिबुद्धि राजा 342 प्रतिष्ठ 342 प्रदेशी राजा 343 | प्रद्युम्न कुमार
347 347 347
348
348
348
348
348
348
340
841
349
341
349 349 349
349 349
पुष्पसेन
349
पुष्पकेतु
350
.। अनुक्रमणिका ।
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। जैन चरित्र कोश ।.