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________________ FEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEMA (133) अह सगयं वहणं चिय हेऊ तस्स ति किं परवहेणं। अप्पा खलु हंतव्वो कम्मक्खयमिच्छमाणेणं ॥ ___(श्रा.प्र. 144) 卐卐卐'' (आत्मबंध को कर्मक्षय का कारण मानना भी युक्तिसंगत नहीं, इसका स्पष्टीकरण-) यदि वादी को यह अभीष्ट है कि अपना वध ही उस कर्मक्षय का हेतु है तो वैसी ॐ स्थिति में अन्य प्राणियों के वध से क्या प्रयोजन सिद्ध होने वाला है? कुछ भी नहीं, उक्त ॥ 卐 मान्यता के अनुसार तो कर्मक्षय की इच्छा करने वाले को निश्चय से अपना ही घात करना उचित है. क्योंकि वही तो कर्मक्षय का कारण है। {134) मुत्ताण कम्मबंधो पावइ एवं निरत्थगा मुत्ती। अह तस्स पुन्नबंधो तओ वि न अंतरायाओ ॥ __ (श्रा.प्र. 142) यह वादी अवध क्रिया को कर्मबंध का कारण मानता है तो वैसी अवस्था में मुक्त जीवों है 卐 के कर्मबंध का प्रसंग अनिवार्य रूप से प्राप्त हो जाएगा, क्योंकि उनके द्वारा किसी भी प्राणी का 卐 वध नहीं किया जाता है। तब ऐसी स्थिति में मुक्ति निरर्थक हो जाएगी। इसका परिहार करते हुए वादी कहता है कि उस वध-कर्ता द्वारा उन दुःखी जीवों के वध से वधकर्ता को पुण्य का बंध होता है। इसका भी निरसन करते हुए कहा जाता है कि उसके वह पुण्यबंध भी संभव नहीं हैं, 卐 क्योंकि इस प्रकार से वह दुःखी जीवों का वध करके उनके पुण्यबंध में अंतराय ही करता है। 四~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~! (135) वहमाणो ते नियमा करेइ वहपुन्नमंतरायं से। ता कह णु तस्स पुनं तेसिं क्खवणं व हेऊओ॥ (श्रा.प्र. 143) (वह अंतराय कैसे करता है? इसका स्पष्टीकरण-) कारण इसका यह है कि वह उनका वध करता हुआ उनके अन्य जीवों के वध से 卐 होने वाले पुण्य के बंध में अंतराय करता है और तब वैसी स्थिति में दूसरों के पुण्यबंध में ॥ ॐ स्वयं अंतराय बन जाने पर-उस वधकर्ता के पुण्य का बंध कैसे हो सकता है? नहीं हो ॥ सकता है। जैसे उनके कर्मक्षय में-जो दूसरों के कर्मक्षय में स्वयं अंतराय करता है, उसके कर्म का क्षय भी जिस प्रकार असंभव है। इस प्रकार वादी ने जिसे पुण्यबंध का हेतु माना है, वह वस्तुत: अहेतु है-उसका हेतु नहीं है। 明明明 LELELELEUEUEUELELELCLCLCLCLCLCLCLCLEUEUEUEUEUEUELELCLCLCLCLCLC [जैन संस्कृति खण्ड/62
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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