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________________ REEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE (1291 तएणं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी-नो खलु अजो! अम्हे रीयं ॥ मरीयमाणा पुढविं पेच्चेमो अभिहणामो जाव उवद्दवेमो, अम्हे णं अजो! रीयं रीयमाणा कायं वा जोगं वा रियं वा पडुच्च देसं देसेणं वयामो, पएसं पएसेणं वयामो, तेणं अम्हे देसं देसेणं वयमाणा पएसं पएसेणं वयमाणा नो पुढविं पेच्चेमो अभिहणामो जाव 卐उवद्दवेमो, तए णं अम्हे पुढविं अपेच्चमाणा अणभिहणेमाणा जाव अणुवद्दवेमाणा जातिविहं तिविहेणं संजय जाव एगंतपंडिया यावि भवामो, तुब्भे णं अजो! अप्पणा चेव तिविहं तिविहेणं अस्संजय जाव बाला यावि भवह। __ (व्या. प्र. 8/7/19) [प्रतिवाद]- तब उन (श्रमण) स्थविरों ने उन अन्यतीर्थिकों से यों कहा- "आर्यो! हम गमन करते हुए पृथ्वीकायिक जीवों को दबाते (कुचलते) नहीं, हनते नहीं, यावत् मारते । 卐 नहीं! हे आर्यों! हम गमन करते हुए काय (अर्थात्-शरीर के कार्य-मल-मूत्र त्याग आदि) 卐 के लिए, योग (अर्थात्- ग्लान आदि की सेवा) के लिए, ऋत (अर्थात्- सत्य अप्कायादि जीवसंरक्षणरूप संयम) के लिए एक देश (स्थल) से दूसरे देश (स्थल) में और एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में जाते हैं। इस प्रकार एक स्थल से दूसरे स्थल में और एक प्रदेश से ॐ दूसरे प्रदेश में जाते हुए हम पृथ्वीकायिक जीवों को नहीं दबाते हुए, हनन न करते हुए यावत् । 卐नहीं मारते हुए हम त्रिविध संयत, विरत, यावत् एकान्त-पण्डित हैं। किन्तु हे आर्यों! तुम ॥ स्वयं त्रिविध-त्रिविध असंयत, अविरत, यावत् एकान्तबाल हो।" 听听听听听听听听明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Oहिंसा-समर्थक संसारगोचकों के कुतर्क का निराकरण {130) अन्ने उ दुहियसत्ता संसारं परिअडंति पावेण। वावाएयव्वा खलु ते तक्खवणट्ठया विंति ॥ (श्रा.प्र. 133) अन्य कितने ही वादी (संसार-मोचक) यह कहते हैं कि दुःखी प्राणी चूंकि पाप से है संसार में परिभ्रमण करते हैं, अतएव उनका उस पाप के क्षय के निमित्त घात करना चाहिए। [संसारमोचकों का मत है कि कीट-पतंग आदि दुःखी जीव हैं, वे संसार में परिभ्रमण करते हुए दुःख भोग रहे हैं। उनका वध करने से वे उस दुःख से छुटकारा पा सकते हैं। इस प्रकार मारे जाने पर उनके यद्यपि आर्त एवं FREEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE [जैन संस्कृति खण्ड/60 卐
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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