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________________ FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFEEYEEEEER ॐ [प्र.] भगवन् ! (मान लीजिए) समान उम्र में यावत् समान ही भाण्ड, पात्र और . उपकरण वाले दो पुरुष, एक दूसरे के साथ अग्निकाय का समारम्भ करें, (अर्थात्) उनमें 卐 से एक पुरुष अग्निकाय को जलाए और एक पुरुष अग्निकाय को बुझाए, तो हे भगवन्! उन ॥ ॐ दोनों पुरुषों में कौन-सा पुरुष महाकर्म वाला, महाक्रिया वाला, महा-आस्रव वाला और अल्पवेदना वाला होता है? (अर्थात्- दोनों में से जो अग्नि जलाता है, वह महाकर्म आदि ॐ वाला होता है, या जो आग बुझाता है, वह महाकर्मादि युक्त होता है?) 卐 [उ.] हे कालोदायिन् ! उन दोनों पुरुषों में से जो पुरुष अग्निकाय को जलाता है, वह पुरुष महाकर्म वाला यावत् महावेदना वाला होता है, और जो पुरुष अनिकाय को बुझाता है, वह अल्पकर्म वाला यावत् अल्पवेदना वाला होता है। FO हिंसा के विविध भेद {78} के ते हिंसादय इत्याशंकायामाह पाणिवह मुसावादं अदत्त मेहुण परिग्गहं चेव। कोहमदमायलोहा भय अरदि रदी दुगंछा य॥ मणवयणकायमंगुल मिच्छादसण पमादो य। पिसुणत्तणमण्णाणं अणिग्गहो इंदियाणं च॥ ___ (मूला. 11/1026-1027) गाथार्थ-हिंसा, असत्य, चोरी, कुशील, परिग्रह, क्रोध, मान, माया, लोभ, भय, 卐 अरति, रति, जुगुप्सा, मनोमंगुल, कायमंगुल, मिथ्यादर्शन, प्रमाद, पिशुनता, अज्ञान और ने इन्द्रियों का अनिग्रह -ये हिंसा के इक्कीस भेद हैं। 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 $$$$$$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听那 क卐卐 [जैन संस्कृति खण्ड/32
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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