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________________ (729) 卐9999999) FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFIg अगारधम्म दुवालसविहं आइक्खइ, तं जहा-पंच अणुव्वयाई, तिण्णि 卐 गुणव्वयाई, चत्तारि सिक्खावयाई। पंच अणुव्वयाई, तं जहा- थूलाओ पाणाइवायाओ वेरमणं, थूलाओ मुसावायाओ वेरमणं, थूलाओ अदिण्णादाणाओ वेरमणं, सदारसंतोसे, इच्छापरिमाणे । तिण्णि गुणव्वयाई,तं जहा-अणत्थदंडवेरमणं, दिसिव्वयं, उवभोग卐 परिभोगपरिमाणं। चत्तारि सिवखावयाई, तं जहा-सामाइयं, देसावगासियं, 卐 पोसहोवसासे, अतिहि-संविभागे, अपच्छिमा-मारणंतिया-संलेहणा-झूसणा-राहणा, अयमाउसो! अगार-सामइए धम्मे पण्णत्ते, एयस्स धम्मस्स सिक्खाए उवट्ठिए समणोवासए वा समणोवासिया वा विहरमाणे आणाए आराहए भवइ। (उवा. 1/11) भगवान् ने अगारधर्म 12 प्रकार का बतलाया है- 5 अणुव्रत, 3 गुणव्रत तथा 4 शिक्षाव्रत । 5. अणुव्रत इस प्रकार हैं- 1. स्थूल-मोटे तौर पर, अपवाद रखते हुए प्राणातिपात से निवृत्त होना, 2. स्थूल मृषावाद से निवृत्त होना, 3. स्थूल अदत्तादान से निवृत्त होना 4. म स्वदारसंतोष-अपनी परिणीता पत्नी तक सहवास की सीमा, 5. इच्छा- परिग्रह की इच्छा काम 卐 परिमाण या सीमाकरण। 3 गुणव्रत इस प्रकार हैं- 1. अनर्थदंड-विरमण-आत्मा के लिए अहितकर या आत्मगुण-घातक निरर्थक प्रवृत्ति का त्याग, 2. दिग्व्रत- विभिन्न दिशाओं में जाने के संबंध में मर्यादा या सीमाकरण, 3. उपभोग-परिभोग-परिमाण-उपभोग-जिन्हें अनेक बार भोगा 卐जा सके, ऐसी वस्तुएं- जैसे वस्त्र आदि, तथा परिभोग जिन्हें एक ही बार भोगा जा सके-卐 जैसे भोजन आदि-इनका परिमाण- सीमाकरण।4 शिक्षा-व्रत इस प्रकार हैं-1. सामायिकसमता या समत्वभाव की साधना के लिए एक नियत समय (न्यूनतम एक मुहूर्त-485 औ मिनट) में किया जाने वाला अभ्यास, 2. देशावकासिक-- नित्य प्रति अपनी प्रवृत्तियों में 卐 निवृत्ति-भाव की वृद्धि का अभ्यास 3. पोषधोपवास-अध्यात्म-साधना में अग्रसर होने के 卐 हेतु यथाविधि आहार, अब्रह्मचर्य आदि का त्याग तथा 4. अतिथि-संविभाग-जिनके आने की कोई तिथि नहीं, ऐसे अनिमंत्रित संयमी साधक या साधर्मिक बन्धुओं को संयमोपयोगी ) एवं जीवनोपयोगी अपनी अधिकृत सामग्री का एक भाग आदरपूर्वक देना, सदा मन में ऐसी ॐ भावना बनाए रखना कि ऐसा अवसर प्राप्त हो। तितिक्षापूर्वक अन्तिम मरण रूप संलेखणा-तपश्चरण, आमरण अनशन की आराधना के साथ देहत्याग, श्रावक की इस जीवन की साधना का पर्यवसान है, जिसकी एक गृही साधक भावना लिए रहता है। allyHITREEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE [जैन संस्कृति खण्ड/306 听听听听 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听那 明明明明明明明
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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