SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 324
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ REFEEFFEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE यथावदतिथौ साधौ दीने च प्रतिपत्तिकृत् । सदाऽनभिनिविष्टश्च पक्षपाती. गुणेषु च॥ अदेशाकालयोश्चयाँ त्यजन् जानन् बलाबलम्। वृत्तस्थज्ञानवृद्धानां पूजकः पोष्य-पोषकः॥ दीर्घदर्शी विशेषज्ञः कृतज्ञो लोकवल्लभः। सलज्जः सदयः सौम्यः परोपकृतिकर्मठः॥ अंतरंगारिषड्वर्ग-परिहार-परायणः । वशीकृतेन्द्रियग्रामो गृहिधर्माय कल्पते ॥ (है. योग. 1/47-56) 1. धन-वैभव को न्याय से उपार्जित करने वाला, 2. शिष्टाचार (उत्तम आचरण) का प्रशंसक, 3. समान कुल-शील वाले अन्य गोत्र के साथ विवाह करने वाला, 4. पापभीरु, 5. प्रसिद्ध देशाचार का पालक, 6. किसी का भी अवर्णवादी नहीं; विशेष कर राजादि के अवर्णवाद का त्यागी, 7. उसका घर न अतिगुप्त हो और न अतिप्रगट तथा उसका पड़ोस 卐 अच्छा हो और उसके मकान में जाने-आने के अनेक द्वार नहीं हों, 8. सदाचारी का सत्संग करने वाला, 9. माता-पिता का पूजक, 10. उपद्रव वाले स्थान को छोड़ देने वाला, 11. में निंदनीय कार्य में प्रवृत्ति नहीं करने वाला, 12. आय के अनुसार व्यय करने वाला, 13. वैभव 卐 के अनुसर वेष-भूषा धारण करने वाला, 14. बुद्धि के आठ गुणों से युक्त, 15. हमेशा धर्मश्रवणकर्ता, 16. अजीर्ण के समय भोजन का त्यागी, 17. भोजनकाल में स्वस्थता से पथ्ययुक्त भोजन करने वाला, 18. धर्म, अर्थ और काम- इन तीन वर्गों का परस्पर, 卐 अबाधक-रूप से साधक, 19. अपनी शक्ति के अनुसार अतिथि, साधु एवं दीन-दुःखियों की सेवा करने वाला, 20. मिथ्या आग्रह से सदा दूर, 21. गुणों का पक्षपाती, 22. निषिद्ध देशाचार एवं निषिद्ध कालाचार का त्यागी, 23. बलाबल का सम्यक् ज्ञाता, 24. व्रत-नियम म में स्थित ज्ञानवृद्धों का पूजक, 25. आश्रितों का पोषक, 26. दीर्घदर्शी, 27. विशेषज्ञ, 28.5 कृतज्ञ, 29. लोकप्रिय, 30. लज्जावान्, 31. दयालु, 32. शांतस्वभावी, 33. परोपकार करने EE में कर्मठ, 34. कामक्रोधादि अंतरंग छह शत्रुओं को दूर करने में तत्पर, 35. इंद्रिय-समूह को 卐 वश में करने वाला; इन पूर्वोक्त 35 गुणों से युक्त व्यक्ति गृहस्थ धर्म (देशविरतिचारित्र) ॐ पालन करने के योग्य बनता है। [जैन संस्कृति खण्ड/296
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy