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________________ ...NIFLELELELELELELELELEELELELELELELELELELETELELELELELELEUELELELE , (306) पंचिंदिया णं जीवा समारभमाणस्स दसविधे असंजमे कजति, तं जहा# सोतामयाओ सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवति। सोतांमएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति।" 卐 चक्खुमयाओ सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवति। चक्खुमएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति । घाणामयाओ सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवति। घाणामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति। जिब्भामयाओ सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवति । जिब्भामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति। फासामयाओ सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवति। फासामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति। (ठा. 10/23) पंचेन्द्रिय जीवों का घात करने वाले के दस प्रकार का असंयम होता है। जैसे1. श्रोत्रेन्द्रिय-सम्बन्धी सुख का वियोग करने से। 2. श्रोत्रेन्द्रिय-सम्बन्धी दु:ख का संयोग करने से। 3. चक्षुरिन्द्रिय-सम्बन्धी सुख का वियोग करने से। 4. चक्षुरिन्द्रिय-सम्बन्धी दुःख का संयोग करने से। 5. घ्राणेन्द्रिय-सम्बन्धी सुख का वियोग करने से। 6. घ्राणेन्द्रिय-सम्बन्धी दुःख का संयोग करने से। 7. रसनेन्द्रिय-सम्बन्धी सुख का वियोग करने से। 8. रसनेन्द्रिय-सम्बन्धी दुःख का संयोग करने से। 9. स्पर्शनेन्द्रिय-सम्बन्धी सुख का वियोग करने से। 10. स्पर्शनेन्द्रिय-सम्बन्धी दुःख का संयोग करने से। 叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩か {307} तेइंदिया णं जीवा समारभमाणस्स छव्विहे असंजमे कजति, तं जहाघाणामातो सोक्खातो ववरोवेत्ता भवति। घाणामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति। GE (जिब्भामातो सोक्खातो ववरोवेत्ता भवति। जिब्भामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति। फासामातो सोक्खातो ववरोवेत्ता भवति) फासामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति। (ठा. 6/82)卐 त्रीन्द्रिय जीवों का घात करने वाले के छह प्रकार का असंयम होता है। जैसे1. घ्राण-जनित सुख का वियोग करने से। 2. घ्राण-जनित दुःख का संयोग करने से। 3. रस-जनित सुख का वियोग करने से। 4. रस-जनित दुःख का संयोग करने से। . 5. स्पर्श-जनित सुख का वियोग करने से। 6. स्पर्श-जनित दुःख का संयोग करने से। FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFET अहिंसा-विश्वकोश।।43]
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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