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________________ उद्धरण का प्रारम्भिक अंश उद्वेगजननं हिंसा... उद्वेजनेन बन्धेन.... उपक्रामति जन्तूंश्च.. उपलक्ष्याणि जानीयात्... उपायविजयं श्रेष्ठम् ... ऊषुर्द्विजातयो देवान्..... ऊचुर्वसुं विमानस्थं.... ऊधश्छिन्द्यात् तु यो धेन्वाः.... ऋजून्येव विशुद्धानि... ऋतं तपः, सत्यं तपः श्रुतं ... ऋषयो ब्राह्मणा देवा..... ऋषिभिः संशयं पृष्टो... एकः सम्पन्नमश्नाति .... एकं प्रसूयते माता.... एकपादस्थिते धर्मे .... एकाहं स्थापयेत्तोयं... एकेन सह संयुक्त:... एकेनैकश्च शस्त्रेण... एकैकमेते.... एको हापि बहून् घ्नन्ति... एतत् तपश्च पुण्यं च.... एतन्नः संशयं छिन्धि... एतत् फलमहिंसायाः..... एतत्साधारणं धर्मम्..... एतद् रूपमधर्मस्य ..... एतानासेवेत यस्तु.... एतावानव्ययो धर्मः.... एते पञ्चदशानर्था.... एतेऽपि ये याज्ञिका..... एतैर्दशभिरंगैस्तु..... 33 एतैश्चान्यैश्च राजेन्द्र ... एवं कुटुम्बभरणे.... [ वैदिक / ब्राह्मण संस्कृति खण्ड / 358 उद्धरण पृष्ठ संख्या संख्या उद्धरण का प्रारम्भिक अंश एवं दोषो महानत्र... 278 एवं धर्मः समायातः.... एवं बहुविधा दोषाः एवं बहुविधान् भावान्..... एवंभूतो नरो देवि .... एवंयुक्तसमाचाराः.... 8 5 168 946 128 137 40 961 283 927 266 927 267 958 282 1030 303 772 216 420 118 911 259 751 210 582 164 51 14 794 222 1007 296 1011 297 155 47 969 285 1029 302 927 266 62 17 11 4 31 9 130 38 823 232 320 95 608 170 917 261 19 6 683 193 483 136 120 34 " एवं लोकेष्वहिंसा तु ... एवं वै परमं धर्मं .... एवं शीलसमाचारः... एवं सम्यक् मया प्रोक्तं ... एवं सर्वमहिंसायाम्..... एवं सर्वाष्यवस्थासु... एवं स्वभरणाकल्पं ... एवमुक्त्वा स नृपतिः.... एवमेव विना राज्ञा.... एष दीर्घायुषां मार्गः... एष धर्मः कुरुश्रेष्ठ... एष धर्मो महायोगः ... 33 उद्धरण पृष्ठ संख्या संख्या औषधं स्नेहमाहारं... औषधाद्युपकारे तु.... कः शक्रोति गुणान् वक्तुं .... कटुवाचा बान्धवांश्च... कथं कर्तव्यमस्माभिः ... कथंस्विदन्यथा ब्रूयाद्.... कटाऽपि नोदण्डः स्यात्..... करोति स नृपः श्रेष्ठो..... कपोतार्थं स्वमांसानि ... कर्णिनालीकनाराचान् .... कर्म च श्रुतसम्पन्नं ..... कर्म चैतदसाधूनाम्..... कर्मणा मनसा वाचा ... 33 674 162 486 489 119 101 638 423 426 89 178 42 1021 120 928 932 87 80 14 735 792 173 178 531 51 927 942 954 341 518 687 1033 16 65 191 14 2 2 3 4 4 4 4 4 = 8 59 68 5482 50 137 138 33 28 182 119 120 25 58 11 300 34 269 273 24 22 4 206 222 55 58 151 14 266 276 100 147 194 304 5 18
SR No.016128
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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