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________________ 国斯劳斯男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男男 भूण-हत्याः निन्दनीय व वर्जनीय {274} भ्रूणहत्या अपात्र्या। (तै.ब्रा. 3/9/15/57) भ्रूण-हत्या व्यक्ति को / अपात्र अयोग्य बनाती है। {275} गर्भत्यागो भर्तृनिन्दा स्त्रीणां पतनकारणम्। (ग.पु. 1/105/47) ___ पति की निन्दा तथा गर्भ गिरवाना-ये (दोनों) कार्य स्त्रियों के अध:पतन के कारण होते हैं। 明明明明明坂野坂听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 {276} भ्रूणहाऽऽहवमध्ये तु शुद्ध्यते शस्त्रपाततः। आत्मानं जुहुयादग्नौ समिद्धे तेन शुद्धयते॥ (म.भा.12/165/46-47) गर्भस्थ बालक की हत्या करने वाला (अपने पाप से) तभी शुद्ध होता है जब वह युद्ध में शस्त्र-आघात से मर जाय, या प्रज्वलित अग्नि में कूद कर, अपनी जान दे दे (अर्थात् युद्ध में या जलकर स्वयं मृत्यु या वध का वरण करना ही उसकी शुद्धि का उपाय है)। {277} सुरापोऽसम्मतादायी भ्रूणहा गुरुतल्पगः। तपसैव सुतप्तेन नरः पापात् प्रमुच्यते॥ (म.भा. 12/161/6) (1) शराब पीने वाले, (2) स्वामी की अनुमति के बिना उसकी वस्तु (चोर कर) ले लेने वाले, तथा (3) गुरु-पत्नी-गमन करने वाले व्यक्तियों की तरह भ्रूण-हत्या - करने वाले व्यक्ति को भी अपने (भ्रूण -वध) पाप से तभी मुक्ति मिल सकती है, जब वह # बहुत अच्छी तरह की गई विशेष तपस्या के द्वारा स्वयं को तपाये। %%听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听形 %%%% %%% %%%% %%%%%%%%%%、 %%%%% विदिक ब्राह्मण संस्कृति खण्ड/84
SR No.016128
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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