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________________ वीर प्राचीन चरित्रकोश वीरभद्र हुआ ३. एक अग्नि, जो भरद्वाज एवं वीरा के पुत्रों में से | वीरणि-एक आचार्य, जो वायु के अनुसार, व्यास एक था (म. व. २०९.९-१०)। इसे 'रथप्रभु" की यजुःशिष्य परंपरा में से याज्ञवल्क्य का वाजसनेय शिष्य 'रथध्वत् ' एवं 'कुंभरेतस्' नामान्तर भी प्राप्त थे । इसकी | था। पत्नी का नाम सरयु था, जिससे इसे सिद्धि नामक पुत्र | वीरद्युम्न-एक राजा, जिसका तनुविप्र नामक ऋषि उत्पन्न हुआ था (म. व. २०९.११)। सोमदेवता के साथ | के साथ आशा-निराशा के संबंध में तत्त्वज्ञान पर संवाद द्वितीय 'आज्यभाग' इसी को ही प्राप्त होता है। हुआ था (म. शां. १२६.१४)। इसका भूरिद्युम्न नामक ४. एक अग्नि, जो पांचजन्य अग्नि का पुत्र था पुत्र वन में खो गया था, जिसके संबंध में यह संवाद हुआ (म. व. २१०.९)। था (कृशतनु देखिये)। ५. एक राजा, जो कलिंगराज चित्रांगद की कन्या के वीरधन्वन्--त्रिगर्त देश का एक राजा, जो भारतीय स्वयंवर में उपस्थित था (म. शां. ४.७)। | युद्ध में दुर्योधन के पक्ष में शामिल था । धृष्टकेतु के द्वारा ६. (सो. अनु ) अनुवंशीय पुरंजय राजा का नामान्तर। इसका वध हुआ (म. द्रो.८२.१६-१७)। ७. तामस मन्वन्तर का एक देव । वीरधर्मन-एक राजा, जो भारतीय युद्ध में पाण्डवों ८. एक यादव राजकुमार, जो कृष्ण एवं सत्या के पत्रों | के पक्ष में शामिल था। में से एक था। वीरबाहु-धृतराष्ट्र के सौ पुत्रों में से एक । भारतीय ९. एक यादव राजकुमार, जो कृष्ण एवं कालिंदी के | युद्ध में यह भीम के द्वारा मारा गया । पाठभेद (मांडारकर पुत्रों में से एक था। | संहिता)--' भीमबाहु । १०. एक दानव, जो कश्यप एवं दनु के पुत्रों में से २. चेदि देश का एक राजा, जिसका विवाह दशार्ण-. एक था। राज सुदामन् की कन्या के साथ हुआ था। दमयंती को ११. एक राजा, जो अविक्षित्पत्नी लीलावती का वन में अकेली छोड़ कर, नल जब चला गया, उस पिता था ( लीलावती ४. देखिये)। समय, इसने ही दमयन्ती को आश्रय दिया था (म. १२. सोमवंश में उत्पन्न एक राजा, जिसके पुत्र का व. ६६.१३)। नाम तोण्डमान था। इसके पुत्र का नाम सुबाहु एवं कन्या का नाम सुनंदा वीरक--चाक्षुष मन्वन्तर का ऋषि ( भा.८.५.८)। था। किन्तु महाभारत के कुंभकोणम् संस्करण में इसे ही २. शिव के वीरभद्र नामक पार्षद का नामान्तर | सुबाहु कहा गया है। (वीरभद्र देखिये)। । ३. सुग्रीवसेना का एक वानर (बा.रा. किं. ३३.१०)। वीरकेतु--पांचालराज द्रुपद के पुत्रों में से एक। ४. एक गंधर्व, जिसने तक्षक के साथ युद्ध किया था भारतीय युद्ध में यह द्रोण के द्वारा मारा गया था ( म. (विष्णुधर्म. १.२६१.७)। द्रो. ९८.३५ )। ५. कांपिल्य नगरी का एक राजा (स्कंद. २.५.४)। २. हंसध्वज राजा के सुमति नामक प्रधान का पुत्र । वीरभद्र-एक शिवपार्षद, जो शिव के क्रोध से वीरजित्-( सो. मगध. भविष्य ) मगधवंशीय उत्पन्न हुआ था। विश्वजित् राजा का नामान्तर ( विश्वजित् ३. देखिये)। जन्म-स्वायंभुव मन्वंतर में दक्ष प्रजापति के द्वारा वायु में इसे सत्यजित् राजा का पुत्र कहा गया है। किये गये यज्ञ में शिव का अपमान हुआ। इस अपमान वीरण--चाक्षुष मन्वन्तर का एक प्रजापति, जिसे के कारण क्रुद्ध हुए शिव ने अपनी जटाओं को झटक कर, सनत्कुमार के द्वारा सात्वत धर्म का ज्ञान प्राप्त हुआ इसका निर्माण किया (भा. ४.५, स्कंद. १.१- ३; शिव. था । यही ज्ञान इसने आगे चल कर रैभ्यऋषि को प्रदान | रुद्र. ३२)। किया था (म. शां. ३३६.३७ )। | इसके जन्म के संबंध में विभिन्न कथाएँ पन एवं इसकी कन्या का नाम असिक्नी (वीरिणी) था, जो | महाभारत में प्राप्त हैं । क्रुद्ध हुए शिव के मस्तक से दक्ष की पत्नी थी। पसीने का जो बूंद भूमि पर गिरा, उसीसे ही यह निर्माण वीरणक--धृतराष्ट्रकुल में उत्पन्न एक नाग, जो जन- हुआ (पद्म. स. २४) । यह शिव के मुँह से उत्पन्न मेजय के सर्पसत्र में दग्ध हुआ था (म. आ. ५२.१७पाठ.)। हुआ था (म. शां. २७४. परि. १. क्र. २८. पंक्ति
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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