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________________ विशाल प्राचीन चरित्रकोश विश्रवस् सहदेव-कुशाश्व-सोमदत्त-का कुत्स्थ-सुमति (वा. रा. बा. विशालाक्षी-स्कंद की अनुचरी एक मातृका (म. ४७.११-१७)। | श. ४५.३ )। वायु में सोमदत्त से सुमति राजाओं तक का वंशक्रम विशिख--एक पक्षिराज, जो गरुड एवं शुकी के सोमदत्त-जनमेजय-सुमति इस क्रम से दिया गया है पुत्रों में से एक था (ब्रह्मांड. ३.७.४५०)। (वायु. ८६.१५-२२)। विष्णु में भी 'वैशालक नृयों' विशिरा-कंद की अनुचरी एक मातृका (म. श. का निर्देश प्राप्त है, एवं इस वंश के हेमचंद्र, सुचंद्र एवं | ४५.२८)।। पुष्कराक्ष के साथ परशुराम का युद्ध होने का निर्देश वहाँ विशिशिप्र--एक आचार्य, जिसका निर्देश सदार्पण किया गया है (विष्णु. ४.१.१६)। नामक ऋषि के सूक्त में प्राप्त है । वहाँ मनु ने इसे वाद२. लंका नगरी का एक राक्षस ( वा. रा. सु.६.२६)। विवाद में जीतने का निर्देश प्राप्त है (भा...४५.६)। ३. कृष्ण का एक बालमित्र ( भा. १०.२२.३१)। विशेष--दमन नामक शिवावतार का एक शिष्य । ४. एक राजा, जो विश्रवस् राजा एवं अलंबुषा अप्सरा | विशोक--एक केकय राजकुमार, जो भारतीय युद्ध का पुत्र था। में पाण्डवों के पक्ष में शामिल था। कण ने इसका वध ५. एक राजा । इसकी कन्या का नाम वैशालिनी था, किया (म. क. ७.३)। जो परिक्षित् राजा की पत्नी थी (वैशालिनी देखिये)। २. भीमसेन का सारथि (म. स. ३०.३०; भी. ७३. विशालक--कुवेर सभा का एक यक्ष ( म. स. १०.. २५)। भारतीय युद्ध के समय इसका एवं भीम का १५)। बाणों के विविध जातियों के संबंध में संवाद हुआ था (म. २. एक राजा, जिसने अपनी भद्रा नामक कन्या वसुदेव क. ५४.१४-१५)। को विवाह में दी थी। किन्तु शिशुपाल ने उसका हरण ३. एक यादव राजकुमार, जो कृष्ण एवं त्रिवत्रा के किया ( म. स. ४२.११)। पुत्रों में से एक था। यह नारद का शिष्य था, एवं इसने विशाला-सोमवंशीय अजमीढ राजा की पत्नी (म. | 'सात्वत तंत्र' नामक ग्रंथ की रचना की थी, जिसमें आ. ९०.३९)। पाठ-' विमला। स्त्रियों, शूद्र एवं गुलाम लोगों के लिए विविध प्रकार का २. महावीर्यपुत्र भीम राजा की पत्नी. जिससे इसे | उपदेश दिया गया है (भा. १०.९०.३४)। त्रय्यारुणि, पुष्करिन् एवं कपि नामक तीन पुत्र उत्पन्न ४. दमन नामक शिवावतार का एक शिष्य । पाटहुए ( वायु. ३७. १५८)। मत्स्य में इसे उरुक्षय राजा 'विशेष'। की पत्नी कहा गया है। विशोका---कृष्ण की एक पत्नी (म. स. परि. १. - ३. वरुण की कन्या, जो ययातिपत्नी अश्रुबिन्दुमती | २२.१४१२)। की सखी थी (पद्म. भू. ७७)। २. स्कंद की अनुचरी एक मातृका (म. श. ४५.५)। ४. कौशिक राजा की पत्नी ( कौशिक ११. देखिये)। विश्पला--खेल नामक राजा की पत्नी । किसी युद्ध विशालाक्ष--गरुड की प्रमुख संतानों में से एक | में इसका पाँव टूट गया। उस समय अश्विनों ने इसे एक (म. उ. ९९.९)। | लोहे का (आयसी) पैर प्रदान किया,एवं एक रात्रि में ही २. (सो. कुरु.) धृतराष्ट्र के शतपुत्रों में से एक। इसे पुनः एक बार युद्ध के लिए योग्य बनाया । पिहोल के भीम ने इसका वध किया था ( म. भी. ८४.२५)। अनुसार, विश्पला एक स्त्री का नाम न हो कर एक अश्व ३. विराट राजा का छोटा भाई, जिसे 'मदिराक्ष' का नाम था (वेदिशे स्टूडियन. १.१७१-१७३)। किन्तु नामान्तर भी प्राप्त था। कीचकवध के पश्चात् यह | यह तक अयोग्य प्रतीत होता है। विराट का सेनापति हुआ (म. वि. ३१.१५, मदिराश्व विश्रवस्--(स्वा.) एक ऋषि, जो वैश्रवण कुबेर का . १. देखिये)। पिता था (वायु. ५९.९०-९१; ब्रह्मांड, २.३३.९८४. मिथिला देश का एक राजा, जो युधिष्ठिर के राजसूय १००)। इसके भाई का नाम अगस्त्य था। यज्ञ में उपस्थित था (भा. १०.८२.२६)। जन्म-भागवत में इसे पुलस्त्य एवं हविर्भू का पुत्र ५. एक वास्तुशास्त्रकार, जो वास्तुशास्त्रविषयक अटारह कहा गया है (भा. ४.१.३६-३७)। ब्रह्मांड में इसकी प्रमुख ग्रंथकारों में से एक माना जाता है । | माता का नाम इलविला दिया गया है, जो तृणबिंदु एवं प्रा.च. १०९]
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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