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________________ वाल्मीकि प्राचीन चरित्रकोश. . वाल्मीकि पौराणिक वाङ्मय की प्रस्थानत्रयी-पौराणिक साहित्य | इस प्रकार, जहाँ महाभारत में वर्णित व्याक्तितत्त्वज्ञानमें रामायण, महाभारत एवं भागवत ये तीन प्रमुख विषयक चर्चाओं के विषय बन चुकी है, वहाँ वाल्मीकिग्रंथ माने जाते है, एवं इस साहित्य में प्राप्त तत्त्वज्ञान रामायण में वर्णित राम, लक्ष्मण एवं सीता देवतास्वरूप की 'प्रस्थानत्रयी' भी इन्हीं ग्रंथो से बनी हुई मानी जाती पा कर सारे भरतखंड में उनकी पूजा की जा रही है। है । वेदात ग्रंथों की प्रस्थानत्रयी में अंतर्भूत किये जानेवाले | महाभारत से तुलना-संस्कृत साहित्य के इतिहास भगवद्गीता, उपनिषद् एवं ब्रह्मसूत्र की तरह, पौराणिक में रामायण एवं महाभारत इन दोनों ग्रंथों को महाकाव्य साहित्य की प्रस्थानत्रयी बनानेवाले ये तीन ग्रंथ भी | कहा जाता है। किंतु प्रतिपाद्य विषय एवं निवेदनशैली भारतीय तत्त्वज्ञान का विकास एवं प्रसार की दृष्टि से इन दोनों दृष्टि से वे एक दूसरे से बिल्कुल विभिन्न हैं । महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। जहाँ महाभारत एक इतिहासप्रधान काव्य है, वहाँ उपर्युक्त ग्रंथों में से रामायण एवं भागवत क्रमशः रामायण एक काव्यप्रधान चरित्र है। महाभारत के कर्मयोग, और भक्तितत्त्वज्ञान के प्रतिपादक ग्रंथ हैं । इसी अनुक्रमणीपर्व में उस ग्रंथ को सर्वत्र 'भारत का इतिहास' कारण दैनंदिन व्यवहार की दृष्टि से, रामायण ग्रंथ भागवत | (भारतस्येतिहास), भारत की ऐतिहासिक कथाएँ से अधिक हृदयस्पर्शी एवं आदर्शभूत प्रतीत होता | (भारतसंज्ञिताः कथाः) कहा गया है ( म. आ. १.१४. है। इस ग्रंथ में आदर्श पुत्र, भ्राता, पिता, माता आदि | १७)। इसके विरुद्ध रामायण में, 'राम एवं सीता के के जो कर्तव्य बताये गये हैं, वे एक आदर्श बन कर चरित्र का, एवं रावणवध का काव्य मैं कथन करता हूँ' व्यक्तिमात्र को आदर्श जीवन की स्फूर्ति प्रदान | ऐसे वाल्मीकि के द्वारा कथन किया गया हैकरते हैं। काव्यं रामायणं कृत्स्नं सीतायाश्चरितम् महत् । ___ व्यक्तिगुणों का आदर्श-इस प्रकार रामायण में भारतीय पौलस्त्यवधमित्येव चकार चरितव्रतः॥ . दृष्टिकोन से आदर्श जीवन का चित्रण प्राप्त है, किन्तु उस (वा. रा. बा..४.७.)। जीवन के संबंधित तत्त्वज्ञान वहाँ ग्रथित नहीं है, जो महाभारत में प्राप्त है। महाभारत मुख्यतः एक तत्त्वज्ञानविषयक इस प्रकार महाभारत की कथावस्तु अनेकानेक ऐतिग्रंथ है, जिसमें आदर्शात्मक व्यक्तिचित्रण के साथ साथ, | हासिक कथाउपकथाओं को एकत्रित कर रचायी गयी है। आदर्श-जीवन के संबंधित भारतीय तत्वज्ञान भी ग्रथित | किन्तु वाल्मीकि रामायण की सारी कथावस्तु राम एवं किया गया है। व्यक्तिविषयक आदर्शों को शास्त्रप्रामाण्य | उसके परिवार के चरित्र से मर्यादित है । राम, लक्ष्मण, एवं तत्त्वज्ञान की चौखट में बिटाने के कारण, महाभारत सीता, दशरथ आदि का 'हसित,' 'भाषित' एवं सारे पुराण ग्रंथों में एक श्रेष्ठ श्रेणि का तत्वज्ञान-ग्रंथ बन | 'चेष्टित' (पराक्रम) का वर्णन करना, यही उसका प्रधान गया है। हेतु है ( वा. रा. बा. ३.४)। किन्तु इसी तत्त्वप्रधानता के कारण, महाभारत में इन दोनों ग्रंथों का प्रतिपाद्य विषय इस तरह सर्वतोपरि वर्णित व्यक्तिगुणों के आदर्श धुंधले से हो गये हैं, जिनका | भिन्न होने के कारण, उनकी निवेदनशैली भी एक दसरे सर्वोच्च श्रेणि का सरल चित्रण रामायण में पाया जाता है। से विभिन्न है। रामायण की निवेदनशैली वर्णनात्मक, इस प्रकार जहाँ महाभारत की सारी कथावस्तु परस्पर- विशेषणात्मक एवं अधिक तर काव्यमय है। उसमें स्पर्धा, मत्सर, कुटिलता एवं विजिगिषु वृत्ति जैसे राजस | प्रसाद होते हुए भी गतिमानता कम है । इसके विरुद्ध एवं तामस वृत्तियों से ओतप्रोत भरी हुई है, वहाँ रामायण | महाभारत की निवेदनशैली साफसुथरी, नाट्यपूर्ण एवं की कथावस्तु में स्वार्थत्याग, पितृपरायणता, बंधुप्रेम जैसे | गतिमान् है।। सात्विक गुण ही प्रकर्ष से चित्रित किये गये है। रामायण की श्रेष्ठता-इसी कारण हिन्दुधर्मग्रंथों में यही कारण है कि, वाल्मीकि रामायण महाभारत से | रामायण की श्रेष्ठता के संबंध में डॉ. विंटरनिट्झ से ले कतिपय अधिक लोकप्रिय है, एवं उससे स्फूर्ति पा कर | कर विनोबाजी भावे तक सभी विद्वानों की एकवाक्यता भारत एवं दक्षिणीपूर्व एशिया की सभी भाषाओं में की | है। श्री. विनोबाजी ने लिखा है, 'चित्तशुद्धि प्रदान गयी रामकथाविषयक समस्त रचनाएँ, सदियों से जनता के | करनेवाले समस्त हिन्दुधर्म ग्रंथों में वाल्मीकिरामायण नित्यपाठ के ग्रंथ बन चुकी हैं ( राम दाशरथि देखिये)। | भगवद्गीता से भी अधिक श्रेष्ठ है। जहाँ भगवद्गीता नवनीत
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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