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________________ पृथु जिनके नाम इस प्रकार थे : - विजिताश्व ( अन्तर्धान ), धूम्रकेश, हर्यश, द्रविण एवं वृक ( मा. ४.२२.५४) । विष्णु के अनुसार, इसके अंतधिं तथा पालित नामक दो पुत्र ( विष्णु. १.१४.१ ) । थे पृथुवंश -- पृथुवंश की जानकारी ब्रह्मांड पुराण में दी गयी है (२.३७.२२-४२) । पृथु के पुत्र का नाम अंतर्धान बन्या का नाम शिखण्डिनी था, जिसके पुत्र । का नाम हविर्धन था । हविर्धान को आग्नेयी धिषणा नामक पत्नी से कुछ पुत्र हुए, जिनके नाम निम्न लिखित है:- प्राचीनवर्हिष, शुक्ल, गय कृष्ण, प्रज, अजित इनमें से प्राचीनवहिंप का विवाह समुद्रतनया सबसे हुआ, जिससे उसे दस प्रचेतस् उत्पन्न हुए । प्रचेतसों का विवाह वृक्षकन्या मारिषा से हुआ जिससे उन्हें दक्ष प्रजापति नामक पुत्र उत्पन्न हुआ । पृथु वंश में पृथु से लेकर दक्ष प्रजापति तक की संतति ' अयोनिज' सन्तति कहलाती है । दक्ष प्रजापति के पश्चात मैथुनज सन्तति का आरम्भ हुआ । प्राचीन चरित्रकोश --- पृथुक - रैवत मन्वंतर का देवगण । इस गण में निम्नलिखित आठ देवता सम्मिलित हैं :- अजित, ओजिष्ठ जिगीषु, वानहष्ट, विजय, शकुन, सत्कृत और सत्यदृष्टि ( ब्रह्मांड. २.२६.७३ ) | पृथुकर्मन (सो. को) एक राजा विष्णु के अनुसार यह शशबिन्दु का पुत्र था । पृथुकीर्ति (सो. फ्रो.) एक राजा मत्स्य, विष्णु तथा वायु के अनुसार, यह शशबिन्दु राजा का पुत्र था । २. शूर राजा की कन्या श्रुतदेवा का नामांतर पृथुग - चाक्षुष मन्वंतर का देवगण | पृथुगश्व एक राजा, जो यम सभा में उपस्थित था। इसके नाम के लिए 'पृथुलाश्व' पाठभेद भी उपलब्ध है ( म. स. ८.२० ) । 6 - पृथुरोमन । पृथुदातृ ( सो मोहु.) एक राजा । वायु के अनुसार, यह शशविन्दु राजा का पुत्र था। पृथुदान (सो, क्रो) एक राजा विष्णु के । अनुसार, यह शशबिन्दु राजा का पुत्र था । पृथुधर्मन (सो. कोपु.) एक राजा मत्स्य और वायु के अनुसार, यह शशबिन्दु राजा का पुत्र था । पृथुपशु-- ऋग्वेद में निर्दिष्ट मानव जातिसंत्रद्रय (ऋ. ७. ८३. १ ) । लुडविग के अनुसार, आधुनिक पार्थियन एवं पर्शियन लोग ही प्राचीन 'पृवु एवं 'पर्श' लोग होंगे । 6 सायण के अनुसार, 'पृथु ' किसी जाति का नाम न होकर 'पर्श' का विशेषण है, तथा 'पृथुपर्श' नाम से चौड़े कुठार वाले किसी जाति विशेष की ओर संकेत मिलता है। पृथुरश्मि के अनुरोध पर इन्द्र ने इसे क्षात्रविद्या के साथ क्षत्रियों का सामर्थ्य भी प्रदान किया। इसके नाम से 'पार्थरम' नामक साम प्रसिद्ध है, जिसका पठन-पाठन पृथुग्रीव सर राक्षस का एक अमात्य इसे क्षत्रियों का तेज संवर्धित करता है (पं. प्रा. १२.४.१७ 'पृथुध्याम' नामांतर भी प्राप्त है। यति देखिये) । पृथुजय - (सो. क्रोष्टु. ) एक राजा । भागवत के अनुसार यह महाभोज राजा का पुत्र था। विष्णु, मत्स्य, तथा वायु में इसे शशविन्दु का पुत्र कहा गया हैं । पृथुतेजस (सो. क्रो.) एक राजा यह शशनिंदु राजा का नाती था (पद्म. स. १३) । " पृथुदर्भ - ( सो अनु.) शिषि 'ओशीनर के पुष बृहद्गर्भ राजा का नामांतर | पृथुमनस् - - (सो. क्रोष्टु. ) एक राजा । मत्स्य के अनुसार, यह शशबिन्दु राजा का पुत्र था । पृथुयशस् - - (सो. क्रोष्टु. ) एक राजा । भागवत के अनुसार, यह महाभोज राजा का पुत्र था । विष्णु, मत्स्य एवं वायु में इसे शशबिन्दु राजा का पुत्र कहा गया है । पद्म के अनुसार यह शशविन्दु का नावी था ( पद्म. सृ. १३) । पृथुरश्मि -- यति नामक यज्ञविरोधी लोगों में से एक । यति होग यशविरोधी होने के कारण, इंद्र की आज्ञा से लकड़बग्घे के द्वारा मरवा डाले गये। इनमें से बृहद्गिरि, रायोवाज एवं पृथुरश्मि ही बच सके । इन्द्र ने इन तीनों का संरक्षण किया एवं उन्हें क्रमशः ब्रहाविद्या, वैश्यविया एवं क्षत्रियविया सिखायी। ब्रह्मांड पुराण में, पुथुरश्मि के पिता का नाम वरुप्रिन् कहा गया है ( ब्रह्मांड. ३. १.८३ - ८४ ; वरुत्रिन् देखिये) । पृथुरुक्य - - (सो. क्रोष्टु. ) एक राजा । विष्णु एवं पद्म के अनुसार यह परावृत्त राजा का पुत्र था। मत्स्य तथा वायु में इसे रूक्मकवच का पुत्र कहा गया है। पृथुरोमन - - इक्ष्वाकुवंशीय अनेनस् राजा का नामांतर ( पृथु. ६. देखिये) । ४५२
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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