SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1091
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सुमन्यु प्राचीन चरित्रकोश सुमित्रा सुमन्यु-एक राजा, जिसने शांडिल्य ऋषि को खाद्य- | ऋषि ने इसे वीरद्युम्न एवं तनु नामक मुनियों का वृत्तांत सामग्री का पर्वतप्राय ढेर दान के रूप में प्रदान किया सुनाया (म. शां. १२५.८)। (म. अनु. १३७.२२)। पाठभेद--'भूमन्यु'। ६. कुलिंद नगरी के राजा का एक नाम, जिसके पुत्र सुमहायशस्--(सो. नील.) एक राजा, जो मुद्गल | का नाम सुकुमार था। भीम ने अपने पूर्वदिग्विजय में, राजा का पुत्र था। इसे 'ब्रह्मिष्ठ' भी कहा गया है, जो | तथा सहदेव ने अपने दक्षिण दिग्विजय में इसे जीता था संभवतः इसकी उपाधि होगी। | (म. स. २६.१०)। सुमागध--रामसभा में उपस्थित एक विदूषक । ७. सौवीर देश के विपुल नामक यवन राजा का सुमालिन्--एक असुर, जो वृत्र का अनुयायी था। नामान्तर (विपुल ३. देखिये)। यह 'दत्तमित्र' नाम से यह प्रहेति राक्षस का पुत्र था (ब्रह्मांड.३.७.९०)। वृत्र- | भी सुविख्यात था। इंद्र यद्ध में इसने वृत्र के पक्ष में भाग लिया था। असरों ८. अर्जुनपुत्र अभिमन्युका सारथि (म. द्रो. ३४.२९)। के द्वारा किये गये पृथ्वीदोहन में यह बछड़ा बना था (भा. | ९. फेनप नामक भृगुकुलोत्पन्न ऋषि का नामान्तर ६.१०.२१)। (फेनप २. देखिये)। २. रावण का मातामह.एवं मंत्री, जो खश राक्षस का १०. पांचालराज द्रुपद का एक पुत्र, जिसे 'सौमित्र' पुत्र था । इसकी पत्नी का नाम केतुमती था, जिससे इसे नामान्तर भी प्राप्त था। भारतीय युद्ध में जयद्रथ ने इसका निम्नलिखित कन्याएँ उत्पन्न हुई थी :-१. राका; वध किया (म. आ. परि. १.१०३.१०८-१३१)। २. पुष्पोत्कटा; ३. बलाका; ४. कुंभीनसी; ५. कैकसी ११. (सू. इ. भविष्य.) एक राजा, जो मत्स्य के (केशिनी)। इसकी इन कन्याओं में से केशिनी, राका. | अनुसार सुषेण राजा का पुत्र था। पुष्पोत्कटा एवं बलाका का विवाह विश्रवस् ऋषि से, एवं| १२. देवद्युति नामक एक ऋषि का पुत्र (पद्म. उ. कुंभीनसी का विवाह मधु दैत्य से हुआ था (विश्रवस् एवं | १२८)। रावण देखिये)। १३. एक राजा, जो द्रौपदीस्वयंवर में उपस्थित था ३. एक राक्षस, जो कश्यप एवं खशा के पुत्रों में से (म. आ. १७७.९)। एक था। सुमित्र कौत्स–एक वैदिक सूक्तद्रष्टा (ऋ. १०. सुमाल्य-नंदवंश में उत्पन्न एक राजा (नंद ५. १ देखिये)। | सुमित्र वाध्रयश्व-एक वैदिक सूक्तद्रष्टा (ऋ.१०. सुमित्र--(सू. इ. भविष्य.) एक राजा, जो विष्ण. ६९-७०) । वध्रयश्व का वंशज होने के कारण इसे 'वाध्रथश्व' पैतृक नाम प्राप्त हुआ था। इसके वंश के वायु एवं भागवत के अनुसार सुरथ राजा का पुत्र था। यह इक्ष्वाकुवंश का अंतिम राजा माना जाता है, जो पूरु 'सुमित्र' लोगों का निर्देश भी ऋग्वेद में प्राप्त है (ऋ. वंशीय क्षेमक राजा का, एवं मगधवंशीय महानंदी नंद | १०.६९.१; ७-८)। राजा का समकालीन था। इसके ही राज्यकाल में सिकंदर सुमित्रा-मगध देशाधिपति शूर राजा की कन्या, ने भारतवर्ष पर आक्रमण किया था। इसे 'सुमाल्य' नामा- जो इक्ष्वाकुवंशीय दशरथ राजा की तीन पत्नियों में से न्तर भी प्राप्त था (भा. ९.१२.१५-१६)। | एक थी। इसके पुत्रों के नाम लक्ष्मण एवं शतृघ्न थे २. (सो. वृष्णि.) एक राजा, जो विष्णु, पद्म, वायु | (दशरथ देखिये)। एवं भागवत के अनुसार विष्णु राजा का ज्येष्ठ पुत्र, एवं एक अत्यंत विवेकशील एवं धर्मनिष्ठ राजपत्नी के नाते अनमित्र राजा का पिता था (भा. ९.२४.१२)। वाल्मीकि रामायण में सुमित्रा का चरित्रचित्रण किया ३. एक राजा, जो शमीक एवं सुदामिनी के पुत्रों में से | गया है (वा. रा. अयो. ४४.१)। राम के वनगमन के एक था (भा. ९.२४.४४)। समय इसने अपने सकुशल संभाषणों के द्वारा राम की ___४. कृष्ण एवं जांबवती का एक पुत्र, जो यादवीयुद्ध माता कौसल्या को सांत्वना दी थी (वा. रा. अयो. में मारा गया (भा. १०.६१.११)। ४४.३०)। ५. एक हैहय राजा, जिसने ऋषभ ऋषि के साथ मानस में तुलसी के द्वारा विरचित 'मानस' में वर्णित 'आशा' के संबंध में तत्त्वज्ञान पर चर्चा की थी। ऋषभ | सुमित्रा केवल विवेकशील ही नहीं, बल्कि अत्यंत मित १०६९
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy