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________________ सुग्रीव प्राचीन चरित्रकोश सुजात नाम (पद्म स.७५) / पुत्रों में से एक देवगंधर्व जो. बंधन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक एकात्मता है, जो इसके । ३. (सो. वसु.) एक राजा, जो विष्णु के अनुसार निष्कपट हृदय का द्योतक है। इसी कारण 'मानस' का | प्रतिबाहु राजा का पुत्र था (वायु. ९६.२५१)। यह वज्र सुग्रीव राम के परिवार के अन्य लोगों की भाँति केवल | का पौत्र था, एवं इस प्रकार कृष्ण के छठवें पीढी में उत्पन्न निमित्तमात्र ही है, इसकी असली प्रेरक शक्ति तो स्वयं राम | हुआ था। ही है। सुचित्त-एक राजा, जो सत्यधृति नामक राजा का सुग्रीवी-कश्यप एवं ताम्रा की एक कन्या, जो इस | पिता था ( सत्यधृति सौचित्य देखिये )। संसार के समस्त अश्व, उष्ट्र एवं गर्दभों की आद्य जननी | सुचित्त सैलन-एक आचार्य (जै. उ. बा. १.४.४)। मानी जाती है (मत्स्य.. ६.३०)। सुचित्ति--सुवित्ति नामक अंगिराकुलोत्पन्न मंत्रकार , सुघोर-एक राक्षस, जो हिरण्याक्ष एवं देवों के बीच | का नामान्तर। हुए युद्ध में कार्तिकेय के द्वारा मारा गया (पद्म स.७५)। सुचित्र-(सो. कुरु.) चित्र नामक धृतराष्ट्र पुत्र का सुचंद्र--एक देवगंधर्व जो, कश्यप एवं प्राधा के नामान्तर । इसे 'सुचारु ' नामान्तर भी प्राप्त था। पुत्रों में से एक था (म. आ.६९.४६)। . २. पांचाल देश का एक महारथी राजा, जिसके पुत्र २. एक सैहिकेय असुर, जो कश्यप एवं सिंहिका के पुत्रों का नाम चित्रवर्मन् था। भारतीय युद्ध में द्रोण ने इन में से एक था (म. आ. ५९.३०)। दोनों का वध किया (म.द्रो.२०.१५५५, पंक्ति.८-२२)। ३. (सू. दिष्ट.) एक राजा, जो ब्रह्मांड के अनुसार ३. शिवदेवों में से एक। हेमचंद्र राजा का पुत्र था (ब्रह्मांड. ३.६१.१३)। इसे सुचिरा-एक राजकन्या, जो श्वफल्क एवं गांदिनी की . काली देवी की कृपा से एक कवच प्राप्त हुआ था, जिस कन्या थी (भा. ९.२४.१७)। कारण यह युद्ध में अजेय हुआ था। . सुचेतस्--(सो. क्षत्र.) एक राजा, जो वीतहव्यकार्तवीय एवं परशुराम के बीच हुए युद्ध में यह | वशीय गृत्समद राजा का पुत्र था। इसके पुत्र का नाम कार्तवीर्य के पक्ष में शामिल था (ब्रह्मांड. ३.३९.१८- | वर्चस् था (म. अनु. ३०.६१)। ५३)। उस समय इसके रथ में स्वयं कालीदेवी अवतीर्ण | २. ह्यवंशीय प्रचेतस् राजा का नामान्तर (प्रचेतस् ७. हुई, जिसने परशुराम के द्वारा फेंके गये हर एक शस्त्र- देखिये)। अस्त्र को भक्ष्य करना प्रारंभ किया। इस कारण भयभीत | सुच्छाया-अग्नि की एक कन्या, जो ध्रुवपुत्र शिष्ट हो कर परशुराम ने इसे अपना 'कालीकवच' उतार कर राजा की पत्नी थी। इसके कृप, रिपुंजय, वृक आदि पुत्र थे। देने की प्रार्थना की। इस पर इस उदारचरित राजा ने सुजन--एक देव, हो भृगु एवं पौलोमी के पुत्रों में से अपना कवच उतार कर परशुराम को दे दिया। कवच | एक था। प्राप्त होते ही परशुराम ने इसका वध किया। । सुजन्तु--(सो. अमा.) अमावसुवंशीय पूरु राजा ४. एक यक्ष, जो मणिवर एवं देवजनी के पुत्रों में से | का नामान्तर (पूरु. ३. देखिये) । इसे सुहोत्र नामान्तर एक था (ब्रह्मांड. ३.७.१२९)। भी प्राप्त था। ५. अंधकवंशीय राजा, जो सूर्यग्रहण के समय 'स्यमंत- सुजन्य-एक देव,जो बारह भार्गव देवों में से एक था। पंचा' क्षेत्र में तीर्थयात्रा के लिए गया था। सुजय--भव्य देवों में से एक । सुचल--(सो. मगध. भविष्य.) एक राजा, जो २. एक राजा, जिसने अश्वमेध यज्ञ के समय पांडवों वायु के अनुसार सुमति राजा का पुत्र था। भागवत एवं की मदद की थी (जै. अ. १३)। विष्णु में इसे 'सुकल' एवं मत्स्य में इसे 'अचल' कहा सुजात--(सो. कुरु.) धृतराष्ट्र के शतपुत्रों में से गया है। | एक । भीम ने इसका वध किया (म. श. २५.१५)। सुचारु--धृतराष्ट्रपुत्र 'चारु' का नामान्तर । इसे २. (सो. सह.) एक राजा, जो विष्णु के अनुसार 'चारुचित्र' नामान्तर भी प्राप्त था। अपने अन्य सात भरत राजा का पुत्र था। भाइयों के साथ इसने अभिमन्यु पर आक्रमण किया था। ३. एक वानर राजा, जो पुलह एवं श्वेता के पुत्रों में २. कृष्ण एवं रुक्मिणी का एक पुत्र । | से एक था (ब्रह्मांड. ३.७.१८०-१८१)। १०५१
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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