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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ४८ .
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ .. शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ उत्पतितृ वि. ३८९ उडनार, कूदनार । | उत्सूर पुं १४० सांज, सायंकाल उत्पतिष्णु वि. ३८९ उडनार, कूदनार उत्सृष्ट न. १४७५ त्याग करेल उत्पत्ति स्त्री १३६७ जन्म, उत्पत्ति उत्सेध पुं न. १४३१ ऊंचाई उत्पल पुं. न. ११६३ कुमुद, पोयj | उदक न. १६८ उत्तर दिशामां उत्पन्न थयेल उत्पल पुं १२०० मूलकंदमांथी उदक् अ. १५४२ (शे. २०७) दिशा, देश उत्पन्न थनार
. अने काल वाचक शब्द उत्पश्य पुं ४५७ उंचा मुखवाळो उदक न. १०६९ पाणी. उत्पाटित न. १४८० मूळमांथी उदक्या स्त्री ५३५ रजस्वला स्त्री
उखेडी नांखेल उदगद्रि पुं १०२७ हिमालय . उत्पात पुं १२६ उपद्रव, अकस्मात उदगयन न. १५८ उत्तरायण, आ अयनमां उत्पादक पुं १२८६ अष्टापद, शरभ
सूर्य उत्तर दिशामां जाय छे उत्पादपूर्व न. २४७ प्रथम पूर्व उदग्भूम पुं ९५३ उत्कृष्ट - सारी उत्पादशयन पुं. १३३० टीटोड़ी
भूमिवाळो देश उत्पिञ्जल पुं ३६६ अतिव्याकुल उदग्र न. १४२९ ऊंचुं उत्फुल्ल न. ११२८ खीलेलुं पुष्प वगेरे | उदग्रदत् पुं ४५७ बहार नीकळेला दांतवाळो, उत्स पुं १०९६ झरj, झरो
खोखरदन्तो उत्सङ्ग पुं ६०२ खोळो
| उदग्रदत् पुं १२२३ लांबा दांतवाळो हाथी उत्सर्जन न. ३८६ दान, त्याग उदङ्मृत्तिक पुं ९५३ उत्कृष्ट - सारी उत्सर्पिणी स्त्री १२७ वधतो काल, १०
भूमिवाळो देश ___ कोडोकोडी सागरोपम | उदञ्छन न. १०२६ ढांकण उत्सव पुं १५०७ ओच्छव, उत्सव उदञ्चित न. १४८२ ऊंचे फेंकेलं उत्सादन न. ६३५ चोळवू, उद्वर्तन | उदधि पुं १०७३ समुद्र उत्सारक पुं ७२१ द्वारपाळ
उदधिकुमार पुं ९० ८ मा भवनपति देव उत्साह २९९ उत्साह, वीररसनो स्थायी भाव | उदन्त पुं २६० वार्ता; यथास्थित खबर उत्साहशक्ति स्त्री ७३५ पराक्रम आदि वडे | उदन्या स्त्री ३९४ पाणीनी तरस, पिपासा
उत्पन्न करेल शक्ति | उदन्वत् पुं १०७३ समुद्र उत्सुक पुं ४३६ उत्साही, आतुर | उदपान पुं न. १०९१ कूवो