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शब्दमाला • ४५ .. शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ - शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ ईप्सा स्त्री ४६१ (शे १०४) इच्छा, मनोरथ | ईश्वर पुं ३५९ स्वामी, नायक , इंरित न. १४८२ प्रेरणा करेलु, फेंकेलुं ईश्वरा स्त्री २०४ शंकरनी पत्नी, पार्वती ईम पुं न. ४६५ घा
ईश्वरी स्त्री २०५ (शे. ५६) शंकरनी पत्नी, ईर्या स्त्री १५०० पगे चालवू, विहार
पार्वती . (ई) स्त्री १५०१ साधुओर्नु | ईश्वरी स्त्री २०५ (शि. १५) पार्वती
. आचारमा रहेदूं | ईषत् अ. १५३६ थोडं, अल्प ईर्यापथस्थिति १५०१ साध्वाचार ध्यान, | ईषत्पाण्डु पुं १३९३ कंईक धोळाश . मौन वगेरेमा रहेq ते
पडतो रंग ईर्ष्या स्त्री ३९१ अदेखाई, ईर्ष्या ईषदुष्ण पुं १३८६ थोडं गरम ईर्ष्यालु पुं ३९१ ईर्ष्याळु
ईषा ८९१ हळनो दंड (ईलि) स्त्री ७८५ नानी तलवार, कटारी | ईषादन्त पुं १२२३. लांबा दांतवाळो हाथी इली स्त्री ७८५ नानी तलवार, कटारी | ईषिका स्त्री ९२० लाकडा के लोखंडनी सळी (एकबाजु धारवाळी)
| ईषिका स्त्री १२२५ हाथीनी आंखनो डोळो, ईश पुं ८ (प.) पत्नीवाचक शब्दथी
आंखनो गोळो लगाडवामां आवतो शब्द | ईषीका स्त्री ९२० लाकडा के लोखंडनी सळी ईश पु १९५ शंकर, महादेव ...] 'ईषीका' स्त्री १२२५ हाथीनी आंखनो ईश पुं ३५८ स्वामी, नायक
. डोळों, आंखनो गोळो ईशसख पुं १८९ कुबेरदेव
(ईह) पुं ५३० इच्छा, अभिलाषा ईशा स्त्री ८९१ हलनो दंड
ईहा स्त्री ४३० इच्छा, अभिलाषा ईशान पुं १६९ ईशान खूणानो स्वामी | ईहामृग पुं २८४ नाट्य प्रबंधनो प्रकार ईशान पुं १९५ शंकर, महादेव ईहामृग पुं १२९१ वरु ईशान्तबन्धन न. ७५६ धोंसरुं इशितृ पुं ३५९ स्वामी, नायक | उकनाह पुं १२४१ पीळी अने लाल ईशित्व न. २०२ जीव-अजीव सर्व आज्ञा
कांतिवाळो घोडो माने तेवी शक्ति, आठ पैकीनी त्रीजी सिद्धि | उक्षतर पुं १२५८ मोटो बळद ईश्वर पुं १९६ शंकर, महादेव
उक्षन् पुं १२५७ बळद ईश्वर पुं ३५७ धनाढ्य, धनवान | उखा स्त्री १०१९ थाळी, तपेली