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शब्दमाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ असित पुं १३९७ श्यामवर्ण ( असितपक्ष ) पुं १४७ कृष्णपक्ष असिधावक पुं ९१६ सराणियो, शस्त्र
वगेरे घसनार
असिधेनु स्त्री ७८४ छरी असिपत्रक पुं ११९८ शेरड़ी
असिपुत्री स्त्री ७८४ छरी असु पु. ( ब.व.) १३६७ प्राण असुख न. १३७० दु:ख असुमत् पुं १३६६ जीव असुर पुं २३८ असुर, दानव असुर पुं. १२१८ (शे. १७७) हाथी असुरकुमार पुं ९० दस भवनपति देव पैकी पहेला भवनपति ( असुराचार्य) पुं १२० शुक्र असुराव न. १०४९ कांसुं असुरी स्त्री ४१९ राई असुहृद् पुं ७२९ (शि. ६३ ) शत्रु असूया स्त्री ३२३ बीजाना गुणोमां दोषारोपण असूक्षण न. १४७९ (शि. १३२) अनादर असूर्क्षण न. १४७९ अनादर असृक्कर पुं ६२० रसधातु असृप पुं १८८ राक्षस असृक्संज्ञ पुं ६४५ (शि. ५१) केशर (असृपर्याय) पुं ६४५ केशर.. असृग्धरा स्त्री ६३० चामडी
असृज् न. ६१९ लोही
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ असृज् न. ६२१ लोही असौम्यस्वर पुं ३४९ खराब स्वरवाळो
अस्त न. ३२४ मरण
अस्त पुं. १०२७ अस्ताचल पर्वत अस्त न. १४८२ फेंकी दीधेलुं
अस्तम् अ. १५३९ अदृश्य अस्ताग पुं ५२ गत चोविशीना पंदरमा तीर्थंकर अस्ताघ न. १०७० अत्यंत ऊंडुं अस्ति अ. १५४१ .होवापणुं, अस्तित्व (अस्तिनास्तिप्रवाद) न. २४७ चोथा पूर्वनुं नाम
अस्तिमत् पुं ४७७ धनवान अस्तु अ. १५२८ बस, सयुं अस्तेय न. ८१ चोरीनो त्याग, त्रीजो यम अस्त्र न. ६ ( परि) धार्यवाचक शब्दथी लगाडातो शब्द
अस्त्र न. २२८ कामदेवनुं पुष्प
अस्त्र न. ७७३ शस्त्र
अस्त्र न. ७७५ धनुष्य
अस्त्रकण्टक पुं ७७८ (शे. १४७) बाण ( अस्त्रग्राम) पुं १४१४ शस्त्र समूह अस्त्रशेखर न. ७८७ (शे. १५२) फलपत्रना अग्रभाग जेवुं शस्त्र अस्सायक पुं ७७९ ( शे. १४४) लोढानुं
बाण
अस्त्रीस्त्री ७८४ ( शे. १४७) छरी अस्थाग न. १०७० अत्यंत ऊंडु