________________
'शब्दमाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ स्वर्वापी स्त्री १०८२ गंगा नदी स्वर्वेश्या स्त्री १८३ अप्सरा स्ववैद्य (द्वि.व.) पुं १८१ अश्विनीकुमार स्वलक्षण न. १३७६ स्वरूप, स्वभाव स्ववासिनी स्त्री ५१२ (शि. ४०) परणेली युवान स्त्री स्वसृ स्त्री ९ (प.) कुटुंबी वाचक शब्द बनावनार शब्द. उदा. यमस्वसा, जमना नदी स्वसृ स्त्री ५५३ बहेन
स्वस्तिक पुं ४७ श्री सुपार्श्वनाथ भगवाननुं लांछन स्वस्तिक पुं १३२५ (शे. १९३) कुकडो ( स्वस्तिक) पुं १०१५ श्रीमन्तोना घरोनी विशेष प्रकारनी रचना स्वस्त्ययन न. ५१८ (शे. ११०) विवाहनी 'मांगलिक क्रिया
स्वस्त्रीय पुं. ५४३ भाणेज स्वाति पुं स्त्री ११२ स्वाति नक्षत्र स्वादु पुं १३८८ : मधुर रस 'स्वादुकण्टक' पुं ११५६ गोखरु स्वादुरसा स्त्री ९०२ मंदिरा, दारु स्वादुवारि पुं १०७५ स्वादुवारि नामनो सातमो समुद्र (स्वादूद) पुं १०७५ स्वादुवारि नामनो सातमो समुद्र
'स्वाद्वी' स्त्री १९५६ दराख स्वाध्याय पुं ८२ पांच नियम पैकी त्रीज़ो नियम
• ३६३
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ स्वाध्याय पुं २४९ वेद स्वाध्याय पुं ८४२ वेदनुं अध्ययन स्वान पुं १३९९ शब्द स्वान्त न. १३६९ मन, चित्त स्वाप पुं ३१३ निद्रा स्वापतेय न. १९१ धन स्वामिन् पुं ५१ गई चोवीशीना
११मा भगवान
स्वामिन् पुं २०८ कार्तिकेय स्वामिन् पुं ३५९ स्वामी, नायक स्वामिन् पुं ७१४ राजा, राज्यना ७ अंगों . (प्रकृति) पैकी पहेलुं अंग ३०८ संतोष
स्वास्थ्य न. स्वास्थ्य न. ४७४ आरोग्य स्वाहा स्त्री ११०० अग्निनी स्त्री स्वाहा स्त्री १५३८ देवोने बलि आपवा . वपरातो शब्द
स्वाहाभुज् पुं ८८ देव (स्वाहाशन) पुं ८८ देव
स्वीकृत न. १४८९ (शि. १३४ ) स्वीकारेलुं स्वेच्छा स्त्री ३५६ स्वेच्छा, इच्छा प्रमाणे स्वेद पुं. ३०५ धाम, गरमी स्वेदज (ब.व.) पुं १३५६ जु, मांकड वगेरे स्वेदनिका स्त्री ९२१ तवी, कढाई स्वैरिणी स्त्री ५२९ असती, कुलटा स्त्री स्वैरिता स्त्री ३५६ स्वेच्छा स्वैरिन् पुं ३५५ स्वतंत्र, स्वच्छंदी