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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ
स्मरण न. ३०८ याद करवुं स्मरध्वज पुं २८६ वार्जित्र स्मरमन्दिर न. ६०९ योनि ( स्मरवती) स्त्री ५०७ स्त्री स्मित न. २९६ दांत न देखाय तेवुं हास्य
स्मित न. ११२७ खीलेलुं (पुष्प) स्मृति स्त्री २५१ धर्मशास्त्र, स्मृति स्मृति स्त्री ३०८ याद करवुं ते (स्मृतिभू) पुं २२९ कामदेव स्मेर न. ११२९ खीलेलुं (पुष्प) स्यद पुं ४९४ वेग
स्यन्द पुं १०५ (शे. १३) चंद्र स्यन्दनपुं ५३ गई उत्सर्पिणीना २३मा भगवान
स्यन्दन पुं ७५१ रथ
'स्यन्दन' पुं ११४२ तणछ
स्यन्दिनी स्त्री ६३३ लाळ स्यन्न न. १४९६ टपकेलुं
स्यमन्तक पुं २२३ विष्णुना हाथनो मणि स्याद्वादवादिन् पुं ८६१ श्रावक, जैन, आर्हत स्याद्वादिन् पुं २५ भगवान तीर्थंकर स्यूत पुं ९१२ थेली, कोथळी स्यूत न. १४८७ सीवेलुं
स्यूति स्त्री ९१२ सीववुं
शब्दमाला
'सिन्' पुं ११४२ पीलुनुं झाड स्त्रज् स्त्री ६५१ माळा (मस्तक उपर धारण
करवानी पुष्पमाळा)
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स्स्रव पुं ६३३ मूत्र, पेशाब
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ स्रव पुं १०९६ झरणुं
स्त्रवद्गर्भा स्त्री १२६७ गर्भपात थयेली गाय
स्रवन्ती स्त्री १०८० नदी
स्वष्टृ पुं ३ ब्रह्मा
स्त्रष्ट पुं ५ (प.) ब्रह्मा
स्वष्ट पुं २१३ ब्रह्मा
स्वस्त न. १४९१ पडी गयेलुं स्वस्तर पुं ६८२ पांदडा वगेरेनी शय्या स्त्राक् अ. १५३० जल्दी त्रुघ्नी स्त्री ९४५ साजी स्रुच् स्त्री ८२८ यज्ञपात्र, सरवो स्स्रुत न. १४९६ टपकेलुं खुव पुं ८२८ यज्ञपात्र, सरवो स्त्रोतईश पुं १०७३ समुद्र स्त्रोतस् न. १०८० नदी
स्त्रोतस् न. १०८६ स्वाभाविक जळनो प्रवाह स्त्रोतस् न. १३८३ इन्द्रिय 'स्त्रोतस्वती' स्त्री १०८० नदी स्रोतस्विनी स्त्री १०८० नदी स्त्रोतोऽञ्जन न. १०५१ सुरमो स्व पुं न. १९२ धन
स्व पुं ५६२ सात पेढी सुधीनो संबंधी स्व पुं ५६१ स्वजन, बंधु स्वकीय पुं ५६२ पोतानुं स्वकुलक्षय पुं १३४४ माछलुं स्वङ्ग पुं ३५५ सिंह जेवा संघयणवाळो सारा रूपवाळो