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. शब्दमाला . ३ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ |शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ (अगस्तिपूता) स्त्री १५ (प.) दक्षिण दिशा | अग्निवल्लभ पुं ६४७ राळ अगस्त्य पुं. १२२ अगस्त्य ऋषि अग्निवाह पुं ११०३ धुमाडो अगाध न. १०७० अत्यंत ऊंडं अग्निसम्भव पुं ६२० रसधातु अगाध पुं. १३६४ खाडो
| अग्निसिंहनन्दन पुं६९६ सातमा वासुदेव नाम अगाधजल पुं १०९१ ऊंडु सरोवर अग्निहोत्र न. ८३६ मंत्रपूर्वक अग्नि- स्थापन अगार न. ९९२ घर
अग्निहोत्रिन् पुं ८३५ अग्निहोत्री अगुरु पुं.न. ६३८ अगर
अग्नीन्धन न. ८१४ हविष वगेरे आपी अगुरु पुं. न. ६४० अगर
अग्नि सळगाववो ते अगूढगन्ध न. ४२२ (शे.१३१) हींग अग्न्याधान न. ८३६ अग्निहोत्र अगौकस् पुं. १३१७ पक्षी
अग्न्याहित पुं ८३५ (शि.७२) अग्निहोत्री अग्नायी स्त्री ११०० स्वाहा, अग्निनी प्रिया | अग्र न. ११२१ वृक्षनो अग्रभाग, वृक्षनी टोच अग्नि पुं १०९९ अग्नि
अग्र न. ११८३ केरडा वगेरेनो अग्रभाग अग्नि पुं. १६९ आग्नेयी दिशानो स्वामी | अग्र न. १४३८ प्रधान, श्रेष्ठ अग्निक पुं. १२०९ इंद्रगोप
अग्र न. १४५९ पहेलुं अग्निकण पुं. ११०३ अग्निना तणख़ा (अग्रज) पुं ९(प.) कुटुंबी वाचक शब्द अग्निकारिका स्त्री ८१४ अग्निहोमनुं स्थान
बनाववा वपरातो शब्द अग्निकार्य न. ८१४ अग्मिहोमनुं स्थान | अग्रज पुं५५१ मोटो भाई अग्निचित् पुं. ८३५ अग्निहोत्री | अग्रज पुं. ८१२ ब्राह्मण (अग्निजन्मन्) पुं. २०९ कार्तिकेय अग्रजङ्घा स्त्री ६१५ जंघानो अग्रभाग अग्निज्वाला स्त्री ११५० धावडी अग्रजन्मन् पुं ८१२ ब्राह्मण (अग्निद) पुं ३७२. एक प्रकारना आततायी अग्रजाति पुं ८१२ ब्राह्मण अग्निदेवा स्त्री(ब.व.) १०९ कृत्तिका नक्षत्र | अग्रणी पुं १४३९ प्रधान, मुख्य अग्निभू पुं २०९ शंकरनो पुत्र (कातिकेय) | अग्रतःसर पुं ४९८ नायक अग्निभूति पुं. ३१ बीजा गणधरनुं नाम | अग्रतस् अ. १५२९ आगळ अग्निरक्षण न.८३५ मंत्रपूर्वक अग्नि-स्थापन | अग्रबीज पुं १२०० वनस्पतिना ६ प्रकार अग्निरज पु १२०९ मांमणमुंडा गोकळगाय
पैकीनो एक प्रकार अग्निरेचक पुं ४६२ शे.१०६ पित्त । (अग्रमांस) न. ६२३ हृदय, मुख्य मांस