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शब्दमाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ - वृत्ताध्ययनर्द्धि स्त्री ८३८ तप - स्वाध्यायथी उत्पन्न तेज
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ (वृश्चिक) पुं ११६ १२ राशि पैकी ८मी राशि
वृत्तान्त पुं २६० वार्ता, वृत्तान्त, खबर वृत्ति स्त्री २५७ विशेष अर्थने जणावनार वृत्ति पुं ८६४ आजीविकाना त्रण प्रकार (वाणिज्यादि)
वृत्ति पुं ८६५ आजीविका
वृत्र पुं १७४ इन्द्रनो शत्रु वृत्रासुर वृत्र पुं १४६ ( शे. २०) अंधकार (वृत्रद्विष् ) पुं १७५ इन्द्र वृथा अ. १५३४ निष्फळ, फोगट वृद्ध पुं ३३९ स्थविर, घरडो वृद्धकाक पुं १३२३ एक जातनो कागडो वृद्धनाभि पुं ४५८ मोटा पेटवाळो वृद्धश्रवस् पुं १७२ इन्द्र वृद्धि स्त्री ४७० अंडकोशनी वृद्धि वृद्धि पुं ८८१ व्याज
वृषदंशक पुं १३०१ बिलाडो (वृषध्वज) पुं ६ (प.) शंकर वृषन् पुं १७२ इन्द्र वृहषपति पुं १३ (प.) शंकर
वृद्धि पुं १५०२ वृद्धि, वधवं
वृद्धिजीवन न. ८८० व्याजनो धंधो- वेपार वृषभ पुं २९ श्री ऋषभदेव भगवाननुं लांछन वृद्धोक्ष पुं १-२५८ घरडो बळद वृद्धयाजीव पुं ८८०. व्याजथी आजीविका
वृषभ पुं १२५६ बळद
(वृषयान) पुं ९ (प.) शंकर वृषल पुं ८९४ शूद्र
चलावनार
वृन्त न. ११२७ डींट, पुष्प अने फलनुं बंधन ( वृषलक्ष्मन्) पुं ७ (प.) शंकर
वृषलाञ्छन पुं १३ (प.) शंकर (वृषलाञ्छन ) पुं १९५ शंकर वृषलोचन पुं १३०० उंदर वृषवाहन पुं १२ (प.) शंकर
वृन्द न. १४११ समूह
वृन्दाङ्क पुं २१९ (शे. ७४ ) विष्णु वृन्दारक पुं ८८ देव
वृश्चिक पुं स्त्री १२११ वींछी
वृष पुं ४७ श्री ऋषभ देव भगवाननुं लांछन वृष पुं ११४० अरडुशी
वृष पुं १२५६ बळद वृष पुं १३०० उंदर
वृष पुं १३७९ धर्म, पुण्य, सुकृत (वृष) पुं ११६ बार राशि पैकी बीजी राशि (वृषकेतन) पुं ७ (प.) शंकर (वृषगामिन् ) पुं ९ (प.) शंकर वृषण पुं न. ६१२ अंडकोश वृषणश्व पुं १७६ (शे. ३४) इन्द्रनो घोडो ( वृषणाश्व ) पुं १८३ गन्धर्व देव, देवोना गवैया