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___ शब्दमाला . २१९ . शब / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ प्रवासिन् पुं ४९३ मुसाफर
प्रश्न पुं २६३ पूछq ते, सवाल प्रवाह पुं १०८७ प्रवाह
प्रश्नव्याकरण न. २४४ ११ अंगो पैकी प्रवाहिक पुं १८८ (शे. ३८) राक्षस
१०४ अंग सूत्र प्रवाहिका स्त्री ४७१ झाडानो रोग, संग्रहणी | प्रश्रित पुं ४३१ विनयी, नम्र प्रविदारण न. ७९७ युद्ध, लडाई प्रठ पुं ४९९ अग्रेसर, नायक प्रवीण पुं ३४२ प्रवीण, होशियार प्रष्ठ न. १४३९ प्रधान, श्रेष्ठ प्रवृत्ति स्त्री २६० वार्ता
'प्रष्ठवाह' पुं १२६० अभ्यास माटे धोंसरे प्रवृत्ति स्त्री १२२३ हाथीना गंडस्थलमाथी
- जोडेलो नवो बळद . झरतुं पाणी प्रष्ठही स्त्री १२६६ गर्भिणी गाय प्रवृद्ध न. १४९५ घणुं वधेलु, प्रौढ प्रसङ्ग पुं ७८२ (शे. १४५) तलवार प्रवेक न. १४३८ मुख्य, प्रधान प्रसन्न न. १०७१ निर्मळ (पाणी) (प्रवेणि) स्त्री ५७० वेणी
प्रसन्ना स्त्री ९०३ मदिरा प्रवेणी स्त्री ५७० वेणी
प्रसभ न. ८०४ बलात्कार, जुलम प्रवेणी स्त्री ६८० झूल, हाथी वि. उपर प्रसर पुं ४९५ वेग
· नाखवा- वस्त्र . . प्रसल पुं १५६ हेमन्त ऋतु, मागशर अने प्रवेत पुं ७६० सारथि
पोष मास प्रवेल पुं ११७२ पीळा मग ।
प्रसव पुं ५४१ जन्म प्रवेश पुं १५०० प्रवेश, अंदर जq प्रसव पुं.११२५ फूल, पुष्प प्रवेशन न. ९९३ प्रवेश द्वार, मुख्य दरवाजो | प्रसवबन्धन न. ११२७ फळ-फूल व.नुं प्रवेष्ट पुं ५८९ भुजा, हाथ । 'प्रव्यक्त' न. १४६७ स्पष्ट
प्रसव्य न. १४६५ विपरीत, प्रतिकूळ, ऊलटुं प्रव्रज्या स्त्री ८१ (शि. ६) दीक्षा प्रसह्य अ. १५३९ हठथी, बलात्कारथी प्रशंसा स्त्री २७० वखाण, स्तुति प्रसादन न. ३९५ भोजन, भात प्रशमन न. ३७० हिंसा
प्रसादन पुं ९९३ (शि. ९६) देव मंदिर, प्रशस्त न. ८६. (शिं. ५) कल्याण
राजानो महेल प्रशस्यता स्त्री ६८ प्रशंसाने पात्र प्रभुनी | प्रसादना स्त्री ४९६ सेवा, भक्ति
वाणीनो २१मो गुण प्रसाधन न. ६३६ शणगार, अलंकार
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