________________
.शब्दमाला . २०७ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ · शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ पुष्प पुं न. ११२५ फूल
पुष्पलक पुं १२७४ गायने बांधवानो खीलो पुष्प न. ११८४ केरडाना फूल (शाक) पुष्पलावी स्त्री ९०० फूल एकठा करनारी पुष्प न. १२१३ फूल, भमरानुं भोज्य
मालण पुष्पक न. १९० कुबेरनु विमान | (पुष्पलिह्) पुं १२१३ भमरो पुष्पकरण्डिनी स्त्री ९७६ उज्जयिनी नगरी | पुष्पवत् (द्वि.व.) पुं १२४ सूर्य चन्द्रनुं भेगुं पुष्पकाल पुं १५६ वसन्त ऋतु, चैत्र अने
नाम वैशाख मास
पुष्पवती स्त्री ५३५ ऋतुवाळी स्त्री पुष्पकासीस न. १०५७ हीराकसी पुष्पवाटी त्रि. १११३ बगीचो, घरनी पासेनी पुष्पकेतन पुं २२८ कामदेव
वाडी (प्रधान आदिनी) पुष्पकेतु न. १०५४ कुसुमांजन, फूलमांथी | पुष्पस पुं ६०५ फेफसां
बनावेल अंजन पुष्पसाधारण पुं १५६ (शे. २५) वसन्त (पुष्पचाप) पुं २२८ कामदेव (पुष्पचूलिका) स्त्री २४५ ११९ उपांगसूत्र | पुष्पहास पुं २१९ (शे. ७२) विष्णु, कृष्ण पुष्पद पुं १११४ वृक्ष
पुष्पहीना स्त्री ५२५ ऋतु विनानी स्त्री पुष्पदन्त पुं २९ ९मा तीर्थंकर श्री . । पुष्पाजीव पुं ९०० माळी
विधिनाथनुं बीजं नाम । पुष्पाञ्जन न. १०५४ कुसुमांजन पुष्पदन्त (द्वि.व.) पुं १२४ चंद्र अने सूर्य- (पुष्पास्त्र) पुं २२८ कामदेव . भेगुं नाम
पुष्पिका स्त्री ६३४ लिंगनो मेल पुष्पदन्त पुं १७० वायव्य दिशाना दिग्गज | (पुष्पिका) स्त्री २४५ १०९ उपांगसूत्र पुष्पदामन् न. ६५१ पुष्पमाळा पुष्पिता स्त्री ५३५ (शि. ४३) रजस्वला स्त्री (पुष्पध्वज) पुं २२८. कामदेव (पुष्पेषु) पुं २२८ कामदेव (पुष्पन्धय) पुं. १२१३ भमरो पुष्य पुं १११ पुष्यनक्षत्र 'पुष्पफल' पुं ११५१ कोठ
पुस्त पुं न. ९२२ माटी वगेरेनी पूतळी पुष्परजस् न. ६४५ (शे. १३३) केशर
- अने रमकडां बनाववा ते पुष्परथ पुं ७५२ क्रीडा-यात्रामहोत्सव पूग पुं ११५४ सोपारी, झाड
- निमित्तनो रथ - पूजा श्री ४४७ पूजा करवी 'पुष्परस' पुं ११२७ मध
| पूजित पुं ४४६ पूजायेलो, पूज्य