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अभिधानचिन्तामणिनाममाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ ( पुरुषद्वयस ) त्रि. ६०१ पुरुष प्रमाण पुरुषपुङ्गव पुं १४४१ उत्तम पुरुष पुरुषपुण्डरीक पुं ६९६ छट्टा वासुदेव . ( पुरुषमात्र ) त्रि. ६०१ पुरुष प्रमाण पुरुषर्षभ पुं १४४१ उत्तम पुरुष पुरुषव्याघ्र पुं १४४१ उत्तम पुरुष पुरुषव्याघ्र पुं १३३५ ( शे. १९५१) गीध ( पुरुषशार्दूल) पुं १४४१ उत्तम पुरुष पुरुषसिंह पुं १४४१ उत्तम पुरुष पुरुषसिंह पुं ६९६ पांचमा वासुदेव पुरुषास्थिमालिन् पुं १९७ शंकर पुरुषोत्तम पुं २५ तीर्थंकर, अरिहंत, जिनेश्वर
पुरुषोत्तम पुं २१४ विष्णु, कृष्ण पुरुषोत्तम ६९५ चोथा वासुदेव पुरुह न. १४२६ बहु, घंणुं 'पुरुहू' पुं १४२६ घणुं पुरुहूत पुं १७१ इन्द्र पुरुरवस् पुं ७०१ पुरूवा राजा, उर्वशीनो पति
पुरोग पुं ४९८ अग्रेसर नायक पुरोग त्रि. १४३८ मुख्य, प्रधान पुरोगम पुं ४९८ अग्रेसर, नायक, आगळ
चालनार
पुरोगामिन् पुं ४९८ आगळ चालनार पुरोगामिन् पुं १२८० (शे. १८३ ) कूतरो पुरोधस् पुं ७२० पुरोहित
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ पुरोभागिन् पुं ३८० दोषग्राही पुरोहित पुं ७२० पुरोहित, गोर पुलक पुं न. ३०५ रोमांच : पुलक पुं १२०२ शरीरनी अंदर अने बहार थनारा नाना कीडा
( पुलस्त्य) पुं १२४ पुलस्त्य ऋषि, सप्तर्षि पैकी एक
( पुलह) पुं १२४ पुलह ऋषि पुलाकिन् पुं १११४ वृक्ष, झाड पुलिन पुं न. १०७८ पाणी ऊतरी गया पछी कोरी पडेली जमीन
पुलिन्द पुं ९३४ म्लेच्छ जाति, भ पुलोमन् पुं १७४ इन्द्रनो शत्रु ( पुलोमिद्विष्) पुं १७५ इन्द्र पुष्कर न. १६३ आकाश
पुष्कर न. १०६९ पाणी
पुष्कर न. ११६१ कमळ पुष्कर न. १२२४ सूंढनो अग्रभाग पुष्कर पुं ९८ (शे. ९) सूर्य पुष्कराख्य पुं १३२८ सारस पक्षी पुष्करिणी स्त्री १०९४ खोदेली तळावडी पुष्करिन् पुं १२१८ ( शे. १७५) हाथी पुष्कल न. १४२५ घणुं पुष्कल त्रि. १४३९ श्रेष्ठ
(पुष्कस) पुं ९३३ चांडाल पुष्टिवर्द्धन पुं १३२५ (शे. १९२) कूकडो पुष्प न. ५३६ स्त्रीरज