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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . २००
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ पार्श्वस्थ पुं ३३० पडखे रहेनार | पाश पुं ९३१ पाशा, मृगादि बांधवा माटेनी पाश्वोदरप्रिय पुं १३५२ करचलो |
गांठ पार्षद पुं २०१ शंकरनो गण | पाशक पुं ४८६ जुगार रमवाना पासा, बाजी पार्षद्य पुं ४८० सभाजन
लगाडेल रकम पाणिं स्त्री ६१६ चूंटीनी नीचेनो भाग (पाशपाणि) पुं १८८ वरुण देवता, पाणिंग्राह पुं ७३२ बीजा राजाने जीतवाने
जलदेवता गयेलो जाणी तेनुं राज्य लेनार राजा | पाशयन्त्र न. ९३२ (शि. ८२) पशु पक्षी पाल पुं ४ (प.) स्वामिवाचक शब्द
वगेरेने पकडवानो फांसो बनावनार शब्द | पाशिन् पुं १८८ वरुण देवता पाल ६८३ धुंकवा- पात्र, पिकदानी
| पाशुषाल्य न. ८६४ पशु द्वारा आजीविका पालक पुं १२३३ (शे. १७८) घोडो
चलाववी पालकाप्य पुं ८५३ पालकाप्य मुनि | पाशुपाल्य न. ८८८ पशु पालननो व्यवसाय पालक्या पुं ११८६ पालखानी भाजी | पश्चात्य न. १४५९ छेल्लु, पाछखें पालाश पुं ८१५ व्रतमा रखातो खाखरानो | पाश्या स्त्री १४२१ जाळोनो समूह
दंड . पाषाण पुं १०३५ पत्थर पालाश पुं १३९५ लीलो वर्ण, मिश्रित वर्ण | पाषाणदारक पुं ९१९ पत्थर तोडनार पालि स्त्री ५७४ काननी वेल, . | पिक पुं १३२१ कोयल
काननो अग्र भाग | पिकबान्धव पुं १५६ (शे. २५) वसन्त पालि स्त्री ९६५ पाळ, बंध, पुल, सेतु . ऋतु, चैत्र वैशाख मास पालि स्त्री ५३१ (शे. ११३) दाढी मूछवाळी | पिक पुं १२२० (शि. १०७) स्त्री
२० वर्षनो हाथी (पालि) पुं १०१३ खूणो
पिङ्ग पुं १३९७ लालमिश्रित पीळो वर्ण पाली स्त्री १०१३ खूणो
पिङ्ग पुं १२८३ (शे. १८३) पाडो पाली स्त्री ९६५ सेतु, पुल
| पिङ्गकपिशा स्त्री १२०७ घीमेल पावक पुं १०९८ अग्नि
पिङ्चक्षुष पुं १३५२ करचलो पावन पुं १४३५ पवित्र
पिङ्गजट पुं १९९ शंकर पावन पुं १०७० (शे. १६५) पाणी । पिङ्गल पुं ११९९ एक प्रकार- स्थावर विष