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शब्दमाला . १९१ .
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ परिकर्मिन् पुं ३६० चाकर
परिणाय पुं ४८७ पासा प्रमाणे परिकूट पुं न. ९८२ नगरना दरवाजा पासे
सोगठा फेरववा ते चडवा ऊतरवानो ढाळ | परिणाह पुं १४३१ पहोळाई परिक्रम पुं १५०० विहार, पगे चालवू ते | परिणाह पुं २०० (शे. ४३) शंकर परिक्षिप्त न. १४७४ घेरायेखें, वींटायेखें | परिणेतृ पुं ५१७ (शे. ४२) पति, वर परिखा स्त्री १०९५ खाइ .
परितस् अ. १५२९ चारे बाजु, सर्व तरफ परिग्रह पुं ५१३ पत्नी, सहचारिणी परित्राण न. ६३० (शे. १२९) रोम, रुवाटा परिग्रह पुं ७१५ नोकर, चाकर, परिवार | (परित्याग) पुं७३८ त्याग (४ पैकी पैसाने परिघ पुं ७८६ लोढाथी बंधायेली लाकडी, | . छोडी देवारूपे राजानु एक अर्थ दूषण)
। कडियाळी डांग | परिदान न. ८६९ साटु, अदलो बदलो परिघ पुं १००४ भोगळ, कपाड बंध करी |
करवो ते पछवाडे नाखेल लोढा के लाकडानो दंड | परिदान न. ८५० (शए. ७७) थापण पाछी परिघातन पुं ७८६ कडियाळी डांग ।
आपवी परिचय पुं १५१३ ओळखाण परिदेवन न. २७५ शोक करवो परिचर पुं ७६५ दंडनायक, सेनानुं रक्षण | परिधान न. ६७२ नीचे पहेरवानुं वस्त्र
- करनार, चोकीदार . | परिधि पुं १०२ मंडल, चन्द्रसूर्यनी चारेबाजु परिचर्या स्त्री ४९६ सेवा, भक्ति
परिधि परिचारक पुं ३५९ चाकर
परिधिस्थ पुं ७६५ सैन्यनी बंदोबस्त परिच्छद पुं ७१६ नोकर-चाकर वगेरे
राखनार, दंडनायक परिवार
परिपण पुं ८६९ मूल धन, पुंजी, मूडी परिजन पुं ७१६ (शे. ६१) नोकर-चाकर | परिपन्थक पुं ७२९ शत्रु
वगेरे परिवार | परिपन्थिन् पुं ७२९ शत्रु . परिज्वन् पुं १०५ (शे. १४) चन्द्र परिपाटि स्त्री ५०४ अनुक्रम परिणत पुं १२२१ वांको घा करनार हाथी | परिपाटि स्त्री १५०४ अनुक्रम परिणत न. १४८५ पाकेलुं . . . परिपूर्णसहस्रचन्द्रवती स्त्री १७५ परिणय पुं ५१८ विवाह
(शे. ३४) इन्द्राणी परिणाम पुं १५१८ फेरफार, विचार परिप्लव न. १४५५ चल, चंचल, चपल