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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १७६ .
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ निखर्व पुं ४५४ वामन, ठीगणो . नितम्ब पुं१०३३ पर्वतनो मध्यभाग निखर्व न. ८७४ दश खर्व
नितम्बिनी स्त्री ५०४ स्त्री निखिल न. १४३३ समस्त
नितान्त न. त्रि. १५०६ अतिशय, घj निगड पुं न १२२९ सांकळ, हाथीना पगे | नित्य त्रि. १४५३ नित्य, शाश्वत
बांधवानी श्रृंखला नित्य न. १४७१ निरंतर, नित्य, कायम निगडित पुं ४३८ बंधायेलो, केदी . नित्यगति पुं ११०६ वायु, पवन निगण पुं ८३७ होमनो धूमाडो | नित्ययौवना स्त्री ७१० द्रौपदी निगम पुं ९७२ नगर, मुख्य शहेर निदाघ पुं न. १५७ ग्रीष्म ऋतु निगम पुं ९७२ २५ गामोमां श्रेष्ठ नगर निदाघ पुं ३०५ परसेवो, घाम, गरमी निगम पुं ९८३ मार्ग, रस्तो | निदान न. १५१४ कारण, हेतु निगरण पुं ५८८ कंठ
'निदिग्धिका' स्त्री ११५७ बेठी भोंय रींगणी निगल पुं १२२९ (शि. ११०) सांकळ | निदेश पुं २७७ आज्ञा, हुकम निगाल पुं. १२४४ गळानो प्रदेश निद्रा स्त्री ७३ तीर्थंकरमा न होयते १८ दोष निगूढक पुं ११७३ जंगली मग
__ पैकी १५ मो दोष-ऊंघ निग्रह पुं १५०८ अटकाव, अस्वीकार निद्रा ३१३ निद्रा, ऊंघ निघण्टु पुं न. २५८ शब्दकोष - . निद्राण पुं ४४३ सूतेलो निघस पुं ४२३ भोजन, खावं ते निद्राण त्रि. ११२९ बीडायेलु (पुष्प) निन पुं ३५६ परवश, पराधीन निद्रालु पुं ४४२ ऊंघनार निचित न. १४७३ पूर्ण, भरेलु निधन पुं न. ३२४ मृत्यु निचुल पुं ६७६ ओछाड, उत्तरपट निधनाक्ष पुं १९० (शे. ४०) कुबेरदेव निचुल पुं ११४५ पाणीमां थतुं नेतर । निधान न. १९२ भंडार (निचुलक) पुं न. ६७६ ओछाड (निधानेश) पुं १९० कुबेरदेव निचोल पुं ६७६ ओछाड
निधि पुं १९२ भंडार निचोलक पुं ७६७ चोळी, कांचळी, . | निधीश्वर पुं १९० कुबेरदेव
योद्धानु सुतराउ बख्तर | निधुवन न. ५३७ मैथुन निज पुं त्रि. ५६१ पोतानुं
निध्यान न. ५७७ जो नितम्ब ६०८ स्त्रीनी केडनो पाछलो भाग | निनद पुं १३९९ शब्द, ध्वनि