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. अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १६८ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ धूर्वी स्त्री ७५७ धोंसरी, रथादिनो अग्र भाग | धोरणी स्त्री १४२३ श्रेणि, ओळी (धूलि) स्त्री ९७० धूळ
| धोरित न. १२४६ नोळीआ, डुक्कर, मोर वि. धूलिभक्त ५१८ (शे. १११) विवाह
ना जेवी घोडानी गति प्रसंगनी एक क्रिया | धौत १४३७ न. धोयेंखें, साफ करायेखें धूली स्त्री ९७० धूळ
| धौतकौशेय न. ६६७ कोशेटानी लाळनुं धूसर पुं ९१७ घांची
वस्त्र, धोयेलुं रेशमी वस्त्र धूसर पुं १३९३ कंईक धोळाश पंडतो रंग | धौरितक न. १२४६ नोळीआदि जेवी 'धूस्तूर' पुं ११५१ धत्तुरो
- घोडानी गति धृतराष्ट्र पुं १३११ एक जातनो नाग । | धौरेय पुं १२६२ घोंसरीने वहन करनार बळद धृति स्त्री ३०८ संतोष
धौरेयक पुं१२६२ घोंसरीने वहन करनार बळद धृष्ट पुं ४३२ निर्लज्ज, अविनीत धौर्य न. १२४६ नोळीआ वि. जेवी धृष्णज् पुं ४३२ निर्लज्ज, अविनीत
- घोडानी गति 'धृष्णि' पुं ९९ किरण
ध्यान न. ८४ ध्येयमां एकतानता धृष्णु पुं ४३२ निर्लज्ज, अविनीत ध्यान न. ३२० ध्यान, विचारणा धेनु स्त्री १२६७ नवी प्रसवेली गाय : घ्यानयोगासन न. ८३८ ध्यान अने योग धेनुक पुं २१९ विष्णुनो शत्रु
करवा माटे- आसन (धेनुकध्वंसिन्) पुं २२१ विष्णु, कृष्ण | ध्रुव पुं १२२ ध्रुव, उत्तानपादना पुत्र धेनुका स्त्री १२१८ हाथणी | ध्रुव पुं २१२ ब्रह्मा धेनुका स्त्री ७८४ (शे. १४७) छरी ध्रुव त्रि. १४५३ शाश्वत, नित्य धेनुष्या स्त्री १२७० गीरो मूकेली गाय, दूध | (ध्रुव) पुं ११२२ वृक्ष- ठुटुं
पीवा लेणदारोने आपेली गाय | ध्रुवक पुं ११२२ वृक्ष- ठुलु धैनुक न. १४१८ गायोनो समूह | धुवा स्त्री ८२९ दरेक जातिनी संज्ञा माटेनें धैवत पुं १४०१ वीणाना ७ पैकी ६ट्ठो स्वर | घी जेमा नख़ाय ते यज्ञनुं पात्र धोरण न. ७५९ सर्व प्रकारना वाहन, रथ, | ध्वंसिन् १० (५) वध्य वाचकथी लगाडातो
हाथी, घोडा, वि. । .. शब्द धोरण न. १२४६ नोळीओ, डुक्कर, मोर वि. | ध्वज ६ (प.) धार्य वाचकशब्दथी लगाडातो ना जेवी घोडानी गति |
शब्द