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शब्दमाला . १६३ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ द्विजिह पुं १३०३ साप, नाग द्विष् पुं ७२९ शत्रु (द्विजेश) पुं १०४ चन्द्र
द्विषत् पुं ७२९ शत्रु द्वितय स्त्री न १४२३ युगल, बे 'द्विष्ट' न १०३९ तांबु द्वितीय पुं ५४२ (शे. ११५) पुत्र । द्विस् अ १५४२ (शे. २०६) बे वार द्वितीया स्त्री ५१३ पनी
द्विसहस्राक्ष पुं १३०७ शेष नाग द्वितीयाकृत न ९६८ बे वार खेडेलु खेतर | द्विसीत्य न ९६८ बे वार खेडेलु खेतर द्विदत् पुं १२६३ बे दांतवाळो द्विहल्य न ९६८ बे वार खेडेलं खेतर द्विधा अ १५४२ (शे. २०६) बे प्रकारे | द्विहायनी स्त्री १२७२ बे वर्षनी गाय द्विधागति पुं १३५२ करचलो (जळजन्तु)द्वीप पुं न १०७८ बेट द्विनग्नक पुं ४५४ खराब चामडी वाळो द्वीपकुमार पुं ९० दस भवन पैकी द्विप पुं १२१७ हाथी
नवमा भवनपतिदेव द्विपथ न ९८६ ज्यां बे रस्ता भेगा थाय | | द्वीपवती स्त्री १०८० नदी तेवू स्थान
द्वीपिन् पुं १२८५ वाघ द्विपद पुं २१९ (शे. ७५) विष्णु, नारायण | द्वधा अ १५४२ (शे. २०६) बे प्रकारे द्विपाद्य पुं ७४५ बमणो दंड
द्वेष पुं ७३ तीर्थंकरमा न होय ते . द्विपृष्ठ पुं ६९५ बीजा वासुदेव
१८मो दोष द्वेष, घृणा द्विमातृज पुं ५४६ बे मातानो पुत्र द्वेषिन् पुं ७२९ शत्रु द्विमुख पुं १३०४ (शे. १८७) राजसर्प द्वेषिन् १० (प.) वध्यवाचक शब्दथी द्विरद पुं १२१७ हाथी
लगाडातो शब्द "द्विरसन' पुं १३०४ सर्प
द्वेष्य पुं ४४८ द्वेष योग्य द्विता स्त्री ५२५ फरीथी परणेली स्त्री द्वैगुणिक पुं ८८० व्याजथी आजीविका द्विरेफ स्त्री १२१२ भमरो
चलावनार. द्विवर्षा स्त्री १२७२ बे वर्षनी गाय द्वैत न १४२४ युगल, बे द्विविद पुं २२० राक्षसनुं नाम | द्वैध न ७३५ शत्रुमां फाटकूट पाडवी, एक (विष्णुनो वध्य).
साथे संधि करी बीजे लडाई करवी (द्विविदारि) पुं २२१ विष्णु, नारायण द्वैधम् अ १५४२ (शे. २०६) बे प्रकारे द्विशरीर पुं २०७ (शे. ६२) गणेश द्वैप पुं७५५ वाघना चामडाथी ढंकायेलो रथ