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शब्दमाला . १५९ .
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ - शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ देवब्रह्मन् पुं ८४९ नारद ऋषि | देवी स्त्री ४० श्रीअरनाथ भगवाननी माता देवभूय न ८४१ देवपणुं
देवी स्त्री ३३४ पट्टराणी (नाटकमां राणी (देवभोज्य ) न ८९ अमृत, देवोनो आहार
माटे वपरातो शब्द) देवमातृक पुं ९५५ वरसादना पाणीथी । देवीकोट पुं ९७७ बाणासुरनुं नगर
अवाज उत्पन्न थाय तेवो देश | देव पुं ५५३ पतिनो नानो भाई, दियर देवयज्ञ पुं ८२१ देवो- विमान | देश पुं ९४७ देश (देवयान) न. ८९ देवोनुं विमान । देशक पुं ४८८ शासन करनार देवर पुं ५५३ दीयर, पतिनो नानो भाई | | देशरूप न ७४२ न्याय देवराज पुं १८ (प.) इन्द्र .. देशिक पुं ४९३ मुसाफर प्रवासी देवल पुं ९२४ देवनो पूजारी
देह पुं५७ तीर्थकरोनुं शरीर अद्भुतरूप अने (देवलोक) पुं ८७ स्वर्ग
गंधवाळु होय छे ते तीर्थकरनो १लो अतिशय (देववर्मन्) न १६३ आकाश देह न ५६३ शरीर देववकि पुं १८२ विश्वकर्मा, देवनो शिल्पी | देहधारक न ६२६ हाडकुं देवशुनी स्त्री १२८१ (शि. ११३) कुतरी | ( देहभाजू) पुं १३६६ संसारीजीव देवश्रुत पुं ५४ आवती उत्सपिणीमां थनारा | देहभृत् पुं १३६६ संसारी जीव . छट्ठा तीर्थंकर
देहलक्षण न ५६५ चक्र वगेरे देहनां लक्षण देवसायुज्य न ८४१ देवपणुं
देहली स्त्री १००९ घरनो ऊंबरो देवसृष्टा स्त्री ९०३ मदिरा
| देहसञ्चारिपती स्त्री ५४२ (शे. ११५) पुत्री देवाजीव ९२४ देवनो पूजारी. देहिनी स्त्री ९३८ (शे. १५८) पृथ्वी देवाधिदेव पुं २५ तीर्थंकर . (दैतेय) पुं (ब.व) २३८ असुर देवानाम्प्रिय पुं ३५३ मूर्ख
दैत्यगुरु पुं १२० असुराचार्य शुक्र देवान्धस् न ८९ अमृत, देवानो आहार | | दैत्यदेव पुं ११०७ वायु, पवन (देवान) न ८९ अमृत, देवोनो आहार | दैत्यारि पुं २१४ विष्णु, नारायण देवायुध न १७९ इन्द्रनुं धनुष्य ... दैन्य न ३१९ दीनता देवार्य पुं ३० महावीर स्वामी, . दर्घ्य न १४३१ लंबाई
२४मा तीर्थंकर .. दैव पुं न १३७९ भाग्य (देवाहार) पुं ८९ अमृत
1 दवज्ञ पुं न ४८२ ज्योतिषी