SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 147
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला .. ११६ . . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ . | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ घात पुं ३७१ हिंसा घृतवर पुं ४०० घेबर '' घातिन् पुं १०(प.) वध्यथी लगाडातो शब्द | घुतलेखनी स्त्री ८३६ घी होमवानी कडछी जेमके पुरघाती - शंकर | घृताण्डी स्त्री ४०० (शे. ९७) घीमां घातुक पुं ३६९ हिंसक तळेली रोटली 'घातोद्यत पुं ३७२ वध करवाने तत्पर थयेलो | घृतार्चिष् न. ११०० (शे. १७०) अग्नि घार पुं ८३७ घी वगेरेथी अग्निमुं. | घृतावनि स्त्री ८२५ घीथी चोपडेलो. सिंचन करवू .ते यज्ञस्तंभनो एक भाग घार्तिक पुं ४०० घेबर . घृताह्वय पुं६४८ (शे. १३४) गुगलनो धूप घास पुं ११९५ घास घृतेली स्त्री १२०७ घीमेल घासि पुं ११०० (शे. १६९) अग्नि घृतौषणी स्त्री ४०० (शे. ९७) घीथी घुट पुं स्त्री ६१५ पगनी एडी, चूंटण - तळेली रोटली घुटिक पुं स्त्री ६१५ पगनी एडी, घृष्टि पुं १२८८ भंड ___ उपरनी चुंटी, धुंटण | घोटक पुं १२३२ घोडो घुण पुं १२०३ लाकडानो कीडो |घोणस पुं १३०६ गायना जेवी घुण्टक पुं स्त्री ६१५ घुटण, पगनी एडी नासिकावाळो साप घुसण न. ६४४ केशर . | घोणा स्त्री ५८० नाक, घूक पुं १३२४ घूवड घोणिन् पुं १२८८ भंड घूकारि पुं १३२२ कागडो 'घोण्टा' स्त्री ११५४ सोपारीनुं झाड घूर्णन न. १५१९ भमवं, चक्राकारे फरवू | घोर न. ३०३ भयंकर, भयानक घूर्णि स्त्री १५१९ भमवू, चक्राकारे फरवू | घोर न. ६४५ (शे. १३३) केशर घूर्णित पुं ४४२ बेठा बेठा उंघनार घोरा स्त्री १४३ (शे. १९) रात्रि घृणा पुं३०३ दुगंछा, बीभत्सरसनो स्थायी भाव | घोरवासिन् पुं १२९० शियाळ घृणा स्त्री ३६९ अनुकंपा, दया | घोल न. ४०८ छास, वलोवेलुं दहीं घृणि पुं ९९ किरण | घोष पुं १००२ गोवाळोनुं रहेठाण घृत पुं न. ४०७ घी घोष पुं १०४९ कांसु घृत न. १०७० (शे. १६४) पाणी घोष पुं १४०० शब्द, ध्वनि घुतपूर पुं ४०० घेबर | घोषणा स्त्री २६९ ऊंचे स्वरे बोलवू ते
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy