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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ८८
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ कुश न. १०६९ पाणी
कुसुम न. पुं ११२४ पुष्प, फूल कुश पुं न. ११९२ दर्भ, डाभ। कुसुम न. ५३६ (शि. ४४) स्त्री रज कुशल न. ८६ कल्याण
(कुसुमधन्वन्) पुं २२८ कामदेव कुशल पुं ३४३ निपुण, होशियार .. कुसुमपुर न. ९७६ पाटलिपुत्र, पटणा कुशस्थल न. ९७४ कान्यकुब्ज, कनोज | (कुसुमबाण.) पुं.२२८ कामदेव कुशा स्त्री १२५२ दोरी, लगाम : कुसुमान्त न. ६४५ (शे. १३३) केशर कुशाग्रीयमति पुं ३४४ तीक्ष्ण बुद्धिवाळो | (कुसुमायुध) २२८ कामदेव कुशारणि पुं ८५० दुर्वासा ऋषि कुसुम्भ न. पुं ११५९ कसुबो कुशिक पुं ८९१ कोस, खेतीनुं साधन । कुसुम्भ न. ६४५ (शे. १३३) केशर कुशिन् पुं ८४६. वाल्मीकि ऋषि कुसू पुं १२०३ अळसिया, जमीनना कीडा कुशी स्त्री १०३९ लोढानी कोश कुसूल पुं १०१३ अननो कोठार कुशीद न. ८८० व्याजनो धंधो . कुसृति स्त्री ३७७ माया, लुच्चाई कुशीलव पुं ३२९ चारण ।
कुसृति स्त्री ९२६ इन्द्रजाळ, जादुगीरी कुशीलव पुं (द्वि.व.) ७०४ कुश अने लव | कुस्तुम्बुरु न. पुं ४१९ धाणा, कोथमीर कुशूल पुं १०१३ (शि. ८८) अन्ननो कोठार | कुह पुं १८९ कुबेर देव कुशेशय न. ११६० कमळ
कुहक पुं ३७७ ठग, धूर्त कुषाकु पुं ११०० (शे. १७०) अग्नि (कुहक) न. ९२६ इन्द्रजाळ, जादुगीरी कुषीद न. ८८० व्याजनो धंधो कुहकस्वन पुं १३४२ रानी कूकडो कुष्ठ न. ४६६ धोळो कोढ रोग कुहन पुं ३९१ ईर्ष्याळु कुष्ठ पुं ११९७ स्थावर विष
कुहना स्त्री ३७९ दम्भपूर्वक चालवू कुष्ठारि पुं १०५७ गन्धक
कुहर न. १३६३ छिद्र, बिल (कुष्माण्डी) स्त्री ४६ अंबिका देवी कुहाला स्त्री २९४ (शे. ८५) शिंगडा जेवू कुसीद पुं ८८० व्याजनो धंधो
वाजिंत्र कुसीदिक पुं ८८० व्याजथी आजीविका | कुहावती स्त्री २०५ (शे. ५४) पार्वती
चलावनार | कुहु स्त्री १५१ चन्द्र न जणातो होय कुसुम पुं ४२ श्री पद्मप्रभस्वामी
तेवी अमास भगवानना शासनदेव । कुहुक न. ९२६ इन्द्रजाळ