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________________ __ . शब्दमाला . ८१ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ 'किकि' पुं १३२९ चाष पक्षी | किञ्जल्क न. ११६६ केसरां, कमळनां तांतणा 'किकिदिव' पुं १३२९ चाष पक्षी किटि पुं १२८८ भंड 'किकिदिवि' पुं १३२९ चाष पक्षी किटिभ पुं १२०९ मांकड किकिदीवि पुं १३२९ (शि. ११९) चाष पक्षी | किट्ट न. पुं ६३१ कान वगेरेनो मेल किकी पुं १३२९ (शि. ११८) चाष पक्षी | किट्टवर्जित न. ६२९ शुक्र, वीर्य 'किकीदिव' पुं १३२९ चाष पक्षी । | किट्टिम न. १०७० (शे. १६६) अतिक्षार 'किकीदिवि' पुं १३२९ चाष पक्षी वाळू पाणी 'किकीदिवि' पुं १३२९ चाष पक्षी | किण पुं न. ४६५ डाघ, घार्नु चिह्न 'किकीदीवि' पुं १३२९ चाष पक्षी किणालात पुं १७४ (शे. ३२) इन्द्र किखि स्त्री १२९० शियाळ जेवं प्राणी, किण्व न. ९०४ सुराबीज, जेमांथी मद बने लोंकडी . छे तेवा बीज किङ्कण पुं २९४ (शि. ८४) वाद्यविशेष, | किण्व न. १३८१ अशुभ, पाप, दुष्कृत . ढोल . | | किण्विन् पुं १२३३ (शे. १७८) घोडो (किङ्कणि) स्त्री ६६५ घुघरी कितव पुं ४८५ लुच्चो, किङ्कणी स्त्री ६६५ घुघरी . . पासा वडे जुगार रमनार किङ्कर पुं ३६० चाकर . किन्नर पुं ४२ श्री धर्मनाथ भगवानना 'किङ्किणि' स्त्री ६६५ घुघरी _ शासन देव किङ्किणी स्त्री ६६५ (शि. ५४) घुघरी किन्नर पुं ९१ व्यंतर देव किङ्किरात पुं ११३५ पीळो बाणपुष्प, । | किन्नर पुं १९४ किन्नर देव ___ आसोपालव, झाड | किन्नरी स्त्री २९० (शे. ८३) चांडालनी वीणा किञ्चन अ. १५३६ थोडं, अल्प (किन्नरेश) पुं १९० कुबेर देव किञ्चित् अ. १५३६ अल्प, थोडं किम् अ. १५२८. बस, पर्याप्त 'किञ्चिलक' पुं १२०३ अळसिया किम् अ. १५३६ वितर्क के विकल्प जणावनार किञ्चुलक पुं १२०३ अळसिया, किमु अ. १५३६ वितर्क के विकल्प जणावनार जमीनना कीडा | किमुत अ. १५३५ अति, अतिशय किञ्चुलुक पुं १२०३ (शि. १०८) किमुत अ. १५३६ वितर्क के विकल्प जणावनार अळसिया, जमीनना कीडा | किम्पचान पुं ३६८ कंजूस माणस
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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