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लहीयो
अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ७८ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ . शब्द लिंग / श्लोक / अर्थ कायमान न. ९९६ तृणकाष्ठथी बनावेली | कार्तवीर्य पुं ७०२ कृतवीर्यना पुत्र, अर्जुन झंपडी
कार्तस्वर न. १०४४ सोनुं कायस्थ पुं ४८४ (शे. १०७) लेखक, | कान्तिक पुं ४८२ ज्योतिषी, दैवज्ञ
कार्तिक पुं १५५ कार्तिक मास 'कायस्था' स्त्री ११४६ हरडे
कार्तिकिक पुं १५५ कार्तिक मास कारकाद्यविपर्यास पुं ६९ कारक, काळ, | कार्पण्य न. ३१९ गरीबाई, कृपणता
वचन, लिंग वगेरेना विरोध वगरनी | कार्पास न. ६६९ कपासमांथी बनेलुं वस्त्र
प्रभुनी वाणीनो २५मों गुण 'कार्पासी' स्त्री ११३९ कपासनो छोड कारकुक्षीय पुं ९५७ साल्व देश | कार्म पुं ३५४ सतत कार्य करनार कारण न. १५१३ हेतु, मुख्य कारण | कार्मण न. १४९८ कामण, औषधि - कारणा स्त्री १३५८ नरकनी पीडा - जडीबूटी वगेरेथी वश करवू ते कारणिक पुं ४७९ परीक्षा करनार | कार्मुक न. ७७५ धनुष्य कारण्डव पुं १३४१ बतक पक्षी कार्य न. १५१४ कार्य, प्रवृत्ति 'कारम्भा' स्त्री ११४९ कांग
(कार्वट) न. ९७२ सो गामोमां श्रेष्ठ नगर कारवेल्ल पुं ११८८ कारेली
कार्षक पुं ८९० खेडूत कारस्कर पुं १११४ वृक्ष, झाड 'कार्य' पुं ११३८ शाल, डामरनुं वृक्ष कारा स्त्री ८०६ जेल, केदखानुं 'कार्घ्य' पुं ११३८ शाल, डामरनुं वृक्ष कारिका स्त्री २५८ थोडी वृत्तिथी घणा | काल पुं १२६ समय, वखत
अर्थ- सूचन करनार | काल पुं १८४. यम, यमराज कारिन् पुं ८९९ शिल्पी, कारीगर | काल पुं ३२३ मृत्यु, मरण कारु पुं ८९९ शिल्पी, कारीगर काल पुं १३९७ श्याम वर्ण कारुण्य न. ३६९ अनुकंपा, दया | काल पुं १२१ (शे. १६) शनि कारुष पुं ९५९ एक देशनुं नाम (काबुल) | काल पुं २०० (शे. ४७) शंकर, महादेव (कारेणव) पुं.८५३ (शि. ७५) पालकाप्य ] (काल-) पुं १९३ नवनिधि पैकी मुनि
छठ्ठा निधिनुं नाम कारोत्तम पुं ९०५ मदिरामांनो स्वच्छ भाग | कालक.न. ६०४ कलेजुं, यकृत, कार्तवीर्य पुं ६९३ आठमा सुभूम चक्रवर्ती । . हृदयनो जमणो भाग