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________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला • ७६ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ काञ्चनपुं. २३६ सात पैकी पांचमां बुद्ध कात्यायनी स्त्री ५३१ आधेड वयनी काञ्चन न. १०४३ सोनुं कषायवर्णना वस्त्र धारण करनारी स्त्री काञ्चनगिरि पुं १०३२ मेरु पर्वत कादम्ब पुं १३२७ बालहंस, कलहंस, काञ्चनी स्त्री ४१८ हळदर काळी-धोळी पांखवाळा हंस काञ्चिक न. ४१५ कांजी, राब काची स्त्री ६६४ स्त्रीनी केडनो कंदोरी, मेखला काञ्चीपद न. ६०७ केड. काञ्जिक न. ४१५ कांजी, रब काण पुं ४५३ काणो काण्ड पुं न. ७७८ बाण काण्ड पुं न. ११८२ अनाजना छोड़नो दांड़ो, सांठो काण्ड न. पुं १४४२ अधम, हलकुं काण्डप पुं ६८० कनात, पडदो काण्डपृष्ठ पुं ७७० शस्त्रो वडे आजीविका चलावनार काण्डवत् पुं ७७१ बाण धारण करनार काण्डवीणा स्त्री २९० (शेष ८३) चांडालनी वीणा काण्डस्पृष्ट पुं ८५८ शस्त्रथी आजीविका चलावनार काण्डीर पुं ७७१ बाण धारण करनार कातर पुं ३६५ बीकण कात्य पुं ८५२ (शि. ७५) कात्यायन ऋषि कात्यायन पुं ८५२ कात्यायन ऋषि कात्यायनी स्त्री २०३ शंकरनी स्त्री, पार्वती कादम्ब पुं ७७८ (शेष १४३) बाण कादम्बरी स्त्री न. ९०२ मंदिरा कादम्बिनी स्त्री १६५ मेघनी श्रेणि 'काद्रव' पुं ११७७ कोदरा काद्रवेय पुं १३०७ नाग, देवयोनिवाळा सर्पो, मनुष्याकारे फेण अने पूंछडावाळा सर्पो कानन न. १११० जंगल कानीन पुं ५४७ कुंवारी स्त्रीनो पुत्र ( व्यास अने कर्ण) . कानीन पुं ८४७ व्यासऋषि कान्त न. १४४४ सुंदर, मनोहर कान्त पुं ५१६ पति, वर कान्ता स्त्री (परि. ८) आ शब्द पतिवाचक शब्दथी लगाडी पत्नीवाचक शब्द बने छे कान्ता स्त्री ५०४ मनोहर स्त्री कान्ता स्त्री ५१५ पत्नी कान्तार पुं न. ९८५ विकट मार्ग, चोर कांटा वगेरे वाळो मार्ग कान्तार पुं न. १११० जंगल कान्तार पुं ११९४ जुदी जुदी जातनी शेरडी कान्तारवासिनी स्त्री २०५ (शे. ५०) पार्वती कान्ति स्त्री ५०९ स्त्रीओना सात्त्विक सात अलंकार पैकी एक अलंकार
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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